कॉरपोरेट घरानों को तो जीएसटी में रियायत दे रही है और आम आदमी को महंगाई रूपी चक्की में पीस रही है जिन मदों पर जीएसटी लगाया गया है जिससे मध्यम वर्ग और गरीब आदमी पर महंगाई की मार पड़ेगी उन्हें तुरंत वापस लिया जाए जिस हिसाब से हर वस्तु पर जीएसटी लगा रही है ऐसा लगता है कि आने वाले समय में मृत्यु पश्चात अंतिम संस्कार पर भी टैक्स लगा देगी चंडीगढ़, 29 जून: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर जीएसटी लगाए जाने को ‘जजिया टैक्स’ करार देते हुए कहा कि देश और प्रदेश में महंगाई का आलम यह है कि आम आदमी को दो जून की रोटी नसीब नहीं हो रही लेकिन अब दही, पनीर, शहद सहित डिब्बा बंद और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत, चेक जारी करने के एवज में बैंक शुल्क पर 18 प्रतिशत, एटलस समेत नक्शे और चार्ट पर 12 प्रतिशत और एक हजार रूपए से कम किराए वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगा कर मध्यम वर्ग और गरीब आदमी की कमर तोड़ने का काम किया है। यह सभी मद जिन पर जीएसटी लगाया गया है सीधे-सीधे मध्यम वर्ग और गरीब आदमी की रोजमर्रा की जरूरत की चीजों से जुड़ी हैं। भाजपा सरकार बड़े कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली बन कर रह गई है। कॉरपोरेट घरानों को तो जीएसटी में रियायत दे रही है और आम आदमी को महंगाई रूपी चक्की में पीस रही है। राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति व्यवस्था जो 1 जुलाई, 2017 में शुरू की गई थी उसकी मियाद भी 30 जून को खत्म हो जाएगी जिससे राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की आने वाले समय में कोई भरपाई नहीं हो पाएगी। भाजपा की केंद्र सरकार को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि राज्य पर आर्थिक संकट के हालात न बन पाएं। साथ ही जिन मदों पर जीएसटी लगाया गया है जिससे मध्यम वर्ग और गरीब आदमी पर महंगाई की मार पड़ेगी उन्हें तुरंत वापिस लिया जाए। भाजपा सरकार जिस हिसाब से हर वस्तु पर जीएसटी लगा रही है ऐसा लगता है कि आने वाले समय में मृत्यु पश्चात अंतिम संस्कार पर भी टैक्स लगा देगी। Post navigation विजिलेंस ब्यूरो ने महिला एएसआई को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार शहरी क्षेत्र में सितंबर महीने तक हो सभी जगह पार्किंग की मार्किंगः मुख्यमंत्री