गुरुग्राम। आम आदमी पार्टी के जिला कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा हरियाणा सरकार पर लगाए गए सौ करोड़ के जुर्माने का हवाला देते हुए जिलाध्यक्ष मुकेश डागर ने कहा कि निगम के अधिकारी भ्रष्टाचार में इतना लिप्त हैं कि उन्हें आम जनता की कोई चिंता ही नहीं है। बंधवारी का पूरा क्षेत्र एक ऐसा कूड़े का पहाड़ बन गया है जिसका कोई इलाज ना तो निगम के पास है ना ही उन कंपनियों के पास जिन्हे करोड़ों रुपए के ठेके दिए गए हैं। पूरा शहर कूड़े का ढेर बना हुआ है नालियां भरी हुई हैं और सीवर से बाहर गंदा पानी जहां जगह बह रहा है जिसकी कोई सुनवाई नहीं है। डेंगू और अन्य बीमारियों से शहर की जनता परेशान है लेकिन किसी के कानो में जूं तक नहीं रेंगती। उन्होंने मुख्य मंत्री जी से सवाल पूछते हुए कहा की सब कुछ जानते हुए भी वो भ्रष्ट अधिकारियों और निजी कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम क्यों नहीं उठा रहे? ऐसा लगता है जैसे दोषियों को संरक्षण दिया जा रहा है!

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री अनुराधा शर्मा भी अपनी बात रखते हुए कहा ” हरियाणा सरकार जबाब दे कि जुर्माने की 100 करोड रकम कहाँ से भरी जायेगी। इस रकम को भ्रष्ट अफसरो की जेब से भरा जाना चाहिये क्योकि उन्होने उन कंपनियों को सरंक्षण दिया जिसने पैसा लिया लेकिन कूड़े पर काम नही किया।

बादशाहपुर विधान सभा अध्यक्ष डॉक्टर सारिका ने कहा कि यह निगम की जिम्मेदारी है कि सूखा और गीला कूड़ा अलग करने के बाद ही उसे किसी लैंडफिल में भेजा जाए। लेकिन निगम और निजी कंपनियां उसने बुरी तरह से विफल रही है।

पार्टी के ही एक नेता व जिले के एक ज़ोन संयोजक महेश कटारिया ने यह मांग रखी कि खट्टर साहब को निगम पर किए गए इस जुर्माने के लिए जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को जेल का रास्ता दिखाना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो इसका एक ही मतलब होगा की इस पूरे भ्रष्टाचार में बड़े बड़े लोगों की मिली भगत है।”

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