-बिना चोट के भी चिकित्सा अधिकारियों से मिलीभगत कर दृर्शायी शार्प चोटें, पुलिस जांच व सीसीटीवी में खुल गई झूठ की पोल -डॉ विनोद अंचल व उसकी पत्नी के खिलाफ बृजपाल सिंह की शिकायत पर दर्ज है सिटी थाने में दस्तावेज छीनने व मारपीट का केस भिवानी, 26 सितंबर। दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम संचालक डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट बृजपाल सिंह परमार व इंद्रपाल सिंह कालू के खिलाफ झूठी एफआईआर को आखिरकार अंतिम जांच के बाद पुलिस ने खारिज कर दिया है। जिसकी प्रमाणित कॉपी भी बृजपाल सिंह परमार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने उपलब्ध कराई है। वहीं बृजपाल सिंह परमार की शिकायत पर अब भी शहर पुलिस थाना में डॉ विनोद अंचल व उनकी पत्नी सहित अन्य के खिलाफ दस्तावेज छीनकर मोबाइल फोन छोड़ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज है। जिसकी जांच चल रही है। आरटीआई एक्टिवसिस्ट बृजपाल सिंह व इंद्रपाल सिंह के खिलाफ डॉ अंचल दंपति ने चिकित्सा अधिकारियों से मिलीभगत कर झूठी एमएलआर रिपोर्ट तैयार कराई। जिसमें खुद को शार्प चोटें दर्शायी गई थी। लेकिन पुलिस की जांच और मौके पर पुलिस द्वारा कब्जे में ली गई सीसीटीवी कैमरे की फुटेल व गवाहों ने डां दंपति की झूठ की पोल खोल कर रख दी। दिनोद गेट स्थित गोदारा पेट्रोल पंप पर 27 मार्च की दोपहर को बृजपाल सिंह परमार व इंद्रपाल सिंह कालू सोशल मीडिया पत्रकार सोमबीर बूरा के साथ एक इंटरव्यू दे रहे थे कि इसी दौरान डॉ विनोद अंचल व उनकी पत्नी ने अस्पताल सिक्योरिटी व अन्य लोगों के साथ मिलकर बृजपाल सिंह परमार के दस्तावेजों की छीना झपटी की थी। इसी दौरान सोशल मीडिया पत्रकार का कैमरा छीनने की भी कोशिश की गई। इसके बाद डॉ दंपति व अन्य ने मिलकर बृजपाल के हाथ से दस्तावेज और पर्स छीनकर ले गए। जबकि उसके साथ मारपीट की। ये पूरा वाक्या गोदारा पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गया था। जिसके बाद डॉयल 112 पर पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। लेकिन इसके बाद डॉ दंपति ने बृजपाल व इन्द्रपाल पर झूठा केस दर्ज कराने की नियत से अस्पताल के आपात विभाग पहुंचकर झूठी एमएलआर कटवाई, जिसमें शार्प चोटें दर्शायी गई थी। वहीं डॉ अंचल की पत्नी ने कथित तौर पर छेड़छाड़ के झूठे आरोप भी लगाए। इस आधार पर पुलिस ने बृजपाल सिंह परमार व इन्द्रपाल के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज व गवाहों के बयान दर्ज कर जांच और फिर डॉ अंचल दंपति को मारी गई चोटों पर चिकित्सकीय बोर्ड से राय भी ली गई। जिससे स्पष्ट हो गया कि डॉक्टर को लगी चोटें स्वयं मारी भी हो सकती है वहीं झगड़े के बाद जब डॉक्टर दंपति सीसीटीवी कैमरे में अपने अस्पताल की तरफ जाता दिखाई दे रहा है, उस समय उनके हाथ पर कोई शार्प चोटें नहीं दिखाई दे रही थी। जांच रिपोर्ट में झूठ का यह भी खुलासा हुआ कि डॉक्टर अंचल दंपति ने अपने रसूक का गलत इस्तेमाल करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से मिलीभगत कर झूठी एमएलआर भी तैयार करा डाली। जिसका इस्तेमाल झूठे केस में बृजपाल व इन्द्रपाल को फंसाने के लिए किया गया, मगर सच्चाई की हमेशा से ही जीत होती है। यही इस केस में भी हुआ और झूठी एफआईआर को पुलिस के आला अधिकारियों की जांच के उपरांत खारिज कर दिया। एफआईआर खारिज करते हुए जांच रिपोर्ट में यह भी अंकित किया गया कि डां दंपति ने खुद पर दर्ज मुकदमें में दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया। Post navigation राष्ट्रीय परिवार दिवस-26 सितंबर……आखिर क्यों बदल रहे हैं मनोभाव और टूट रहे परिवार? खुशियाँ देख पड़ोस की……