-किसानों को योजना के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से उपायुक्त ने लघु सचिवालय से रवाना किया जागरूकता वाहन
-जिला के अलग-2 क्षेत्रों में जाकर किसानों को वाहन के माध्यम से किया जाएगा जागरूक

गुरूग्राम, 1 जुलाई। किसानों को फसल बीमा योजना के लाभ के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जागरूकता वाहन की शुरूआत की गई। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने इस वाहन को आज लघु सचिवालय से झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन जिला के अलग-2 क्षेत्रों में जाकर लोगों को इस योजना के फायदों के बारे में अवगत करवाएगा।

इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान 31 जुलाई तक खरीफ फसलों के लिए बीमा करवा सकते हैं। जिला में फसल बीमा की जिम्मेदारी रिलायंस कंपनी को दी गई है । इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर-18001802117 या संबधित बैंक और कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

योजना के बारे में जानकारी देते हुए उप-कृषि निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि कोई भी किसान अपनी खरीफ फसल का बीमा करवा सकता है। बीमा कराने की योजना ऋणी व गैर ऋणी किसानो के लिए अलग-अलग है। यह योजना किसानो के लिए स्वैछिक है । यदि किसान अपनी फसल का बीमा नही करवाना चाहते तो 24 जुलाई तक बैंक को लिखित आवेदन कर दें, अगर किसान ने अपने खेत में जैसे कपास की बिजाई कर रखी है, लेकिन गलती से दूसरी फसल का बीमा हो गया या करा लिया है, तो फसल को बदलने की सूचना संबधित बैंक को 29 जुलाई तक अवश्य दें ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की असुविधा ना हो। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के फायदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि फसल का बीमा करने के बाद किसानो को बाढ़, ओलावृष्टि, जलभराव, आकाशीय (प्रातिक) बिजली या प्राकृतिक कारणों से आग से होने वाले नुकसान के लिए बीमा का मुआवजा दिया जाता है। खरीफ-2021 में रिलायंस जरनल इन्श्योरेंस कंपनी द्वारा 4978 किसानो में 9.87 करोड़ रु किसानो में वितरित किए गए।

कृषि विभाग की सहायक सांख्यिकीय अधिकारी रजनी छिकारा ने बताया इस स्कीम के तहत खरीफ सीजन में धान की फसल का प्रीमियम 741 रु प्रति एकड़, कपास 1798 रु प्रति एकड़, बाजरा 348.64 रु प्रति एकड़ व मक्का 370.51 रु प्रति एकड़ है। उन्होंने कहा कि फसल नुकसान होने पर 72 घंटो के भीतर किसान को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को निर्धारित प्रारूप में फसल खराबे की सूचना देना आवश्यक है।

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