हांसी,26 जून । मनमोहन शर्मा

 अग्रवाल सेवा समिति वैश्य समाज के प्रधान एन.के. गोयल व अनाज मंडी एसोसिएशन के जिला प्रधान पवन गर्ग ने संयुक्त बयान में कहा है कि एक्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा को भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्यसभा में न भेजने पर वैश्य समाज में भाजपा के प्रति भारी नाराजगी है जबकि  2014 में हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाने में डॉ. सुभाष चंद्रा ने पूरे हरियाणा में सहयोग किया था। डॉ. सुभाष चंद्रा का परिवार हमेशा ही भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा है और पूरी तरह से मदद की है, और विपक्ष के समय भी हमेशा साथ रहे हैं। डॉ. सुभाष चंद्रा का हरियाणा ही नहीं पूरे देश के वैश्य समाज व सभी बिरादरी में अच्छा प्रभाव है। डॉ. चंद्रा व उनके पिता नंदकिशोर गोयन्का का वैश्य समाज की हर संस्था, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं में बड़ा भारी योगदान है। राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा जन सरोकार के कार्य करने में कभी पीछे नहीं रहे है। राज्यसभा सांसद रहते हुए उनके द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिये गये गांवों में जो विकास कार्य उन्होंने करवाने का काम किया है, वो भी काबिले तारीफ है। आदमपुर एरिया के सरकारी अस्पताल ने तो काया कल्प होने के बाद पूरे हरियाणा का अवार्ड जीता है, ये सब डॉ. सुभाष चंद्रा की दूरगामी सोच के ही परिणाम रहे हैं। छोटे से गांव सदलपुर के डॉ. सुभाष चंद्रा का सफर आज विश्व के कई देशों तक है लेकिन हमेशा वो जमीन से जुड़े रहे हैं, कभी भी वो समाज से दूर नहीं हुए।       

एन.के. गोयल व पवन गर्ग ने आगे कहा कि डॉ. सुभाष चंद्रा की पूरे देश में अग्रवाल समाज को एकजुट करने में अहम् भूमिका रही है और समाज को एक माला में पिरोने का काम लगातार डॉ. सुभाष चंद्रा कर रहे है। डॉ. सुभाष चंद्रा ने समय-समय पर प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति, केंद्र के अनेकों मंत्री और अनेकों प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को सम्मेलन में इक_ा करके समाज और जनता के हित में अनेकों योजना लागू करवाने का काम किया है। पूरे देश में डॉ. सुभाष चंद्रा की अपनी एक अलग पहचान है। बात अगर राजनीतिक तौर पर करें तो फिलहाल दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और हरियाणा में भी तेजी से अरविंद केजरीवाल अपने पांव पसारने के प्रयास कर रहे हैं। देश के अलग—अलग राज्यों और खासकर हरियाणा प्रदेश में डॉ. सुभाष चंद्रा जैसे मजबूत व्यक्ति को साथ रखने की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. सुभाष चंद्रा को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व न देकर गलती की है, कहीं न कहीं विपक्षी पार्टी को इसका लाभ भविष्य में मिलता नजर आ रहा है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को इस विषय पर अभी से मंथन करने की जरूरत है।

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