मंत्री औमप्रकाश यादव ने कहा नगर निकायों के निर्वाचित चेयरमैन व कार्यकारी अधिकारी भ्रष्ट-रिश्वतखोर है जब रिश्वत लेने वाले निर्वाचित नगर निकाय चेयरमैन भी भाजपा के नेता व कार्यकारी अधिकारियों को नियुक्त करने वाले भी मुख्यमंत्री, मंत्री भाजपा के ही तो फिर पूरी भाजपा-जजपा सरकार ही भ्रष्ट व रिश्वतखोर है : विद्रोही 9 सितम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि गुरूवार को रेवाडी में एक पत्रकारवार्ता मेें भाजपा-जजपा सरकार के न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री औमप्रकाश यादव ने सरेआम कहा कि नगर निकायो के चेयरमैन व कार्यकारी अधिकारी विभिन्न बिलों को पास करने के नाम पर कमीशन लेते है और रिश्वत मिलने पर ही सम्बन्धित चैक पर हस्ताक्षर करते थे। इसी के मध्यनजर प्रदेश सरकार ने नगर निकायों के चेयरमैन व कार्यकारी अधिकारियों से चैकों पर हस्ताक्षरे करने का अधिकार छीना है। विद्रोही ने कहा कि मंत्री औमप्रकाश यादव ने पत्रकारवार्ता में यहां तक कहा कि सरकार के पास साक्ष्य है कि नगर निकायों के निर्वाचित चेयरमैन व कार्यकारी अधिकारी भ्रष्ट-रिश्वतखोर है। मंत्री की इस सार्वजनिक स्वीकारोक्ति के बाद एकबार फिर साबित हो गया कि हरियाणा में पारदर्शित, ईमानदारी व भ्रष्टाचार मुक्त शासने का मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के सभी दावेे हवा-हवाई जुमले थे। सवाल उठता है कि जब नगर निकाय में बिल पास करने के नाम पर इतना भारी भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश के अन्य विभागों में कितना भारी भ्रष्टाचार होगा और अधिकारी सरकारी काम करवाने वालों से कितनी ज्यादा रिश्वत लेते होगे। कांग्रेस तो लगातार आरोप लगाती रही है कि प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार है और संघी राज में लूट मची हुई हैै और भ्रष्टाचार का यह पैसा नीचे से ऊपर तक सभी को बराबर हिस्से में मिलता है। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी का यह खेल सत्ताधारी संघीयों के सरंक्षण में चल रहा है। जब पोल खुल जाती है और प्रमाण सामने आ जाते है तो मजबूर होकर मुख्यमंत्री भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते है और स्वयं ढोल पीटते है कि उनकी सरकार ईमानदार है, इसलिए भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई हो रही है। सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को मलाईदार पोस्ट कौन दे रहा है? वहीं जो भाजपाई-संघी इस भ्रष्टाचार के खेल में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भागीदार है, उन्हे भी तो मुख्यंमत्री, ंमत्रीयों, सांसदों, विधायकों का सत्ता सरंक्षण भी भाजपा-संघी सरकार के बल पर ही तो मिल रहा है। वहीं एक ओर भाजपा सरकार चुनेे हुए नगर निकायो के चेयरमैनों को रिश्वतखोर बताती है। वहीं उक्त चेयरमैन उनके ही दल के है, यह भी ढींढौरा पीटकर अपने जनसमर्थन का बखान भी करती है। विद्रोही ने कहा कि जब रिश्वत लेने वाले निर्वाचित नगर निकाय चेयरमैन भी भाजपा के नेता व कार्यकारी अधिकारियों को नियुक्त करने वाले भी मुख्यमंत्री, मंत्री भाजपा के ही तो फिर पूरी भाजपा-जजपा सरकार ही भ्रष्ट व रिश्वतखोर है। यदि भाजपा पार्टी मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक ईमानदार होते तो भ्रष्ट भाजपाई-संघीयों को चेयरमैन पदों पर सत्ता बल पर क्यों निर्वाचित करवा रहे? वहीं भ्रष्ट अधिकारियों को मलाईदार पोस्टों पर क्यों नियुक्त कर रहे है? विद्रोही ने कहा कि पूरी भाजपा व उनकी सरकार ही भ्रष्ट है और सत्ता बल पर हरियाणा को दोनो हाथों से लूट भी रही है व ईमानदारी का ढोल पीटकर लोगों को ठग भी रहे है। Post navigation हरियाणा में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, हाई कोर्ट ने नहीं लगाई रोक स्कूल बंद कर नशे के अड्डे खोलने की नीति पर आगे बढ़ रही है बीजेपी-जेजेपी सरकार- हुड्डा