–खेलो इंडिया विजेताओं को जल्द नौकरी दे सरकार -जयहिन्द

बंटी शर्मा

चंडीगढ़–नवीन जयहिंद जंतर मंतर पर 26 जून को दिल्ली पंहुचने की अपील करने के लिए पंचकूला पहुँचे ओर साथ ही मीडिया से रूबरू हुए

नवीन जयहिंद ने समाज की सभी बिरादरियों को मीडिया के माध्यम से उनकी ताकत का अहसास कराया और कहा कि समाज की 37 बिरादरी कमजोर नही हैं इसके लिए 26 जून को दिल्ली जंतर मंतर पर पहुँचकर अपनी ताकत का अहसास सरकार को करवाए | हर रोज कश्मीर में आतंकवादियो द्वारा किसी न किसी हिन्दू ओर कश्मीरी पंडितों की हत्या की जा रही हैं और केंद्र की मोदी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई हैं कश्मीरी पंडितों ओर वहां रह रहे हिन्दुओ के लिए कुछ नही कर रही हैं जिससे कश्मीरी पंडित कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हैं

जयहिंद ने कहा कि देश मे हजारो के करीब अलग अलग पार्टीयो के सांसद, विधायक, नेता हैं जो कश्मीरी हिन्दुओ के पक्ष में होने का दम भरते हैं लेकिन घर बैठे कर कश्मीरी हिन्दुओ के पक्ष में ट्विटर पर ट्वीट करना बहुत आसान हैं अगर देश के सांसद, विधायक सच मे ही कश्मीरी हिन्दुओ के समर्थंन में हैं तो कश्मीर के लाल चौक पर जाकर 1 घण्टा फेसबुक लाइव करे और वहां रह रहे कश्मीरी हिन्दुओ के साथ साथ वहां तैनात देश के वीर जवानों से बातचीत करे ताकि उनका भी हौसला बढे ओर देश के नेताओ को भी कश्मीर की वास्तविकता का पता चल सके कि किन हालातों में कश्मीर में कश्मीरी पंडित ओर कश्मीरी हिन्दू ख़ौफ़ के साये में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है

जयहिंद का कहना है कि 26 जून को कश्मीरी हिन्दुओ के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर होने वाले ललकारे को पूरा देश देखेगा ओर देश के नेताओ की असलियत जनता के सामने आएगी

रोहतक सांसद अरविंद शर्मा को अपमानित करने और मुख्यमंत्री आवास का नाम बदलने पर जयहिंद ने बोल दिए कड़वे बोल

नवीन जयहिंद यही नही रुके जयहिंद ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी तीखे बोल कह दिए और रोहतक मे हुई रैली में रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा को मुख्यमंत्री द्वारा अपमानित करने पर सीएम पर बाणों से बौछार कर दी और मुख्यमंत्री द्वारा सीएम आवास का नाम बदलकर कुटीर आवास रखने पर इसे खट्टर का पाखंडवाद बता दिया और कंस की संज्ञा दे डाली जयहिंद का कहना हैं कि संत कबीर दास के लिए कोई उच्च नीच जात- पात नही थी ओर संत कबीर दास का जीवन एक आम आदमी की तरह था जबकि मुख्यमंत्री आवास आलीशान महल की तरह हैं जबकि संत कबीर एक साधारण झोपड़ी में रहते थे जबकी मुख्यमंत्री जातिवाद में विश्वास रखते हैं और ब्राह्मण जाति से घृणा करते हैं इस लिए सीएम के कर्म कांडों के कारण आवास का नाम कंस कुटीर रखना बेहतर रहेगा और रोहतक के सांसद को जनता के बीच भरी सभा मे कुर्सी ना देना इसका उदाहरण हैं इसके लिए मुख्यमंत्री का जोरदार विरोध किया जाएगा

जयहिंद ने खेलो इंडिया में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियो के लिए भी मुख्यमंत्री से नोकरी देने की बात कही ताकि सभी खिलाडियो का हौसला बढ़े और भविष्य में भी वो देश के लिए अधिक मेडल ला सके साथ ही वे बेरोजगार ना रहे और भविष्य में उन्हें रोजगार के लिए धक्के ना खाने पडे यदि खिलाड़ी खेल को छोड़कर धरने विरोध प्रदर्शन करेगा तो इससे उसके खेल के साथ साथ खिलाड़ियों की अहमियत भी कम हो जाएगी खेलो इंडिया के समापन के साथ ही विजेता खिलाड़ियो के लिए इससे खुशी भरी ओर क्या खबर हो सकती है यदि उन्हें नौकरी के रूप में इनाम दिया जाए ताकि खिलाड़ी को भविष्य में बेरोज़गारी के कारण आर्थिक तंगी का सामना भी ना करना पड़े

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