कमलेश भारतीय हिसार : प्रसिद्ध कवि उदयभानु हंस को आज उनकी पुण्यतिथि पर पीसीसीपीए(पीएलए)में आयोजित एक कार्यक्रम में काव्य गोष्ठी कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी । इसमें साहित्य कला संगम के संरक्षक व वरिष्ठ एडवोकेट पी के संधीर ने कहा कि यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण आयोजन है जिसमें हंस जी को याद किया गया और वह भी एक स्तरीय काव्य गोष्ठी के माध्यम से । यही सच्ची श्रद्धांजलि है । संगम के अध्यक्ष कमलेश भारतीय ने हंस से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाये और काव्य गोष्ठी का संचालन किया । इसमें युवा गायिका विभा का एक वीडियो भी प्रदर्शित किया गया जिसमें अस्पताल में दाखिल हंस जी को उन्हीं का मधुर गीत गाकर विभा सुना रही है और हंस जी अत्यंत दुर्बल व अस्वस्थ होने के बावजूद अपने ही गीत का आनंद लेते दिखाई दे रहे हैं । इस वीडियो ने सबको भावुक कर दिया और सबकी आंखें सजल हो गयीं । वरिष्ठ कवि सतीश कौशिक ने गांव घर की यादों को समेटे गीत सुनाया और यह भी कहा : पांवों में उसके दम न थापर वह सफर में थाजाने पड़ाव कौन साउसकी नजर में था !नीरज मनचंदा ने सुनायी ये पंक्तियां :मुश्किलों में मुस्कुराना सीख लोदीप तुम दिल जलाना सीख लोगम का दरिया बह रहा है हर जगहगम में भी हंसना हंसाना सीख लो !डाॅ चंद्रशेखर ने हंस जी को इस तरह याद किया :दर्द की बांसुरी आपकी हंस जीसुन रहे हम सभी न रुके सिलसिला !प्राध्यापिका सरोज श्योराण ने कुछ ऐसे अपनी बात कही :खुद से प्रीत जोड़ लो तुमयूं किसी का राह मेंइंतज़ार न करोकर्म का दीपक जलालक्ष्य को साध लेधैर्य की शिला परजीत को तराश ले!पूनम मनचंदा ने कहा :दोस्ती इस तरह वो निभाते रहेगर्दिशों में हमें छोड़ जाते रहे !सत्यपाल शर्मा ने सुनाया :नाम वाले नाज मत करदेख सूरज की तरफयह सवेरे तो उगेगाशाम को ढल जायेगा ,, कमलेश भारतीय ने मुंशी प्रेमचंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते ‘साहित्यकार की वसीयत’ कविता में उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण अंशों का उल्लेख किया और कहा : मेरे स्थान परमेरे होरी को , मेरी निर्मला कोजीवन दान देना ! पीडीसीपीए के संचालक प्रवीण असीजा ने प्रारम्भ में सभी का स्वागत् करते कहा कि वे हंस जी का जन्मदिन सदैव मनाते रहेंगे । इस आयोजन में आदर्श कुमार , कलाकार पाल (हांसी), नीलम भारती , रश्मि , सतीश कथूरिया आदि मौजूद रहे । Post navigation लघुकथा : राजनीति प्रवासी और भारतीय लेखकों के सेतु : सुधा ओम ढींगरा