पोषण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी जरूरी- राज्यमंत्री कमलेश ढांडाअम्बाला में होगा राज्यस्तरीय पोषण मेला, राज्यमन्त्री ढांडा होंगी मुख्यातिथि चंडीगढ़, 6 सितंबर- सितंबर राष्ट्रीय पोषण माह के तौर पर मनाया जा रहा है। पोषण माह महिला एवं स्वास्थ्य, पोषण भी पढ़ाई भी और जल संरक्षण व जल प्रबंधन तीन प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित है। वहीं कुपोषण मुक्त हरियाणा की परिकल्पना के तहत प्रदेश में गांव से लेकर शहर तक जनांदोलन चलाया जा रहा है। 25 हजार 962 आंगनवाड़ियों के साथ-साथ पंचायत, पालिका, तहसील से लेकर जिला स्तर पर आयोजन की रफ्तार तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में जल्द राज्य स्तरीय पोषण मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा मुख्यातिथि रहेंगी। एक सितंबर से पांचवें राष्ट्रीय पोषण माह के आगाज के साथ ही प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा योजनाबद्ध तरीके से गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। पोषण माह के पहले सप्ताह में जिला स्तर पर कार्यक्रमों की श्रृंखला को अब तेज किया जा रहा है। प्रदेश में अलग-अलग खंडों में प्रतिदिन हजारों छोटे-छोटे आयोजनों के माध्यम से कुपोषण के प्रति आमजन को जागरूक किया जा रहा है। पोषण माह को लेकर राज्यमन्त्री कमलेश ढांडा का कहना है कि कुपोषित बच्चों को उचित आहार देने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। कुपोषण को दूर करने के लिए और मोटे अनाज के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए जगह-जगह जागरुकता रैली निकाली जा रही है। कुपोषण से लड़ने के लिए पंचायत और विकास, पब्लिक हेल्थ, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है। बच्चों के पोषण के साथ महिलाओं के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा है। राज्यमंत्री ढांडा ने कहा कि पोषण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी जरूरी है। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा कुपोषित ना रहे। गर्भवती महिलाओं के वजन का डाटा इकट्ठा किया जाएगा। महिलाओं की लगातार मानीटरिंग की जाएगी। एनीमिया के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। इसी आधार पर उनको राशन उपलब्ध कराया जाएगा। पोषण माह के दौरान जिलों में हो रहे जागरुकता कार्यक्रम आंगनवाड़ी वर्कर्स घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करने के लिए पौष्टिक आहार की जानकारी दे रही है औऱ सभी जिलों में महिला गोष्ठी करवाई जाएंगी। 30 सितंबर तक चलने वाले पोषण माह के दौरान रेसिपी प्रतियोगिता, पौष्टिक थाली प्रतियोगिता, सफाई अभियान, साइकिल रैली, नुक्कड़ नाटक, रागणी, प्रभात फेरी जैसे प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम सभी जिलों में करवाए जाएंगे। महिला समूहों को भी पोषण माह में भागीदारी के लिए जागरुक किया जाएगा। कुपोषण को दूर करने के लिए कॉलेज, विश्वविद्यालयों की होम साइंस की अध्यापिकाओं को भी पोषण माह से जोड़ा जाएगा। हर आंगनवाड़ी में स्थापित की जाएंगी 5 पोषण वाटिका पोषण अभियान के तहत प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों के दायरे में पांच-पांच पोषण वाटिका बनाई जाएंगी। पोषण वाटिका से उगाई जाने वाली सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर रहेंगी। वाटिका में उगाई जाने वाली हरी सब्जियां, सहजन, करौंदा और नींबू के गुणों के बारे में जनसामान्य को जागरूक किया जाएगा। पोषण वाटिका में रोजमर्रा उपयोग में आने वाली सब्जी जैविक खाद द्वारा तैयार करने की सरल विधि बताई जाएगी, ताकि लोग कैमिकल युक्त खाद के स्थान पर जैविक खाद से तैयार सब्जियों का सेवन कर स्वस्थ रह सके। पोषण वाटिका तैयार करने में उद्यान विभाग, कृषि विभाग के अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा। खेल-खेल में दी जाएगी पौष्टिक आहार की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए विशेष रूप से कार्य किया जाता है। केंद्रों में आने वाले बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जाता है। पोषण माह के दौरान बच्चों को इसके महत्व के बारे में समझाने के लिए खेल-खेल में फल, सब्जियों की जानकारी दी जाएगी ताकि बच्चों की पौष्टिक आहार के प्रति रूचि बढ़ सके। कल विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी. कुमार ने यमुनानगर में व्यंजनों की प्रदर्शनी व स्लोगन पोस्टर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। विभाग की निदेशक हेमा शर्मा ने कहा कि जल्द ही राज्य स्तरीय पोषण माह मेले का आयोजन अम्बाला में आयोजित किया जाएगा, जिसमें महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा मुख्यातिथि रहेंगी। Post navigation फसल विविधीकरण के प्रति किसानों को प्रेरित करने के लिए मनाया ” जाएगा मक्का दिवस” एसवाईएल नहर निर्माण : केन्द्र सरकार कर्तव्य का पालन न करे तो प्रधानमंत्री के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कड़े कदम उठाये : विद्रोही