कौन कर रहा समागम का खर्चा?
मुख्य अतिथि वैश्य क्यों नहीं
यह समाज के लिए या फिर राजनीति के लिए

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। एक अक्टूबर सायं अग्र समाज का अग्र समागम ताऊ देवीलाल स्टेडियम में होने जा रहा है। गुरुग्राम के वैश्यों में चर्चा बनी हुई है कि जिस प्रकार इसके संयोजक नवीन गोयल कह रहे हैं कि भव्य पंडाल लगाया जाएगा, सारे शहर में बोर्ड लगाए गए हैं, भोजन कराया जाएगा, इतना खर्चा क्या संयोजक उठाएंगे या संस्थाएं दे रही हैं?

कुछ लोगों का कहना है कि अग्र समागम का यह कार्यक्रम अग्र समाज द्वारा आयोजित होना था न कि किसी व्यक्ति द्वारा और अग्र समाज में सभी अग्र आते हैं। उनमें यह नहीं देखा जाता है कि वह भाजपा से है या कांग्रेस से या आप से या फिर इनेलो से। अग्र तो अग्र ही है चाहे किसी पार्टी में हो। इसके निमंत्रण पत्र में ऐसा प्रतीत है कि सभी भाजपा समर्थक बुलाए गए हैं।

लोगों में चर्चा है कि यह कार्यक्रम राजनैतिक रूप से किया जा रहा है और इसके पीछे लक्ष्य यह है कि नॉन जाट मुख्यमंत्री को कमजोर कर जाटों का वर्चस्व बढ़ाया जाए। चर्चा है लेकिन वास्तविकता क्या है, यह तो आयोजक जानें। चर्चा में यह भी कहा जा रहा है कि खर्चा जाट राजनैतिक ही उठा रहे हैं। 

मुख्य अतिथि क्या कोई इन्हें वैश्य समाज से नहीं मिला। हमारे हरियाणा में बहुत धनाड्य और मिलनसार जिंदल परिवार रहता है तो नवीन जिंदल या सर्वाधिक धनाड्य श्रीमती सावित्री जिंदल भी मुख्य अतिथि हो सकती थीं। इसी प्रकार कुछ का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मुख्य अतिथि हो सकते थे और यदि राजनैतिक को ही बुलाना था तो ओमप्रकाश धनखड़ से कहीं वरिष्ठ केंद्रीय संसदीय कमेटी की सदस्य श्रीमती सुधा यादव को बुलाया जा सकता था। जहां जाति की बात आती है तो वहां यह सवाल तो बड़ी शिद्दत से उठ रहा है कि जाट मुख्य अतिथि क्यों?

गुरुग्राम में अनेक वैश्य संस्थाएं हैं और अनेक ऐसे परिवार हैं जो अपने आपमें ही संस्था जितना महत्व रखते हैं तो क्या यह कार्यक्रम अग्र समाज की संस्था या इसकी संयुक्त संस्था के संयोजन में नहीं होना चाहिए था? यह सवाल वैश्य समाज में उठ रहा है। अधिकांश का कहना है कि यह विशुद्ध राजनैतिक कार्यक्रम है, जिसके लिए अग्र समाज और महाराजा अग्रसेन का नाम प्रयोग किया जा रहा है। कार्यक्रम के टैंट को देखकर चर्चाएं यह भी आ रही हैं कि दस हजार आदमी तो इसमें बैठ ही नहीं सकते। देखिए शाम को होता है क्या?

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