-रविवार से पूरे प्रांत में शुरू की गई विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मुहिम  

गुरुग्राम। भारत-तिब्बत सहयोग मंच की ओर से 5 जून से 12 अगस्त तक पौधारोपण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसकी विधिवत शुरुआत रविवार से देशभर में कर दी गई। इसे विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस नाम दिया गया है।

भारत-तिब्बत सहयोग मंच हरियाणा प्रांत अध्यक्ष अमित गोयल ने बताया कि इस पखवाड़ा में देशभर में एक लाख पौधे मंच के सदस्यों द्वारा लगाए जाएंगे। हरियाणा में 11 हजार पौधे सदस्य लगाएंगे। सिर्फ पौधे लगाना ही मंच का मकसद नहीं है, बल्कि इन पौधों की देखरेख भी सदस्य करते रहेेंगे, ताकि ये पौधे बड़े होकर छाया देकर हम सबको कृतार्थ करें। अमित गोयल ने कहा कि प्रकृति को सहेजकर हम नहीं रख पाए हैं। हरे जंगलों को काटकर हमने कंक्रीट के जंगल तो खड़े कर लिए, लेकिन प्रकृति का संतुलन बिगाड़ दिया। नदी-नालों की राह में ये कंक्रीट के जंगल खड़े हो गए। चाहे समतल मैदानी इलाके हों या पहाड़ी क्षेत्र हो। हर जगह प्रकृति किसी न किसी रूप में इंसानी जीवन को तबाह कर रही है। कहीं पानी की कमी है तो कहीं पानी बाढ़ के रूप में आकर इंसानों को प्रभावित कर रहा है।

आज समय आ गया है कि विकास के नाम पर प्रकृति की बिगाड़ी गई सूरत को सही किया जाए। सबसे जरूरी जंगल बढ़ाना है। पेड़ों की संख्या बढ़ानी है। पेड़ बरसात लाने में भी सहायता करते हैं तो वहीं पेड़ों से हमें ऑक्सीजन भी मिलती है। इस प्राकृतिक ऑक्सीजन का कोई मोल नहीं है। यह अनमोल है। इसलिए हम सबको प्रकृति को हरा-भरा करना है। अगर आज हम यह नहीं कर पाए तो आने वाली हमारी पीढिय़ों को पैदा होने के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए होंगे। इस अवसर पर  युधिष्ठिर कौशिक, निशांत अहलावत, जल जंगल बिरादरी से भूपेंद्र यादव, राजेश यादव, गिरीश सिंगला समेत काफी संख्या में सदस्यों ने पौधारोपण किया।

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