जब नवगठित हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग में पिछडे वर्ग का प्रतिनिधित्व ही नाम मात्र हो तो ऐसा आयोग कैसी रिपोर्ट देगा और क्या सिफारिश देगा, कितना पिछडे वर्ग के हितों के लिए काम करेगा ? विद्रोही

14 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि कानूनी खानापूर्ति पूरी करने के लिए भाजपा-जजपा खट्टर सरकार ने हरियाणा में पिछडा वर्ग आयोग गठित तो कर दिया, लेकिन इस आयोग में पिछडे वर्ग को प्रतिनिधित्व नाम मात्र का मिला है। विद्रोही ने कहा कि रिटायर्ड जज दर्शन सिंह की अध्यक्षता में बने हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग के पांच सदस्यों में पिछडे वर्ग बीसी ए गु्रप से मात्र एक सदस्य है बाकी आयेाग के सभी सदस्य सरकारी अधिकारी व अगड़े वर्ग के है। पिछडे वर्ग के जिस बी गु्रप से भाजपा-खट्टर सरकार सबसे उपेक्षापूर्ण व द्वेषपूर्ण व्यवहार कर रही है, उस बीसी बी वर्ग का कोई भी प्रतिनिधि पिछडा वर्ग आयोग का सदस्य नही बनाया है। सवाल उठता है कि जब नवगठित हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग में पिछडे वर्ग का प्रतिनिधित्व ही नाम मात्र हो तो ऐसा आयोग कैसी रिपोर्ट देगा और क्या सिफारिश देगा, कितना पिछडे वर्ग के हितों के लिए काम करेगा, बताने की जरूरत नही। 

विद्रोही ने कहा कि कानूनी औपचारिकता पूरी करने के लिए पिछडा वर्ग आयोग तो बना दिया गया, पर इस आयोग का स्वरूप मुंह बोलता प्रमाण है कि इस आयेाग से ओबीसी वर्ग के लोगों को ज्यादा अपेक्षाएं नही रखनी चाहिए। आयोग का स्वरूप ही चीख-चीख बता रहा है कि यह आरक्षण व पिछडे वर्ग के प्रति संघी एजेंडे को ही आगे बढ़ाने का काम करेगा।  संघी एजेंड यही है कि पिछडे वर्ग के आरक्षण, सुविधाओं पर येनकेन प्रकेरण कैंची चलाकर ओबीसी को उनके संवैद्यानिक हकों में तकनीकी अडचने डालकर वंचित किया जाये जिससे आरक्षण अपने आप भोथरा व कमजोर हो जाये। विद्रोही ने आरोप लगाया कि जब भाजपा-संघी सरकार पिछडे वर्ग के हित की नीयत की बजाय उनका अहित करने की हो, तब ऐसा पिछडा वर्ग आयोग जिसमें पिछडे वर्ग का प्रतिनिधित्व ही न के बराबर हो, तब ओबीसी वर्ग को यह एहसास कैसे हो कि उक्त पिछडा वर्ग आयोग उनके हितों में काम करेगा। आयोग का स्वरूप ही बताता है कि यह संघ के इशारे पर चलने वाला एक कठपुतली पिछडा वर्ग आयोग है जो पिछडे वर्ग को सशक्त करने की बजाय वैद्यानिक रूप से कैसे कमजोर किया जाये, इस पर अपना ध्यान केन्द्रीत करेगा। 

विद्रोही ने भाजपा खट्टर सरकार से मांग की कि पिछडे वर्ग आयोग को संतुलित व प्रभावी बनाने के लिए हरियाणा की ओबीसी वर्ग की पिछडी 72 जातियों में से ओबीसी ए वर्ग की 67 जातियों में से अति-पिछडे वर्ग के एक और व्यक्ति व बीसी बी वर्ग की पांच जातियों में से किसी एक व्यक्ति को और सदस्स्य बनाकर इस आयोग को सात सदस्यीय किया जाये ताकि पिछडे वर्ग के हित की जिस भावना से आयोग का गठन हुआ है, वह भावना फलीभूत हो सके। 

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