देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है मोदी सरकार

चार साल बाद निष्कासित अग्निवीर कहलाएंगे बेरोजगार युवा
केंद्र के गलत फैसले को सही ठहराने की कोशिश में खट्टर-दुष्यंत की जोड़ी
पलवल-रेवाड़ी-दादरी- हिसार के विरोध प्रदर्शनों व रोहतक में आत्महत्या के लिए सरकार जिम्मेदार
मोदी सरकार भारतीय सेनाओं की गरिमा,परंपरा,अनुशासन की परिपाटी से कर रही खतरनाक समझौता!
रेग्युलर भर्ती रोक 4 साल के ठेके पर फौज की भर्ती देश की सुरक्षा से खिलवाड़

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राज्य सभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘अग्निवीर’ योजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सेना में कांट्रेक्ट प्रथा लाकर मोदी सरकार देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है, जिसके लिए देश उन्हें माफ़ नहीं करेगा।

सुरजेवाला ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि कि इस योजना के कारण सेना में शामिल न हो सकने वाले 75 फीसदी युवा निष्कासित ‘अग्निवीर’ युवा बेरोज़गार बन जाएँगे। मोदी सरकार ने देश की तीनों सेनाओं में चार साल की ‘कॉन्ट्रैक्ट फौज भर्ती’ को ‘अग्निवीर’ बताया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं के साथ मजाक करने के लिए बनाई इस योजना में
ट्रेनिंग समेत फौज में कुल सेवा केवल चार साल की होगी। पहले साल में मासिक वेतन केवल 30,000 होगी, जो आखिरी साल में 40,000 हो जाएग। चार साल के आखिर में एकमुश्त केवल पाँच लाख रुपया दिया जाएगा। चार साल की सेवा के बाद वापस जाने पर कोई ग्रेच्युइटी या पेंशन नहीं मिलेगी।

सुरजेवाला ने कहा कि इस योजना के खिलाफ युवाओं में इतना गुस्सा है कि आज हरियाणा के पलवल, रेवाड़ी, दादरी, हिसार में विरोध प्रदर्शन हुए वहीं रोहतक में पिछले चार साल से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे युवा ने कथित रूप से हताश हो कर आत्महत्या कर ली।

सुरजेवाला ने कहा कि चार साल की इस भर्ती वाले व्यक्ति को सैन्य कैंटीन का लाभ नहीं मिलेगा और न ही किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा। चार साल की सेवा के बाद केवल 25 प्रतिशत व्यक्तियों को ही सेना में रैग्युलर सेवा करने का मौका मिल सकता है। 75 प्रतिशत को घर वापस जाना पड़ेगा।

सुरजेवाला ने कहा कि सैन्य विशेषज्ञों, तीनों सेनाओं के उच्चतम अधिकारियों व रक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने मोदी सरकार की इस पूरी स्कीम पर गहन चिंता जताई है। यह फैसला भारतीय सेनाओं की गरिमा, परंपरा, जुड़ाव की भावना व अनुशासन की परिपाटी के साथ खिलवाड़ है। रक्षा विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि 4 साल की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती देश की सुरक्षा के लिए उचित संदेश नहीं। यह निर्णय कहीं न कहीं तीनों सेनाओं की कार्यक्षमता, निपुणता, योग्यता, प्रभावशीलता व सामथ्र्य पर समझौता करने वाला है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि आज पूरा देश यह जानना चाहता है कि चार साल के बाद इन युवा सैनिकों के भविष्य का क्या होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की इस बेरोजगार युवा विरोधी योजना पर हरियाणा की खट्टर व दुष्यंत सरकार पर्दा डाल रही है। चार साल बाद इन युवाओं को प्रदेश सरकार की नौकरियों में वरीयता देने की बात कही गई है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि कितने प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। क्या राज्य सरकार सरकार चार बाद इन युवाओं को रोज़गार देने की गारंटी लेती है।

सुरजेवाला ने कहा कि देश की तीनों सेनाओं में 2,55,000 से अधिक पद खाली पड़े हैं। मोदी सरकार ने 2 साल से सेनाओं की भर्ती रोक रखी है। हरियाणा व पंजाब के कई युवा भर्ती न होने के कारण आत्महत्या तक करने को मजबूर हो गए हैं। ऐसे में क्या चार साल की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती से सेना की रेग्युलर भर्तियों की आवश्यकता पूरी हो सकती है। क्या मोदी सरकार तीनों सेनाओं की ‘ऑपरेशनल तैयारी’ से खिलवाड़ नहीं कर रही।

उन्होंने कहा कि देश के रक्षा मंत्री बताएं कि इस पूरी ‘अग्निवीर स्कीम’ का लक्ष्य केवल और केवल तीनों सेनाओं के संख्याबल को हर साल 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कम करना है। क्या यह स्कीम केवल तनख्वाह, पेंशन, हैल्थ बेनेफिट्स व कैंटीन सेवाओं आदि में कटौती करने के लक्ष्य से बनाई गई है।

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