किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार तत्काल मुआवजा का हो भुगतान
लौटते मानसून की बरसात से किसान और किसानी दोनों ही बर्बाद
भारतीय किसान संघ के सीएम, डिप्टी सीएम, कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन
आज तक भी सरकार ने बाजरा खरीद नीति की नहीं की है घोषणा

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
किसान को अन्नदाता कहा गया है , किसान जो कुछ भी अपनी मेहनत से आंधी-तूफान, बरसात, सर्दी , गर्मी , लू के थपेड़े , जहरीले जानवर, गहरी धुंध और कोहरे की परवाह किए बिना प्रत्येक स्थिति में खेतों में अपना खून पसीना बहा कर पैदा कर रहा है । हाल ही में सबसे अधिक बरसात के रूप में कुदरत का कहर किसान परिवार और अन्नदाता की मेहनत पर ही टूटा है । जिस प्रकार से बरसात में किसानों की बाजरा, जवार, कपास नकदी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, उसके कारण किसान के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है । आज हालात यह बने हुए हैं कि किसान के पास न तो बाजरा बचा है न चारा बचा है और नहीं घर में जलाने के लिए फसल अवशेष के तौर पर इंधन ही बचा है । किसान और कृषि हिम की सबसे अधिक दावेदारी करने वाली प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली सरकार को प्रति एकड़ 20 हजार का मुआवजा का भुगतान कर किसानों को आर्थिक मदद अविलंब उपलब्ध करवानी चाहिए । प्रमुख रूप से यह मांग भारतीय किसान संघ हरियाणा के द्वारा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के नाम पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को सौंपे गए ज्ञापन में की गई है।

इस मौके पर मुख्य रूप से भारतीय किसान संघ हरियाणा प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष मास्टर ओमप्रकाश, जया भगवान, संजय शर्मा, प्रेमपाल , रमेश , बृजपाल नंबरदार जाटोली सहित आसपास के किसान भी मौजूद रहे। भारतीय किसान संघ के द्वारा ज्ञापन स्वीकार करने के बाद पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार ने आश्वासन दिलाया कि बिना देरी किए किसानों की यह मांग सरकार तक पहुंचा दी जाएगी ।

ज्ञापन सौंपने के उपरांत भारतीय किसान संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चौहान ने पत्रकारों से कहा कि बीती 12 सितंबर को भी भारतीय किसान संघ के द्वारा सीएम, डिप्टी सीएम और कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन सौपे गए थे । भारतीय किसान संघ के द्वारा सरकार से मांग की गई है कि सरकार बाजरा खरीद के लिए जल्द से जल्द अपनी खरीद नीति की घोषणा करें , लेकिन यह बात कहने में बेहद पीड़ा और दुख हो रहा है कि 15 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के द्वारा बाजरा की सरकारी खरीद की नीति घोषित नहीं की गई है । उन्होंने कहा हाल ही में हुई बरसात के कारण किसानों की नकदी फसल पूरी तरह से बरसात के पानी में डूब कर नष्ट हो चुकी है । फसल में नहीं तो दाने बचे हैं और नहीं पशुओं के लिए चारा तक भी बच सका है । ऐसे में सहज ही अनुमान या अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पशुओं के लिए चारा तक नहीं बचा तो किसान के ऊपर किस प्रकार की आर्थिक मार कुदरत के द्वारा मारी गई है ।

उन्होंने कहा बाजरा उत्पादक किसानों के द्वारा 1 सितंबर से सरकारी खरीद आरंभ होने तक, जितना भी बाजरा मंडी में बिक्री किया गया है । उस बाजरे की खरीद फरोख्त में सरकारी न्यूनतम मूल्य के मुकाबले जो अंतर है या कम दाम का भुगतान हुआ है , उस नुकसान की भरपाई हरियाणा सरकार भावांतर योजना के तहत करें।

इसी मौके पर अन्य किसानों के द्वारा बरसात के कारण फसली नुकसान के अलावा हुए अन्य नुकसान के विषय में भी जानकारी देते हुए सरकार से अतिरिक्त आर्थिक मदद उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया गया है । इतना ही नहीं मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर भी किसानों के द्वारा अपना रजिस्ट्रेशन करवाने में कई प्रकार की परेशानियां झेलनी पड़ी , जिसकी वजह से बहुत से किसान सरकार के इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाने से आज भी वंचित ही हैं । ऐसे किसानों का सरकार और सरकार की एजेंसियां मैनुअली वेरिफिकेशन कर रजिस्ट्रेशन कर सरकार को जल्द से जल्द इसका रिकॉर्ड उपलब्ध करवाएं, जिससे कि कोई भी किसान या किसानी करने वाला व्यक्ति सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले मुआवजे या आर्थिक मदद से वंचित नहीं रहने पाए । भारतीय किसान संघ के द्वारा उम्मीद जाहिर की गई है कि हरियाणा सरकार भारतीय किसान संघ की उपरोक्त सभी मांगों पर उदारता पूर्वक विचार करते हुए किसानों को अधिक से अधिक आर्थिक मदद उपलब्ध करवाने का काम करेगी।

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