• करनाल में भाजपा को तो उचाना में जजपा को लोगों ने नकारा – उदय भान• हरियाणा निकाय चुनाव में 4 में से 3 शहरी वोटरों ने अपना वोट भाजपा के खिलाफ दिया – उदय भान• पिछली बार के निकाय चुनाव में बीजेपी को 35 सीटों पर जीत मिली थी, अब 14 घटकर 21 पर रह गई भाजपा – उदय भान• प्रदेश की 74% जनता ने भाजपा को नकारा, 26% वोट मिलना भाजपा के गिरते जनाधार का सबूत – उदय भान चंडीगढ़, 23 जून। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ. उदय भान ने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी करने से पहले मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री अपनी तरफ देखें, जो करनाल और उचाना में हार गये हैं। जब आप किसी पर एक उंगली उठाते हो तो नीचे की तीन उंगली अपनी तरफ होती है। इसका मतलब साफ है कि दूसरे की कमियां निकालने की सोचने से पहले अपनी हालत के बारे में तीन गुना ज्यादा सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता में गठबंधन के बावजूद करनाल में भाजपा को तो उचाना में जजपा को लोगों ने नकार दिया है। मुख्यमंत्री अपने जिले करनाल की असंध, निसिंग और तरावड़ी तीनों सीट हार गये और उप-मुख्यमंत्री तो अपने विधानसभा चुनाव क्षेत्र उचाना से ही हार गये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या ये दोनों इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेने का साहस दिखाएंगे? उन्होंने कहा कि बीजेपी को ये नहीं भूलना चाहिए कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बरोदा और ऐलनाबाद के दो विधानसभा के उप-चुनाव हुए और सत्ता में रहते हुए भी भाजपा को दोनों ही जगह हार का स्वाद चखना पड़ा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि क्या ये सत्य नहीं है कि पिछली बार इन्हीं चुनावों में भाजपा ने 35 जगहों पर जीत हासिल की थी। इस बार जेजेपी से समझौता करने के बावजूद इस बार 21 जगहों पर ही जीत हासिल कर पायी। ये इस सरकार के लिये खतरे की घंटी है। असली चुनाव को 2024 का विधानसभा चुनाव होगा। जिसका प्रदेश की जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है। हरियाणा के गाँव से लेकर शहरों तक गठबंधन सरकार से लोग त्रस्त हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री समेत सरकार के कई मंत्री भी अपने हलकों में साम-दाम-दंड-भेद के बावजूद अपने प्रत्याशियों को नहीं जिता पाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा निकाय चुनावों में कुल पड़े 12,71,782 वोटों में से निर्दलीय उम्मीदवारों को 6,63,669 वोट मिले जो भाजपा को मिले 3,33,873 वोट से करीब दोगुने हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा निकाय चुनावों में प्रदेश की करीब 75 प्रतिशत जनता ने भाजपा को नकार दिया है और 4 में से 3 शहरी वोटरों ने अपना वोट भाजपा के खिलाफ दिया है। कुल पड़े 12,71,782 वोटों में से एक चौथाई यानी 3,33,873 वोट लेकर भाजपा भले ही खुश हो जाए, लेकिन परिणाम से साफ़ है कि वोटर नाखुश हैं और भाजपा की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। 26% वोट भाजपा सरकार के घटते जनाधार का सबूत है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि निकाय चुनाव से विधानसभा चुनाव का कोई संबंध नहीं होता क्योंकि, 2014 में जब विधानसभा व लोकसभा चुनाव हुआ तो प्रदेश के नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं पर कांग्रेस का कब्जा था, बावजूद इसके विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई थी। Post navigation भाजपा अगर खुशफहमी में है तो ये उसकी राजनैतिक गलतफहमी है – दीपेन्द्र हुड्डा राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए प्रत्याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नामांकन प्रस्ताव के लिए हस्ताक्षर