चंडीगढ़ – 28 अगस्त को हरियाणा काडर की पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीमती रजनी शेखरी सिब्बल द्वारा श्री गुरु नानक देव जी की साखियों पर लिखित पुस्तक ‘दा गुरु’ की सराहना आज ट्राइसिटी के साहित्यकारों व इतिहासकारों और जाने माने अधिवक्ताओं द्वारा की गई है। चंडीगढ़ के गोल्फ क्लब में आयोजित पुस्तक के विमोचन अवसर पर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ट्राइसिटी के बुद्धिजीवी मौजूद थे। समारोह में पुस्तक का विमोचन पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री सुरेंद्र सिंह सरो, जाने-माने अधिवक्ता पदमश्री एचएस फुल्का, ट्रिब्यून के एसोसिएट संपादक श्री रूपेंद्र सिंह के कर कमलों से किया गया। तीनों विशिष्ट अतिथियों ने श्रीमती रजनी शेखरी द्वारा श्री गुरु नानक देव की साखियों पर पुस्तक लिखने के लिए उनका विशेष आभार व्यक्त किया। यह पुस्तक न केवल युवा पीढ़ी को बल्कि श्री गुरु नानक जी की साखी सुनाने वाले बुजुर्गों के लिए भी प्रेरणादायक होगी। श्रीमती सीकरी ने यह पुस्तक श्री गुरु नानक देव जी के प्रति अपने श्रद्धा भाव के चलते लिखी है । विमोचन से पहले उन्होंने यह पुस्तक ननकाना साहिब ( पाकिस्तान) तथा अमृतसर में हरमंदिर साहिब दरबार में अरदास के रूप में भेंट की है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भी पुस्तक का अध्ययन किया गया है और इसे श्री गुरु नानक देव जी के प्रति सच्ची श्रद्धा बताया है। एसपीजीसी के पुस्तकालय में भी इस पुस्तक की प्रतियां रखी जाएंगी और उसके बाद ही आज इसका विधिवत रूप से विमोचन किया गया है। इस पुस्तक में श्री गुरु नानक देव जी की दस साखियों का वर्णन है। बाबाजी के बटाला, ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब के क्षेत्र का इसमें विशेष रूप से उल्लेख है। बाबा जी के विवाह सुलतानपुर लोधी का भी जिक्र किया गया है। बाबा जी ने सुल्तानपुर लोधी के दौलत खान के यहां पर नौकरी की उसको भी इसमें वर्णित में किया गया है। यह एक यूनिवर्स पुस्तक है। श्रीमती रजनी शेखरी ने कहा कि पुस्तक लिखने की उनकी प्रेरणा बाबाजी के प्रति एक श्रद्धा भाव से आई। गुरु जी का उनका कहना था कि संसार में ना कोई हिंदू ना कोई मुस्लिम उनका धर्म तो सिर्फ मानवता है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में भगवान जगन्नाथ पुरी की यात्रा का भी वर्णन किया गया है कि किस प्रकार पंजाब से उड़ीसा का जुड़ाव रहा है। उन्होंने कहा कि या पुस्तक सॉन्ग फॉर द वर्ल्ड-बाई द वर्ड-फॉर द वर्ल्ड है। 500 वर्ष पूर्व गुरु नानक देव जी ने जो अपनी साखियों के माध्यम से मानवता के लिए शिक्षा दी थी उनका भी वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। इस अवसर पर श्रीमती सिकरी के परिवारिक सदस्य भी मौजूद रहे। Post navigation मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की बैठक 31 अगस्त 2022 को होगी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मोदी ने खरखौदा में रखी मारुति सुजुकी के प्लांट की आधारशिला