अवैध खनन पर भाजपा सरकार कडा प्रहार करेगी, यह केवल मृगतृष्णा : विद्रोही

हरियाणा में खनन माफिया अवैध खनन की गतिविधियां सरकारी अफसरों, पुलिस, वन, खनन विभाग की मिलीभगत से सत्ताधारी संघीयों के सरंक्षण मेें चल रही है : विद्रोही
जिस तरह भाजपा खट्टर सरकार के खनन मंत्री खनन माफिया के अवैध खनन को चोरी कहकर सारी जिम्मेदारी खनन मजदूरों व डम्पर ड्राईवरों पर डाल रहे है, तब खनन माफिया के बड़े मगरमच्छ बेनकाब होंगे, यह आशा कैसे की जा सकती है? : विद्रोही

30 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर से मांग की कि प्रदेश में हो रहे अवैध खनन की निष्प़क्ष-स्वतंत्र जांच के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच समिति का गठन किया जाये जो भाजपा खट्टर राज में विगत साठ सालों में प्रदेश में हुए पत्थर, बजरी, रेत खनन की विस्तृत जांच करे। विद्रोही ने कहा कि जब प्रदेश सरकार मानती ही नही कि हरियाणा में खनन माफिया अवैध खनन की गतिविधियां सरकारी अफसरों, पुलिस, वन, खनन विभाग की मिलीभगत से सत्ताधारी संघीयों के सरंक्षण मेें चल रही है, तब ऐसी स्थिति में सरकार अवैध खनन पर रोक लगायेगी, यह सोचना भी बेमानी है। जिस तरह भाजपा खट्टर सरकार के खनन मंत्री खनन माफिया के अवैध खनन को चोरी कहकर सारी जिम्मेदारी खनन मजदूरों व डम्पर ड्राईवरों पर डाल रहे है, तब खनन माफिया के बड़े मगरमच्छ बेनकाब होंगे, यह आशा कैसे की जा सकती है? प्रदेश में विगत 8 सालों में पत्थर, बजरी, रेत का लाखों-करोड़ों रूपये का अवैध खनन हुआ है। 

विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित अरावली पहाडी क्षेत्र में केवल अवैध खनन का मामला नही है अपितु एक सुनियोजित षडय़ंत्र के तहत दक्षिणी हरियाणा के अरावली क्षेत्र की पहाडियों को सत्ता सरंक्षण में खनन माफिया से समतल करवाकर वन व पहाडी भूमि को हडपने का लम्बा-चौडा खेल चल रहा है। वन क्षेत्र व अरावली पहाडी क्षेत्र की जमीन को प्रतिबंधित खनन क्षेत्र से बाहर निकालकर इसे सामान्य भूमि में बदलने की चौसर भाजपा खट्टर सरकार लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले बिछा चुकी है। वन क्षेत्र व अरावली पहाडी की अरबो-खरबों रूपये की जमीन हडपने के लिए भाजपा खट्टर सरकार ने फरवरी 2019 में पंजाब भूमि सरंक्षण कानून 1900 में परिवर्तन करके इस सरंक्षित भूमि को सरंक्षण से बाहर निकालने के लिए पंजाब भूमि सरंक्षण कानून 2019 संशोधित कानून हरियाणा विधानसभा में पारित करवा चुकी है। 

विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से अरावली क्षेत्र की पहाडी व वन क्षेत्र की जमीन को प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए ही दक्षिणी हरियाणा में अरावली पहाडी की 350-400 मीछर से ऊंची 125 पहाडियों में से 31 पहाडियों को अवैध खनन द्वारा समतल किया जा चुका है और अवैध खनन से अन्य पहाडियों को भी समतल बनाने का खेल जारी है। अरावली पहाडी की जमीन अवैध खनन से समतल करने के बाद अब भाजपा सरकार केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट से अरावली प्रतिबंधित क्षेत्र से कुछ वन व पहाडी जमीन को बाहर निकालने के ताने-बाने बुन रही है ताकि पंजाब भू-सरंक्षण संशोधित कानून 2019 की आड़ में बिल्डरों, धन्ना सेठों से मिलकर अरबो-खरबो रूपये बनाने का खेल पूरा किया जा सके।

विद्रोही ने कहा कि पंजाब भू-सरंक्षण संशोधित कानून 2019 चीख-चीख भाजपा खट्टर सरकार की नीयत पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। जब सत्ताधारी नेता खनन माफिया से मिलकर एक सुनियोजिते षडयंत्र के तहत पहाडी जमीन को समतल करवाने के खेल में जुटी हो तब अवैध खनन पर भाजपा सरकार कडा प्रहार करेगी, यह केवल मृगतृष्णा है। यदि सरकार की नीयत साफ है तो वह पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में प्रदेश में विगत आठ वर्षो से खनन माफिया द्वारा किये जा रहे अवैध खनन की निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच करवाने की हिम्मत दिखाये ताकि खनन माफिया व उसको सरंक्षण देने वाले सत्ताधारियों के चेहरे भी बेनकाब हो और अरावली की पहाडियों व प्रदेश के वन क्षेत्र को भी बचाया जा सके। 

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