हिसार लघुसचिवालय पर दलितों की हुंकार,खत्म करो जातिवाद राजस्थान की पक्षपाती कांग्रेस सरकार से नाराज दलितों ने की नारेबाजी, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन मृतक इंद्र मेघवाल के दलित होने की वजह से अशोक गहलोत सरकार ने लगाई 5 लाख कीमत जालौर पीड़ितों ने न्याय मांगा तो कोंग्रेस सरकार ने लाठीचार्ज करवाया: इन्दल जालौर मामले में दलित संगठनों ने उठाई 50 लाख व सरकारी नौकरी की मांग हिसार,17अगस्त 2022 – राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा गांव में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में हुआ जातीय प्रकरण और दलित बच्चे इन्द्र मेघवाल की टीचर की पिटाई से मौत का मामला हर जगह तुल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को हिसार लघुसचिवालाय गेट पर भीम आर्मी,बसपा,पिछड़ा वर्ग जागृति संघ आदि के पदाधिकारियों ने एकत्रित होकर रोष प्रदर्शन किया और डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इस दौरान रोषित दलितों ने हुंकार भरते हुए देश से जातिवाद खत्म करने की मांग उठाई। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एडवोकेट रजत कल्सन, एडवोकेट बजरंग इन्दल,भीम आर्मी जिलाध्यक्ष प्रदीप भांखड़,प्रवक्ता स्ंतलाल अम्बेडकर ने कहा की विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता व संगठनों की तरफ से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजकर राजस्थान की पक्षपाती व जातीय मानसिकता से ग्रसित अशोक गहलोत सरकार को तुरंत बर्खास्त करने की मांग उठाई है। भीम आर्मी के नेतृत्व में हुए रोष प्रदर्शन पर ज्ञापन देते हुए कहा गया की केवल मटकी से पानी पीने पर 8 वर्षीय दलित छात्र इंद्र मेघवाल की इतनी पिटाई की गई की उसकी मौत हो गई। यह घटना पूरी मानवता को शर्मशार करने वाली है। इससे पहले पाली जिले में जितेंद्र मेघवाल की हत्या कर दी गई थी। उस मामले में भी राजस्थान सरकार पीड़ितों को न्याय नही दे सकी। उल्टा अशोक गहलोत सरकार का दलितों खासकर इन्द्र मेघवाल के मामले में खुलकर पक्षपाती रवैया सामने आ गया है। वहां तक की जब पीड़ित परिवार न्याय मांगने के लिए सड़कों पर आया तो अशोक गहलोत सरकार ने जबरन लाठीचार्ज करवा दिया था जो निंदनीय है। एडवोकेट रजत कल्सन, बजरंग इन्दल व प्रदीप भांखड़ ने कहा की कुछ महीने पहले उदयपुर के कनैहियालाल दर्जी के मामले में अशोक गहलोत सरकार ने तुरंत पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए व दो सरकारी नौकरी दी थी। जबकि इंद्र मेघवाल की कीमत गहलौत सरकार ने दलित होने की वजह से केवल 5 लाख लगाई है। दलित प्रतिनिधियों ने कहा की राष्ट्रपति इस मामले में कड़ा संज्ञान ले तथा राजस्थान सरकार को बर्खास्त कर,मृतक इंद्र के परिजनों को भी सरकारी खजाने से 50 लाख व एक सरकारी नौकरी दे, तथा आरोपी टीचर को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए मामला दिल्ली कोर्ट में शिफ्ट किया जाए और जिस स्कूल में यह घिनौनी घटना हुई है उस स्कूल की मान्यता रद्द की जाए तथा इस मामले में जिस किसी की भी कर्मचारी की लापरवाही व ढिलाई रही व पीड़ितों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। इस प्रदर्शन में चंद्रभान सेलवाल, विजय अठवाल,एडवोकेट देवेंद्र भुक्कल, एडवोकेट अनिल पंचाल,राजेश खंगवाल, सज्जन ढोकवाल,नरेंद्र भानखड,प्रवीन बिश्नोई,सोनू लंकेश, दलीप धानक, रवि गाड़ा,प्रवीन राठी, एडवोकेट गंगाराम,अजय भाटला, संदीप वाल्मीकि,दीपक सैनी, वीरेंद्र शर्मा,लाड़वाल व अन्य मौजूद रहे। Post navigation अमृत महोत्सव के बीच और बाद क्या ? मुफ्त रेवड़ी की कीमत कौन चुकाता है ?