-कमलेश भारतीय हरियाणा की राजनीति में जो मौजूदा घटनाक्रम है , उसे लेकर गोविंदा की फिल्म का यह लोकप्रिय गीत होठों पर आ रहा है :आपके आ जाने सेआपके आ जाने सेदिल धड़कता है मेराआपके आ जाने से ,,,,,सचमुच दिल धड़क रहा है कि क्या होगा ? क्या हो गया ? आगे क्या होने वाला है । मुसाफिर ने नया कदम तो रख दिया है , मंजिल मिलेगी या नहीं ? हरियाणा के लोगों की नज़र है कुलदीप बिश्नोई के नये फैसले , नये कदम की । बहुत सारे अंदाजे लगाये जा रहे हैं । अभी सबसे नया अंदाजा जेपी यानी जयप्रकाश ने लगाया है और हिसार में महंगाई विरोधी प्रदर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि कुलदीप ईडी के डर से भाजपा में गये हैं न कि किसी विरोध के चलते । हालाकि कुलदीप बिश्नोई ने क्राॅस वोटिंग कर बहुत बड़े बड़े बोल बोले कि मैंने पूर्व मुख्यमंत्री का अहंकार तोड़कर अपने पिता के अपमान का बदला ले लिया । मैंने सारे भ्रम खत्म कर दिये । मैंने आइना दिखा दिया और अध्यक्ष न बनाने का हिसाब भी चुकता कर लिया लेकिन यह जेपी नया ही खुलासा कर रहे हैं । अब मोदी और खट्टर अच्छे लगने लगे । आप सब मुझे अच्छे लगने लगे । इसके बाद अभी प्रो सम्पत सिंह का कांग्रेस में प्रवेश होने वाला है और अगर वे कांग्रेस में आते हैं तो जेपी या प्रो सम्पत में से एक मंडी आदमपुर उपचुनाव में सशक्त प्रत्याशी होंगे कांग्रेस के । भव्य की राजनीति को क्या कुलदीप बिश्नोई नयी राह दिखाने में सफल हो पायेंगे ? खुद हिसार लोकसभा क्षेत्र से लड़ने की योजना बना रहे हैं तो बृजेंद्र सिंह जो यहां से इस समय भाजपा के सांसद हैं , वे कहां जायेंगे ? क्या वे भव्य को आसानी से जीतते हुए देखते रहेंगे ? उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का क्या रूख होगा ? यह भी सोचने वाली बात है । सोनाली फौगाट जो कदम कदम पर विरोध करती आई , क्या वे खामोशी से सारा घटनाक्रम देखती रहेंगीं ? सतिंद्र सिंह क्या भाजपा में बने रहेंगे ? कितने सारे चेहरे हैं जो सामने आ रहे हैं और आने वाले दिनों में ये चेहरे कहां दिखेंगे , कोई नहीं कह सकता । अभी तो कुलदीप बिश्नोई का स्वागत् किया जा रहा है । पोस्टर युद्ध चल रहा है । ये सब बातें पीछे रह जायेंगीं दो चार दिन में । आपके आ जाने सेइसीलिए दिल धड़कता है मेरा ,,, !-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation डा. संजीव कुमारी द्वारा लिखित पुस्तक जन्म से मृत्यु तक के सभी लोकगीतों का चौ. रणजीत चौटाला द्वारा विमोचन संसद से सड़क तक : सड़क पर पुलिस, घर में ईडी