हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय शिक्षा व अनुसंधान में करेंगे एक दूसरे का सहयोग

हिसार : 29 जून – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय तथा गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार शिक्षा व अनुसंधान क्षेत्रों में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। इसके लिए इन दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एक अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए हैं।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज की उपस्थिति में मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजु महता व स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. के.डी. शर्मा जबकि गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. अवनीश वर्मा व वैज्ञानिक डॉ. विनोद छोक्कर ने इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए ।

दोनों विश्वविद्यालय के छात्रों को होगा फायदा
  उन्होंने कहा कि इस अनुबंध के अंतर्गत दोनों विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी परस्पर एक दूसरे संस्थान में शोध कार्य कर सकेंगे। इससे शोधकत्र्ताओं को दोनों संस्थानों की प्रयोगशालाओं एवं अन्य संसाधनों को प्रयोग करने का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि इस अनुबंध के तहत दोनों संस्थानों के प्राध्यापक एमएससी व पी-एच.डी. करने वाले छात्रों को संयुक्त रूप से मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त इस अनुबंध के अंतर्गत वैज्ञानिकों छात्रों और प्रौद्योगिकीविदों का आदान-प्रदान; पारस्परिक हित के जर्मप्लाज़्म और प्रजनन सामग्री का आदान-प्रदान सहित वैज्ञानिक साहित्य तथा सूचना व प्रौद्याोगिकी सुविधाओं के आदान-प्रदान पर सहमति हुई है।

प्रो. बी.आर. काम्बोज जोकि गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार भी संभाल रहे हैं, ने कहा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक तथा अनुसंधान कार्यक्रमों को विस्तार देने के लिए देश-विदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है और आपसी रूचि के क्षेत्रों की पहचान करके आगे बढ़ रहा है।

अनुसंधान व तकनीकी का हो सकेगा परीक्षण
उपरोक्त के अतिरिक्त इस अनुबंध से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि संबंधी कार्यों में गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय को तकनीकी मदद प्राप्त होगी और साथ ही गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय की तकनीकों का हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के फार्म पर परीक्षण किया जा सकेगा। इससे पूर्व मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय की सहायक निदेशक डॉ. जयंती टोकस ने कार्यक्रम में उपस्थित दोनों विश्वविद्यालयों के अधिकारियों का स्वागत किया।      

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