शहीद संतलाल का शव ले चलो कुटीर आवास, समाधान हो जाएगा- नवीन जयहिंद

बंटी शर्मा

भिवानी 23 अगस्त : भिवानी जिले के गांव रोहनात में धरने पर हुई बुजुर्ग की मौत के बाद बवाल थम नहीं रहा है। ग्रामीणों ने बुजुर्ग संतलाल का अंतिम संस्कार सातवां दिन भी करने से इनकार कर दिया क्योंकि इस मामले को लेकर ग्रामवासियों ने एक महापंचायत की जिसमे नवीन जयहिन्द ओर प्रदेशभर से विभिन्न समाज के लोगो ने हिस्सा लिया।

जयहिन्द ने महापंचायत में सुझाव देते हुए ग्रामवासियों को बताया कि अगर आप सच मे समाधान चाहते है तो शहीद संतलाल का शव मुख्यमंत्री के कुटीर आवास पर लेकर चलना चाहिए। तभी इस ग्रामवासियों की सुनवाई हो सकती है।

रोहनात के ग्रामीणों की तरफ से 10 अगस्त से गांव के ऐतिहासिक कुएं के पास धरना शुरू किया गया था। ग्रामीण राजस्व विभाग के रिकार्ड में सुल्तानपुर, उमरा ठोला, ढंढेरी का नाम हटवाने और इस जमीन को रोहनात के नाम पर करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के बाद से वह गांव के नाम जमीन करने के लिए लगे हुए लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही।

मुख्यमंत्री ने भी 2018 में गांव में रैली करके उनको जमीन नाम करवाने का आश्वासन दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद अभी तक उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसी बात को लेकर शुरू हुए धरने पर बुधवार को संतलाल की मौत हो हुई थी। मौत के बाद ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।

1857 में दिया था बलिदान

गांव रोहनात के ग्रामीणों ने 1857 की क्रांति में रूपा खाती, बिरड दास बैरागी और नौन्दा जाट ने अपने साथियों के साथ अपने प्राणों की आहुति दी थी। उसके बाद अंग्रेजों ने गांव के लोगों पर हांसी की लाल सड़क पर लिटाकर उनको मौत के घाट उतार दिया था। अंग्रेजों ने उनकी जमीन नीलाम कर दी थी। आजादी के बाद वह कई गांव पट्टियों के नाम चढ़ गई थी लेकिन गांव के नाम नहीं हुई थी।

मुख्यमंत्री अपने वादे पूरे करे : नवीन जयहिन्द

रोहनात गांव में धरने पर पहुचे नवीन जयहिन्द ने मुख्यमंत्री खट्टर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर अपने गांव वालों के सामने किए हुए वादे पूरे करे और एक कबीरपंथी समाज के शहीद संतलाल के परिवार को मुआवजा दे और उनके परिवार में किसी सदस्य को सरकारी नोकरी दे और साथ ही कहा कि इन गांव वालों ने 1857 की क्रांति में अपना अहम बलिदान किया था और गांव से काफी लोगो ने अपनी शहादत दी थी और साथ ही कहा कि सरकार इस गांव को शहीद गांव का दर्जा दे और वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए जो एक शहीद गांव को मिलनी चाहिए

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