जब अक्टूबर 2014 में कांग्रेस ने सत्ता छोडी थी, तब हरियाणा पर लगभग 70 हजार रूपये का कर्ज बोझ था जो 7 वर्ष 9 माह बाद बढकर 324448 करोड़ रूपये कैसे और क्यों हो गया : विद्रोही
भाजपा राज में लिए लगभग 2 लाख 54 हजार करोड़ रूपये का कर्ज किस मद में किस-किस विकास प्रोजेक्ट पर कब-कब कहां खर्च हुआ? विद्रोही
हरियाणा के विभिन्न उद्योगपतियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा-संघ को दिये गए चंदे के नाम कितना धन लिया गया, यह भी इस जांच के दायरे में हो।  विद्रोही

15 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि आंकडों का भ्रमजाल फैलाकर इधर-उधर की बात करने की बजाय हरियाणा की जनता को बताये कि विगत 8 सालों में भाजपा खट्टर सरकार ने प्रदेश का ऐसा कौनसा विकास किया है, जिसके चलते प्रदेश का कर्ज बोझ 70 हजार करोड़ रूपये बढकर 324448 करोड़ रूपये हो गया। विद्रोही ने कहा कि जब अक्टूबर 2014 में कांग्रेस ने सत्ता छोडी थी, तब हरियाणा पर लगभग 70 हजार रूपये का कर्ज बोझ था जो 7 वर्ष 9 माह बाद बढकर 324448 करोड़ रूपये कैसे और क्यों हो गया, इसका जवाब मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को देना होगा। भाजपा खट्टर सरकार आंकडों का भ्रमजाल फैलाकर लोगों को ठगने की बजाय 7 वर्ष 9 माह में लिए गए कर्ज पर एक विस्तृत श्वेत पत्र जारी करके बताये कि भाजपा राज में लिए लगभग 2 लाख 54 हजार करोड़ रूपये का कर्ज किस मद में किस-किस विकास प्रोजेक्ट पर कब-कब कहां खर्च हुआ? भाजपा खट्टर सरकार ने अपने राज में 254 लाख करोड़ रूपये का कर्ज लेकर प्रदेश के हर नागरिक को भारी कर्ज बोझ से लाद दिया जो हरियाणा को आर्थिक बदहाली की ओर धकेलने वाला कदम है। 

विद्रोही ने कहा कि आश्चर्य यह है कि विगत 7 वर्ष 9 माह के भाजपा राज में प्रदेश में कोई भी ऐसा बड़ा विकास कार्य नही हुआ जिसके चलते हरियाणा पर पूर्व सरकार की तुलना में लगभग चाढ़े चार गुणा कर्ज बोझ बढ़ गया। आखिर यह कर्ज का पैसा गया कहां? भाजपा राज की धरातल की वास्तविकता यह है कि भाजपा व संघ की तिजौरियां भरी है व उनकी चल-अचल सम्पत्ति में बेशुमार बढोतरी हुई है। वहीं प्रदेश पर भारी कर्ज बोझ बढा है। हरियाणा सरकार द्वारा लिया गया 2.54 लाख करोड़ रूपये का कर्ज कहीं सत्ता दुरूपयोग से भ्रष्टाचार के द्वारा भाजपाई-संघीयों की तिजौरियों भरने में तो नही खपा दिया गया? इसकी विस्तृत जांच करने की जरूरत है और यदि यह पैसा भ्रष्टाचार से भाजपा-संघ की तिजौरियां में ट्रांसफर नही हुआ तो खट्टर जी बताये कि आखिर यह पैसा गया कहां और कौनसे विकास प्रोजेक्ट पर खर्च हुआ? 

विद्रोही मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को चुनौती दी कि यदि वे अपने दावे के अनुसार ईमानदार, पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चला रहे है तो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से विगत 7 साल 9 माह में हरियाणा में भाजपा-संघ द्वारा अर्जित चल-अचल सम्पत्तियों की निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच करवाये। वहीं हरियाणा के विभिन्न उद्योगपतियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा-संघ को दिये गए चंदे के नाम कितना धन लिया गया, यह भी इस जांच के दायरे में हो। 

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