क्या मंत्री ओमप्रकाश की झंडी जाएगी? 
क्या नारनौल नगर परिषद की पूर्व चेयरपर्सन भारती सैनी देखेगी जेल के शिकंजे ?
नारनौल नगर परिषद के चुनाव में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच जोरदार आजमाइश 
कमलेश सैनी को जजपा फिर से अपना सकती है।
क्या 36 बिरादरी की आकांक्षा पर खरा उतर पायेगी?
महेंद्रगढ़ में रामविलास शर्मा अपनी साख बचा गए तो  नांगल चौधरी में डॉ अभय सिंह ने भी अपनी प्रतिष्ठा को बचाया।
जिले की तीनों सीटों पर सैनियो का कब्जा।

अशोक कुमार कौशिक

नारनौल । रामपुरा हाउस की लाख कोशिश के बावजूद नारनौल नगर परिषद चेयरपर्सन के चुनाव में उनके प्रत्याशी की करारी शिकस्त ने इन बातों को जन्म दे दिया है। एक और अन्य प्रश्न अब लोगों के जेहन में गूंज रहा है क्या प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव की मंत्री की झंडी छिनने वाली है? क्योंकि नगर परिषद के चुनाव में मंत्री के खिलाफ भी भ्रष्टाचार की बातें काफी जोर-शोर से उछली है और उनकी काफी मशक्कत के बाद भाजपा का प्रत्याशी बुरी तरह पराजित हुआ। प्रदेश के दो मंत्रियों द्वारा पूर्व नगर परिषद चेयर पर्सन भारती सैनी को भविष्य में जेल जाना पड़ेगा। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नारनौल नगर परिषद का चुनाव मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच भी जोरदार आजमाइश का भी रहा इसका भी हम सिलसिलेवार खुलासा करेंगे। ये उपरोक्त शीर्षक में जो बातें उल्लेखित की गई हैं उस पर हम सिलसिलेवार चर्चा करेंगे। क्या यह भविष्य में यह बातें घटेगी?

नारनौल नगर परिषद का चुनाव इस बार काफी चर्चा में रहा उसके पीछे पहला मुख्य कारण भाजपा प्रत्याशी का रामपुरा हाउस का वरदहस्त होना रहा। रामपुरा हाउस के अनेक समर्थक इस सीट को लेकर ललायित थे और वे टिकट पाना चाहते थे। कुछ प्रत्याशी जब उनको टिकट नहीं मिली तो वह बागी हो गए और उन्होंने एक ही मिशन बना लिया इस बार रामपुरा उसको समेटना है। इस बार रामपुरा उसको उसकी जगह बताने के लिए जनता के साथ भाजपा के लोग भी तैयार थे। भाजपा कैडर के लोगों के साथ रामपुरा हाउस के विरोधी जिले से एक विधायक ने निर्दलीय प्रत्याशी कमलेश सैनी को अंदरूनी समर्थन दे दिया ताकि रामपुरा उसका वर्चस्व खत्म किया जा सके। यहां यह बात सर्वविदित है कि रेवाड़ी नगर परिषद के बाद नारनौल नगर परिषद में रामपुरा हाउस समर्थित उम्मीदवार की करारी शिकस्त ने रामपुरा उसकी राजनीति पर प्रश्नचिन्ह अवश्य लगा दिया है।

नारनौल नगर परिषद के चुनाव में इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री परोक्ष रूप मैदान में उतर कर प्रभावशाली व्यक्तियों को टेलीफोन द्वारा निर्देशित किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अटेली से भाजपा विधायक के इशारे पर एक व्यापारी और विशेष बिरादरी के नेता पर भाजपा के पक्ष में आने के लिए दबाव बनाया गया। वही उपमुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी जजपा के नेता पर कमलेश सैनी के पक्ष में रहने के निर्देश दिए उसके बाद उस नेता को बुखार हो गया और वह भाजपा प्रत्याशी के प्रचार मैदान से दूर हो गए। भाजपा की ऊपरी एकजुटता इस चुनाव में कहीं दिखाई नहीं दी यह चुनाव परिणामों ने साबित कर दिया। वैसे तो सार्वजनिक रूप से यह कहा जा रहा था कि संगीता यादव भाजपा व जजपा की गठबंधन प्रत्याशी है। पर संगीता यादव को भाजपा की उपेक्षा के साथ-साथ जजपा के लोगों का भी कोई सहयोग नहीं मिला।

दूसरा मुख्य कारण कमलेश सैनी को सैनियों एकजुटता के साथ-साथ 36 बिरादरी का समर्थन मिलना एक प्रमुख कारण रहा। चुनाव में शुरू से ही इस बात पर चर्चा होनी शुरू हो गई रामपुरा हाउस द्वारा जबरन प्रत्याशी थोपा गया और सैनी बिरादरी को अनदेखा किया गया। धीरे-धीरे यह बात लोगों के मन में बैठने शुरू हो गई कि इस बार रामपुरा हाउस को करारी शिकस्त देनी है। इसका तीसरा कारण एक और सामने आया कि नारनौल से विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश यादव के खिलाफ छलक नाले को लेकर भ्रष्टाचार की बातें जनता के बीच जोरदार तरीके से उछाली गई। मतदाताओं ने जहां पूर्व चेयरपर्सन भारती सैनी के भ्रष्टाचार को अनदेखा किया वही मंत्री ओमप्रकाश के भ्रष्टाचार को मन में बैठा लिया। 

इस चुनाव में प्रदेश राज्य सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव तथा स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने पूर्व चेयरपर्सन भारती सैनी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कराने की बात सार्वजनिक रूप से कहीं। अब देखना यह होगा कि भाजपा के मंत्रियों की बात कितने सिरे चढ़ती है या इसे चुनावी बात कह कर ही टाल दिया जाएगा। वैसे ही यहां यह भी कहा जा रहा है कि विजेता चेयर पर्सन कमलेश सैनी पूर्व चेयरपर्सन भारती सैनी का परोक्ष बचाव करेगी। 

इस नगर परिषद में कुल वोट 72453 है । वर्तमान में ही इस नगर परिषद में 7 गांव भी जुड़े है । यहाँ भी यदि जातिगत आकड़ो की बात करे तो सैनी समाज की संख्या ज्यादा है। 

बीजेपी की प्रत्याशी संगीता यादव को हरा कर निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने वाली कमलेश सैनी 14634 से जीत गई। कमलेश सैनी इससे पहले दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है और इनके ससुर भानाराम सैनी भी एक बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके है लेकिन तीनो बार इनको हार का सामना करना पड़ा था । इस बार इस अनुभूति ने भी उनका पूरी तरह से साथ दिया । वैसे राजनीति की लालसा ऐसी जगी की 2 बार विधानसभा का चुनाव हारने के बाद इस बार वह नगर परिषद तक आ पहुँची। उन्हें राजनीतिक समझ रखने के साथ साथ जातिगत आकड़ो को भी अच्छे से भुनाना आ गया और इसका भरपूर फायदा उठा कर नगर परिषद का चुनाव जीत कर चेयरपर्सन का सेहरा अपने सर सजा लिया। वही बीजेपी प्रत्याशी संगीता यादव की हार ना होकर ये बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन की हार मानी जा सकती है। यह दिगर बात है कि विजेता प्रत्याशी कमलेश सैनी भविष्य में जजपा को फिर से ज्वाइन कर ले। अपनी जीत के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने इस बात से इन्कार भी नहीं किया है।

महेंद्रगढ़ नगर पालिका, रामविलास शर्मा की साख बची

महेंद्रगढ़ नगर पालिका से बीजेपी के प्रत्याशी रमेश सैनी ने 4398 वोटो से जीत हासिल की है। यहाँ मुख्य मुकाबला रमेश सैनी ओर निर्दलीय प्रत्याशीयो के बीच था। रमेश सैनी ठीक चुनाव की घोषणा होते ही रामबिलास शर्मा के आशीर्वाद से बीजेपी में शामिल हुए और इससे पहले रमेश सैनी निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में थे। इससे पहले इन्होंने पार्षद का चुनाव भी लड़ा है लेकिन वहाँ उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन आज नगर पालिका महेंद्रगढ़ के चैयरमैन की जीत का सेहरा इनके सिर पर बंधा। यदि हम जातीगत आकड़ो की बात करे तो शहर में सैनी समाज के सबसे ज्यादा वोट है। इस नगर पालिका में कुल 21033 वोट है। 

नांगल चौधरी में भी डॉ अभय सिंह ने अपनी प्रतिष्ठा को बचाया

नांगल चौधरी नगर पालिका के बात करें तो यहाँ से बीजेपी प्रत्याशी प्रिया सैनी ने 134 वोट से जीत हासिल की। यहाँ मुख्य तौर पर बीजेपी और  निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच ही टक्कर थी। चौधरी देवीलाल परिवार से जुड़े रहे चौधरी मालाराम की धर्मपत्नी उर्मिला देवी यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रही थी और वह जीत की सशक्त दावेदार बताई जा रही थी। मालाराम अतीत में नांगल चौधरी के सरपंच भी रह चुके हैं।