कुरुक्षेत्र के इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा का अहम योगदान : नायब सैनी

सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, उपायुक्त मुकुल कुमार, कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा ने स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा की जयंती को लेकर स्मारक पर अर्पित की श्रद्धांजलि।
मंत्रोच्चारण के बीच हवन यज्ञ में डाली आहुति। भाषण व चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया सम्मानित।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 4 जुलाई : सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुुरुक्षेत्र के पौराणिक इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकेगा। इस महान व्यक्तित्व ने कुरुक्षेत्र का विकास करना ही अपना लक्ष्य बनाया। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही कुरुक्षेत्र और 48 कोस के तीर्थों का विकास करने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना की थी। अब इस बोर्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल 48 कोस के 164 तीर्थों का जीर्णाेद्वार कर रहे है और इन तीर्थों के लिए कई करोड़ रुपए का बजट भी तय किया है।

सांसद नायब सिंह सैनी सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा, संग्रहालय एवं पुस्तकालय पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और कुुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तत्वावधान में भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की 124वीं जंयती समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, उपायुक्त मुकुल कुमार, केयूके के कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा,एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक, नगराधीश एवं केडीबी के सीईओ चंद्रकांत कटारिया, समाज सेवी विजय सभ्रवाल, समाज सेवी कृष्ण धमीजा, स्वामी हरिओम परिव्राजक, सेवा निवृत आईएएस डा. आरबी लांग्यान, नंदा स्मारक के इंचार्ज डा. ललित गौड ने नंदा जी स्मारक पर पुष्पाजंलि अर्पित की और हवन यज्ञ में मंत्रौच्चारण के बीच आहुित डाली। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता में प्रथम आने वाली डीएन कालेज की छात्रा रचना, द्वितीय स्थान पर आईजी कालेज कैथल की दीपिका, तृतीय स्थान पर कानून विभाग केयूके की छात्रा उपासना, चौथे स्थान पर आईजी कालेज कैथल की मुस्कान को सम्मानित किया। इसी प्रकार चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम आईजी कालेज की शबनमदीन, द्वितीय स्थान पर वासु व तृतीय स्थान पर पिंकी को प्रशंसा पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

सांसद ने नगर वासियों को भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की 124 जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत रत्न नंदा जी ने अपने जीवन में पिछड़े, गरीब और दलित वर्ग के साथ-साथ समाज के जरुरतमंद लोगों के उत्थान के लिए कार्य किया। नंदा जी के प्रयासों से गीता स्थली कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्टड्ढ्रीय पटल पर एक मुकाम मिला। इस महान व्यक्तित्व के कुरुक्षेत्र के प्रति योगदान को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने कुरुक्षेत्र में भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा स्मारक का निर्माण करवाया। सरकार ने नंदा जी के सपने को साकार करने के लिए अनेकों योजनाओं को अमलीजामा पहनाया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र 48 कोस के 164 तीर्थों के जीर्णाेद्घार के कार्य को आगे बढ़ाने का काम किया है।विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा की हमेशा प्राथमिकता रही कि कुरुक्षेत्र का विकास हो। नंदा जी ने 1968 और 1971 में कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ा और इस लोकसभा क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम किया। इसके लिए बकायदा केडीबी की स्थापना की। अब भाजपा सरकार ने वर्ष 2014 से कुरुक्षेत्र व 48 कोस के तीर्थों का विकास करने की योजना तैयार की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल कुरुक्षेत्र को विश्व मानचित्र के पटल पर लाने के लिए कार्य कर रहे है। अभी हाल ही में विधानसभा वित्त कमेटी के माध्यम से गीता स्थली ज्योतिसर को विश्व पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने के लिए 205 करोड़ रुपए का बजट पारित किया। इसके अलावा इस क्षेत्र में विकास की गति को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा जी के साथ स्वर्गीय धर्मवीर सभ्रवाल, स्वर्गीय देवी दयाल नन्हा और स्वर्गीय शांति स्वरुप शर्मा के योगदान को भी कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डा. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा ने अपना जीवन समाज को समर्पित किया और कुरुक्षेत्र व 48 कोस के तीर्थों का विकास करने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नंदा जी ने एक आम जन साधारण की तरह कुरुक्षेत्र में कार सेवा जैसे कार्यों को शुरु करवाया। अब नंदा जी के जीवन से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिले और नंदा जी के जीवन पर शोध हो इसके लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निरंतर कार्य कर रहा है।

उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा ने हरियाणा को अपनी कर्मस्थली बनाया और धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र गीता स्थली को विकसित करने के लिए अपना अहम योगदान दिया। इस धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्टड्ढ्रीय पटल पर स्थापित करने में नंदा जी के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकेगा। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि 1967 में सोमवती अमावस्या के दिन भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा ने जब ब्रहमसरोवर पर स्नान किया तो उसी ब्रहमसरोवर के साथ-साथ आसपास के तीर्थों की तकदीर लिखी गई। नंदा जी ने तीर्थों का विकास करने के लिए केडीबी की स्थापना की। अब केन्द्र और राज्य सरकार के प्रयासों से कुरुक्षेत्र के तीर्थों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में समाज सेवी विजय सभ्रवाल ने भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा जी के साथ बिताए दिनों के अनुभवों को सांझा किया।

नंदा स्मारक स्थल के इंचार्ज डा. ललित कुमार गौड ने मेहमानों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन डा. विवेक चावला ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार विजय सभ्रवाल, केडीबी के सदस्य सौरभ चौधरी, केसी रंगा, रत्न लाल बंसल, रामकुमार रम्बा, खरैती लाल सिंगला, विनोद गर्ग, डा. शुचिस्मिता, डीईओ डा. बलजीत मलिक, प्रो. आरके देशवाल, डॉ. सुरेन्द्र सिंह, डॉ. स्वर्ण प्रभा, कांस्टेबल राममेहर, डॉ. जितेन्द्र जांगडा, समाज सेवी प्रदीप झांब, राजेन्द्र सिंह राणा, गौरव सेठ, प्रदीप कुमार, अमित शर्मा, नरेश शाण्डिल्य सहित अधिकारीगण, कार्यकर्ता और गणमान्य लोग मौजूद थे।

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