सोशल मिडिया से भी जुड़े लाखों लोग
चंडीगढ़, 7 सितंबर – हरियाणा पुलिस द्वारा केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार पिछले वर्ष से प्रत्येक मास का पहला बुधवार साइबर जागरूकता दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा, साइबर नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य कर रही है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) श्री ओपी सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आज अपराध ऑफलाइन ना होकर ऑनलाइन होता जा रहा है। प्रदेश में जनता को जागरूक करने के लिए बुधवार को हर जिले में साइबर राहगीरी कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। पुलिस विभाग ने जिला प्रशासन और अन्य विभागों के साथ बुधवार को प्रदेश में साइबर राहगीरी कार्यक्रम आयोजित किये जिसमें लगभग 17000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। वहीं सब कार्यक्रमों को सोशल मीडिया के द्वारा भी साझा किया गया।
साइबर हेल्पलाइन 1930 की तर्ज पर हुआ 1930 मीटर वाल्कथॉन, 2.5 किमी की मैराथन व साइकिल रैली से किया जागरूक
बुधवार को सभी जिलों में आयोजित किये गए राहगीरी कार्यक्रमों की मुख्य थीम साइबर अपराध रही। साइबर हेल्पलाइन 1930 की तर्ज पर जनता को जागरूक करने के लिए जिलों में 1930 मीटर वाल्कथॉन, 2.5 किमी की मैराथन व 5 किमी की साइकिल रैली का आयोजन किया गया। सभी कार्यक्रम साइबर अपराध, बच्चों में बढ़ता ड्रग्स का प्रभाव, सडक़ सुरक्षा कार्यक्रम और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध के इर्द गिर्द रहे। कविताओं और नृत्य के माध्यम से बताया गया कि किसी को भी अपनी निजी जानकारी ना दें। सोशल मिडिया पर अनजान व्यक्तियों से दोस्ती करने से परहेज़ करें। लाटरी और नौकरी से संबंधित झूठे प्रलोभनों से बचें। कोई अगर ब्लैकमेल कर रहा है तो डरें नहीं, माता पिता को बताएं। इसके अलावा, स्कूलों के छात्रों के लिए पेंटिंग व स्लोगन प्रतियोगिताओं व मादक पदार्थों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर व पुलिस के स्टाफ के लिए योग सत्र का आयोजन किया गया।
प्रदेश में 29 साइबर थाने और 309 साइबर डेस्क संचालित है।
अगस्त माह तक प्रदेश में 1455 केस दर्ज किये जा चुके है, जिनमें तकरीबन 510 अभियुक्त गिरफ्तार किये गए है। पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन 1930 और साइबर थानों व साइबर डेस्क के संयुक्त प्रयासों से अगस्त माह तक 12.45 करोड़ रूपए साइबर अपराधियों से बचाये है। साइबर टीम ने कई हाई प्रोफाइल केस सुलझाने में भी कामयाबी हासिल की है। इस वक्त, प्रदेश में साइबर शिकायतों पर काम करने के लिए डायल 112 को भी साइबर हेल्पलाइन के साथ समावेशित किया गया है। 15000 के करीब शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है ।
इस वर्ष किये जा चुके है 1000 से अधिक साइबर जागरूकता कार्यक्रम, सोशल मीडिया से जुड़ रहे है लाखों लोग
इस वर्ष साइबर जागरूकता पर कार्य करते हुए विभिन्न जिलों में तकरीबन 1000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके है। सभी जिलों के पुलिस के ट्विटर एकाउंट्स, फेसबुक व अखबार के माध्यम से भी जनता को साइबर अपराध की नयी मोडस ऑपरेंडी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। वर्तमान में साइबर जागरूक पोस्ट सोशल मीडिया द्वारा तकरीबन 11 लाख से अधिक लोगों के पास पहुंच चुकी है। सोशल मिडिया के सभी एकाउंट्स पर स्टेट क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस रोज़ साइबर हेल्पलाइन 1930 और cybercrime.gov.in वेबसाइट को प्रचारित कर रही है। पम्पलेट्स हर महत्वूर्ण जगह लगाए जा रहे है। पम्पलेट्स द्वारा जनता को बताया जा रहा है की साइबर अपराध की शिकायत कहाँ और कैसे की जाए।
साइबर राहगीरी से पहुंचेंगे जनता के बीच
कोविड के बाद नौकरियों से लेकर शिक्षा तक ऑनलाइन माध्यम से आ गयी है। इसी कारण से अपराधियों ने भी अपने मोडस ऑपरेंडी साइबर दुनिया के अनुरूप बना ली। सोशल मीडिया पर कभी लाटरी का लालच दिया जा रहा है तो कभी पार्ट टाइम नौकरी का। युवा व छात्र जल्द पैसा कमाने के चक्कर में ऐसे झांसे में आकर लाखों गँवा देता है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने के चलन में भी लोग सेक्सटॉर्शन के केस में फंस रहे है। इसके अतिरिक्त बैंक खाते संबंधित जानकारी देने के कारण भी फ्रॉड हो रहे है। साइबर राहगीरी का आयोजन जिलों में साइबर अपराध के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए किया गया है। कभी नुक्क्ड़ नाटक, तो कभी मैराथन से, तो कभी प्रिंट मिडिया की मदद से जनता को ओटीपी ना देने, बैंक जानकारी शेयर न करने, अनजान लोगों से दोस्ती न करने और सोशल मिडिया अकाउंट को लॉक रखने बारे जागरूक किया जा रहा है।