चण्डीगढ 10, जून – हरियाणा संस्कृत अकादमी संस्कृत भाषा के प्रचार – प्रसार के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संस्कृत अकादमी द्वारा अनेक प्रकार के साहित्यिक कार्यक्रम जैसेकि संस्कृत संगोष्ठी, संस्कृत नाटक ,संस्कृत प्रतियोगिताएं तथा संस्कृत संभाषण  शिविर आदि समस्त हरियाणा में समय-समय पर प्रायः आयोजित किए जाते हैं । 

अकादमी के निदेशक डाॅ. दिनेश शास्त्री जी के आज यह  जानकारी देते हुए  बताया कि  हरियाणा संस्कृत अकादमी निरंतर संस्कृत भाषा के विकास के लिए सराहनीय कार्य कर रही है । इसके कारण हरियाणा में ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत में हरियाणा संस्कृत अकादमी का नाम सुप्रसिद्ध हो रहा है । 

उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा भारत की आत्मा है तथा भारतीय संस्कृति का मूल आधार भी है। भारतीय साहित्य का संपूर्ण वाड्.मय संस्कृत भाषा में निहित है । इसलिए संस्कृत का ज्ञान होना परम आवश्यक है। उन्होंने  बताया कि प्रदेश के सभी संस्कृत पाठशालाओं, संस्कृत गुरुकुल व संस्कृत महाविद्यालयों को निर्देशित किया गया  है कि सभी  संस्कृत संस्थाएं अपनी – अपनी पाठशालाओं में 5 दिन या 7 दिन का संस्कृत संभाषण शिविर  20 जुलाई तक निश्चित रूप से लगाएं जिससे संस्कृत भाषा का प्रचार- प्रसार हो सके । इसके अतिरिक्त, उन्हें शिविर की रिपोर्ट अकादमी कार्यालय को भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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