यदि वे बेरोजगारी पर सीएमआईई के आंकडों को सही नही मानते तो फिर बता दे कि किस एजेंसी के आंकडों को वे सही मानेगे? विद्रोही
जब सरकार व सरकार का मुखिया हरियाणा मेें सांप की आंत की तरह फैलती बेरोजगारी को ही मानने को तैयार नही तो बेरोजगारी का निदान कैसे करेंगे। विद्रोही
सीएमआईई आंकडों अनुसार हरियाणा में बेरोजगारों की संख्या 25-26 लाख है। वहीं नीति आयोग व भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के आंकडों अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी की संख्या 15 से 18 लाख है। विद्रोही

3 जुलाई 2022 – सीएमआईई सर्वे में बेरोजगारी दर में हरियाणा को देश का नम्बर वन राज्य बताने को बार-बार नकराने वाली भाजपा खट्टर सरकार से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल किया कि यदि सीएमआईई के बेरोजगारी दर के आंकड़े गलत है तो भाजपा अन्य राज्यों में इसी संस्था के आंकडों को लेकर अपनी पीठ क्यों थपथपाती है? विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से पूछा कि यदि वे बेरोजगारी पर सीएमआईई के आंकडों को सही नही मानते तो फिर बता दे कि किस एजेंसी के आंकडों को वे सही मानेगे? सीएमआईई आंकडों अनुसार हरियाणा में बेरोजगारों की संख्या 25-26 लाख है। वहीं नीति आयोग व भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के आंकडों अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी की संख्या 15 से 18 लाख है। वहीं हरियाणा में सी श्रेणी नौकरी पाने वाले रजिस्टेऊशन आवेदकों की संख्या ही दस लाख से ज्यादा है। अब खट्टर जी उक्त तीन आंकडों में से एक आंकडे को सही मानकर प्रदेश में बेरोजगारी दर कितनी है, इसका स्वयं आंकलन ईमानदारी व गंभीरता से करे। 

विद्रोही ने कहा कि 1991 में हरियाणा में 4.19 लाख सरकारी-अर्धसरकारी कर्मचारी प्रदेश में काम कर रहे थे जो 2021 में घटकर लगभग 2.80 लाख रह गए है। इस आंकडे के अनुसार भी आज प्रदेश में लगभग 1.40 लाख सरकारी नौकरियों के ही स्वीकृत पद खाली है। यदि हरियाणा की सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों को भी आधार मानकर बेराजगारी दर का अनुमान लगाया जाये तो भी हरियाणा में बेरोजगारी दर 30 प्रतिशत के आसपास है। ऐसी स्थिति में सीएमआईई अंाकडों को गलत बताकर भाजपा व मुख्यमंत्री खट्टर जी वास्तविकता से मुंह फेर रहे है। जब सरकार व सरकार का मुखिया हरियाणा मेें सांप की आंत की तरह फैलती बेरोजगारी को ही मानने को तैयार नही तो बेरोजगारी का निदान कैसे करेंगे।

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर जी का यही आचरण प्रदेश में ना केवल बेरोजगारी को बढ़ा रहा है अपितु प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार देने की बजाय अन्य प्रदेशो के संघीयों और यहां तक सरकारी नौकरियों से रिटायर्ड हो चुके संघी स्वयंसेवकों को दोबारा अनुबंध आधार पर रोजगार देने कीे योजनाएं बनाकर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ क्रूर मजाक करके हरियाणा को बेरोजगार ही बनाये रखने का षडयंत्र भी रच रहे है। 

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