जनता जानना चाहे कितना पैसा पास हुआ, कितना विकास कार्यों में लगा! भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। गुरुग्राम की मेयर टीम का कार्यकाल 2 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उससे पहले देखा यह जा रहा है कि धड़ाधड़ टेंडर पास हो रहे हैं और कामों के उद्घाटन हो रहे हैं। इसके बारे में जब निगम के पार्षदों से पूछा तो उनका कहना था कि कितना पहले कोरोना था, इसलिए काम कम हो गए थे। पर प्रश्न यह है कि काम तो कोरोना में भी हो रहे थे और कोरोना ने 2020 में पांच पसारे थे, उससे पहले 2 वर्ष थे उनमें कितने काम हुए? आम जनता में यह बात कही जा रही है कि निगम के कार्यों में बहुत गोलमाल होता है। जिन कार्यों के लिए टेंडर पास होते हैं, जमीन पर वह कार्य होते नहीं और कुछ स्थितियों में तो ऐसा भी कहा जाता है कि छोटे-छोटे 10-20 लाख के टेंडर केवल खानापूर्ति के लिए लगा दिए जाते हैं। गत दिनों निगम की सामान्य बैठक में प्रस्ताव पास हुआ था कि पिछले पांच सालों में जो कार्य जिस वार्ड में हुए हैं, उसकी जानकारी पार्षदों और जनता को दी जाए लेकिन इन बातों पर अमल नहीं हुआ। ऐसा क्यों नहीं हुआ, समझ से बाहर है। क्योंकि सभी पार्षद अब फिर शीघ्र ही जनता के सामने जाने वाले हैं और वे अपना चुनाव लडऩे की तैयारियों में लगे हुए हैं। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वे अपने वार्ड में कराए गए कार्यों की सूचना अपने कार्यालय पर लिखें और जनता को भी बताएं। इससे उन्हें अगले चुनाव में जीतने सुगमता हो लेकिन वे ऐसा कर नहीं रहे आखिर क्यों? इस क्यों का जवाब जो ढके-छुपे शब्दों में सामने आया, वह यही है कि जितना जनता का पैसा निगम द्वारा स्वीकृत हुआ, वह जमीन पर नहीं लगा और शायद यही कारण है कि पार्षद यह बात बता नहीं रहे। हम तो सिविल इंजीनियर है नहीं, लेकिन एक सेवानिवृत एक्सइएन ने बताया कि हर काम में घपला होता है, मानकों के अनुसार नहीं होता। कहीं रोडी नहीं डाली जाती, कहीं चौड़ाई कम कर दी जाती है, सडक़ की मोटाई कम कर दी जाती है। अब यह बात जनता के सामने आए कि यह काम इतने करोड़ में हुआ है तो जनता को तो पता लग जाएगा कि वास्तव में यह काम तो बहुत कम में हुआ होगा और इसीलिए शायद वह लिस्ट लगा नहीं रहे। निगम की कार्यवाही के लिए मेयर टीम पूर्णतया: जिम्मेदार है और जब निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं तो जनता को संतुष्ट करने के लिए ताकि आगामी चुनाव में वे जनता के सम्मुख जा सकें और जनता को कह सकें कि वे ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य कर रहे थे। अपने-अपने वार्डों में उनके कार्यकाल में पास हुए कार्यों का विवरण कितनी धनराशि के पास हुए और कहां-कहां हुए? अपने-अपने कार्यालयों के बोर्डों पर लगाकर अन्य पार्षदों के लिए मिसाल बनेंगे? यह तो एक विकास कार्यों की बात है। निगम में हर विंग में भ्रष्टाचार की चर्चाएं हैं। आने वाले समय में पार्षदों और मेयर टीम को तो जवाब देना ही होगा। निगम चुनाव पर जानकारी जारी रहेगी….। Post navigation साइलेंसर चोरी करने के मामले में तीन गिरफ्तार किये मेयर मधु आजाद व विधायक राकेश दौलताबाद ने सैक्टर-109 में किया पौधारोपण