अरोड़ा ने सार्वजनिक मंच से बहस करने का न्योता दिया सुधा को।
अरोड़ा ने कसा तंज बोले, 7 साल बेमिसाल शहर का कर दिया बुरा हाल।

कुरुक्षेत्र, 7 जून : हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने थानेसर के भाजपा विधायक सुभाष सुधा की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा है कि वे सार्वजनिक मंच से थानेसर हल्के में पिछले 7 सालों में किए गए विकास के मुद्दे पर सुधा से खुली बहस करने को तैयार है। अशोक अरोड़ा पंजाबी धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। इस मौके पर उनके साथ इंप्रुवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, पूर्व पार्षद संदीप टेका, विवेक मेहता विकी, मनु जैन, गौरव शर्मा गौरी, सुभाष पाली, अशोक शर्मा पहलवान, ओमप्रकाश ओपी, अशोक भट्ट, सुनील कक्कड़, पवन मिगलानी, सुधीर चुघ, अश्वनी शांडिल्य, सुमित आजाद नगर व ओमप्रकाश हथीरा सहित अन्य कांग्रेसी नेता उपस्थित रहे।

थानेसर विधानसभा से चार बार विधायक रह चुके अशोक अरोड़ा ने सुभाष सुधा द्वारा 4 जून को अपने जन्मदिन के अवसर पर विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा आयोजित 7 साल बेमिसाल नामक प्रदर्शनी पर तंज कसते हुए कहा कि विधायक को 7 साल का नहीं बल्कि 17 साल का हिसाब-किताब जनता के सामने रखना चाहिए था क्योंकि पिछले 17 वर्ष से नगर परिषद पर उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। अरोड़ा ने कहा कि उस दिन विधायक का जन्मदिन था इसलिए मंच पर आकर उनसे बहस करना शोभा नहीं देता था लेकिन अब वह सुभाष सुधा को सार्वजनिक मंच से बहस करने की खुली चुनौती दे रहे हैं। जब भी विधायक का स्वास्थ्य ठीक हो वे किसी भी दिन आकर उनसे सार्वजनिक मंच पर बहस कर सकते हैं।

अरोड़ा ने 7 साल बेमिसाल पर तंज कसते हुए कहा कि यह 7 साल वास्तव में ही थानेसर के लिए बेमिसाल रहे हैं। 7 वर्ष में पिपली से कुवि थर्ड गेट तक बनाई जा रही सड़क का कार्य पूरा नहीं हुआ। इस अवधि के दौरान 24 युवक दुर्घटनाग्रस्त होकर अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए व 46 दुर्घटनाओं में चोटिल हो गए। विधायक को चाहिए था कि इस सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों के चित्र भी अपने जन्मदिन के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में लगाते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते। इसी के साथ-साथ 7 सालों में कितने विभागों में कितने युवकों को सरकारी नौकरी मिली इसका ब्यौरा भी थानेसर की जनता के सामने विधायक को रखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है नगर परिषद में कोई भी कार्य बिना पैसे के नहीं होता। एक महिला पिछले दिनों लगभग 1 माह तक नगर परिषद में बैठ कर ईओ की मुहर व लेटर पैड का प्रयोग कर लोगों से पैसे एंठती रही लेकिन इनको पता नही है कि वह कौन थी। मामला पुलिस तक भी गया लेकिन दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि अस्पताल में दवाइयां नहीं हैं, डॉक्टर नहीं हैं, कहने को तो 200 बेड का सरकारी अस्पताल है लेकिन एक-एक बेड पर दो-दो मरीज दाखिल किए जाते हैं।

अरोड़ा ने कहा कि विधायक को यह भी बताना चाहिए था कि 7 साल पहले कितनी महंगाई थी और आज कितनी महंगाई हो गई है। डीजल का भाव 7 साल पहले 56 रूपए प्रति लीटर था जोकि आज 90 रूपए प्रति लीटर है। इसी प्रकार पेट्रोल का रेट जो लगभग 70 रूपए प्रति लीटर था आज 97 रूपए प्रति लीटर है। रसोई गैस का सिलेंडर का रेट 400 से बढकर एक हजार पार कर गया है। विधायक को यह सब भी जनता को बताना चाहिए था।

पूर्व मंत्री ने भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि आज हरियाणा लोक सेवा आयोग और एसएससी में पैसे पकड़े जाते हैं। 26 पेपर रद्द हो चुके हैं, भ्रष्टाचार अपनी सभी सीमाएं तोड़ चुका है, यह सब भी 7 वर्ष में बेमिसाल रहा। उन्होंने कहा कि इन 7 सालों में कुरुक्षेत्र में कितनी वैध और कितनी अवैध कॉलोनियां काटी गई, इन सब में विधायक के परिवार की कितनी हिस्सेदारी है यह सब भी जनता को बताना चाहिए था। आज केडीबी रोड और पिपली-कुरुक्षेत्र रोड़ पर शैलरों की जमीन पर बिना सीएलयू लिए अवैध रूप से बड़े-बड़े शोरूम बनाए जा रहे हैं इन सब में विधायक के परिवार की कितनी-कितनी हिस्सेदारी है इसका ब्यौरा भी विधायक को देना चाहिए था। जिंदल सिटी के साथ लगती जमीन जो कॉलोनी बनाने के लिए खरीदी गई उसमें कौन-कौन हिस्सेदार हैं यह सब भी जनता के सामने विधायक को बताना चाहिए।

आज कुरुक्षेत्र शिक्षा का नहीं बल्कि आईलेट्स का हब बनता जा रहा है। रोजगार न होने के कारण युवा अपने बुढ़े मां-बाप को छोड़कर विदेशों की ओर जा रहे हैं। चिकित्सा का बुरा हाल है और सुरक्षा का दिवाला पिट चुका है। शहर में अनेक लोगों से फिरौती मांगी जा रही हैंं, उन सब का विवरण भी विधायक को इस कार्यक्रम में रखना चाहिए था। आज स्कूलों में मास्टर नहीं बच्चों के पास पुस्तकें नहीं और सुरक्षा का यह हाल है कि सरेआम एटीएम उखाड़ दिए जाते हैं।

विधायक द्वारा कुरुक्षेत्र के बाईपास मंजूर होने का दावा करने पर बोलते हुए अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र का बाईपास मंजूर नहीं हुआ है बल्कि केंद्र सरकार की योजना भारतमाला दो में प्रस्तावित है। 2024 तक तो भारत माला एक के प्रोजेक्ट शुरू होंगे उसके बाद भारतमाला 2 शुरू होगी। उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल में थानेसर में कोई नया पार्क नहीं बना। ओपी जिंदल पार्क और चौधरी देवीलाल पार्क उनके मंत्री रहते ही बने थे। 2005 तक जब वह हरियाणा सरकार में मंत्री थे तो कुरुक्षेत्र की कोई भी सड़क और गली बिना कंक्रीट के नहीं थी। आज सड़कों का बुरा हाल है और कुरुक्षेत्र वायु प्रदूषण में देश में पहले स्थान पर है जिस कारण जनता का जीना दूभर हो गया है। सड़कें बनाने के बाद कभी सीवरेज के लिए तो कभी पानी की पाइप लाइन डालने के लिए उखाड़ी जाती हैं जिसकी धूल और मिट्टी से वायु प्रदूषण बढ़ता है। बिना किसी योजना के निर्माण कार्य किया जा रहा है।

अशोक अरोड़ा ने एक बार फिर कहा कि वे इन सब मुद्दों को लेकर विधायक से सार्वजनिक मंच पर बहस करने को तैयार है। कुरुक्षेत्र के पवित्र सन्निहित सरोवर को डंपिंग पॉइंट बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां गंदगी की भरमार है। सन्निहित सरोवर नशेडिय़ों का अड्डा बन चुका है। चारो तरफ गंदगी की भरमार है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था को इससे ठेस पहुंचती है। ब्रह्मसरोवर का चलता पानी करने के दावे को भी उन्होंने खोखला बताते हुए कहा कि आज तक ब्रह्मसरोवर का पानी चलता नहीं हुआ है जबकि विधायक बार-बार ब्रह्मसरोवर का चलता पानी होने का दावा करते हैं।

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