साधारण बसों का भारी टोटा 1.25 करोड़ रुपए की इलेक्ट्रिक बसें क्यों? : यूनियन

चंडीगढ़, 20 अगस्त – निजीकरण के खिलाफ हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर 23 अगस्त को विरोध प्रदर्शन कर सड़कों पर उतरेंगे रोड़वेज कर्मचारी। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया, मुख्य संगठन सचिव बिजेंद्र अहलावत,उप महासचिव नवीन राणा, कार्यालय सचिव जयकुंवार दहिया व प्रैस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने परिवहन मंत्री के 550 इलेक्ट्रिक बसों के टेंडर किलोमीटर स्कीम के तहत जल्द जारी करने के ब्यान की तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा जब प्रदेश में साधारण सरकारी बसों का भारी टोटा है,तो 1.25 करोड़ रुपए की महंगी इलेक्ट्रिक बसें किलोमीटर स्कीम के तहत क्यों ली जा रही है?

ज्ञात रहे गत दिवस समाचार पत्रों में परिवहन मंत्री ने कहा एक इलेक्ट्रिक ऐसी बस सवा करोड़ रुपए की आएगी, इसलिए परिवहन विभाग 550 इलेक्ट्रिक बसें अपने स्तर पर नहीं खरीद सकता। परिवहन मंत्री ने कहा है इसलिए 550 इलेक्ट्रिक बसें प्राइवेट कम्पनियों से किलोमीटर स्कीम के तहत ली जाएगी। यूनियन नेताओं ने कहा विभाग में पिछले 8 वर्ष में 4260 बसों से घटकर लगभग 2150 बसें ही रह गई है। जबकि प्रदेश में बढ़ती आबादी अनुसार ग्रामीण जनता व छात्र-छात्राओं को 10 हजार साधारण सरकारी बसों की जरूरत है। प्रांतीय नेताओं ने कहा प्रदेश की आम जनता की 1.25 करोड़ रुपए की महंगी प्राइवेट बसों की मांग नहीं, बल्कि आए दिन ग्राम पंचायतों द्वारा सरकारी बसें चलाने की मांग की जा रही है।

प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना वह प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने बताया सरकार की 2016-17 की संशोधित स्टेज़ कैरिज स्कीम व 550 इलेक्ट्रिक बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने के खिलाफ हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर 23 अगस्त को प्रदेश के डिपुओं में विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा जब प्रदेश की जनता व रोडवेज कर्मचारीयों की निजीकरण की मांग नहीं तो सरकार, सरकारी विभाग को धन्नासेठों के हवाले क्यों कर रही है?

उन्होंने कहा सरकार आम नागरिकों के लिए साधारण सरकारी बसें बढ़ाने की बजाय अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए स्टेज़ कैरिज व किलोमीटर स्कीम के तहत हजारों प्राइवेट बसों को चलाकर विभाग को बर्बाद करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा सरकार की निजीकरण नीतियों के खिलाफ व लम्बित मांगों को लागू नहीं करने से रोडवेज कर्मचारियों में भारी गुस्सा है।

बधाना व पूनिया ने कहा सरकार निजीकरण नीतियों से पीछे कदम नहीं हटाएगी तो 23 अगस्त के प्रदर्शन के तुरन्त बाद हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा की बैठक में निर्णायक आंदोलन की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा सरकार की अगर नीयत व नीति सही है तो निजीकरण का इरादा छोड़ कर विभाग में 10 हजार साधारण सरकारी बसें शामिल की जाएं ताकि जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 60 हजार बेरोजगार युवाओं को स्थाई रोजगार मिल सके।

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