एक साधारण नवीन आंदोलन से बन गया जयहिंद , ओर कहलाया नवीन जयहिंद

बंटी शर्मा

रोहतक–1 जून को क्रांतिकारी नवीन जयहिंद अपने जीवन के 41 वर्ष पूरे कर रहे हैं और 42वे वर्ष में कदम रख रहे हैं जयहिंद का अब तक का अधिकतर जीवन सँघर्ष भरा रहा हैं इसलिए उनके समर्थकों ने उन्हें क्रांतिकारी की उपाधि दी हुई हैं

वर्तमान में नवीन जयहिंद हरियाणा में सँघर्ष का दूसरा नाम हैं जो जन जन की आवाज उठा रहा हैं एक नवीन जयहिंद अकेला चला था और उनके साथ कारवाँ जुड़ता चला गया अगर जयहिंद के इतिहास पर नजर डाले तो समर्थकों का कहना हैं कि एक नवीन अपने संघर्ष भरे कार्यो के कारण जयहिंद बन गया और नवीन जयहिंद कहलाया

जयहिंद के समर्थकों का कहना हैं जयहिंद का जन्मदिन प्रदेश भर में मनाया जाएगा और 1001 फ़रसेधारी भगवान परशुराम के प्रतीक फरसे से केक काटेंगे ओर नवीन जयहिंद के प्रति उम्र भर समर्पण की भावना रखते हुए तन मन धन से ताउम्र सहयोग करते रहने की कसम लेगे

नवीन जयहिंद का जीवन आंदोलन से भरा हुआ हैं मात्र 19 वर्ष की आयु में आंदोलन करते हुए जयहिंद को जेल जाना पड़ा 10 साल तक जयहिंद ने यूनिवर्सिटी की राजनीति की ओर जयहिंद मंच बनांकर रक्तदान शिविर लगवाए ओर हजारो व्यक्तियों का जीवन बचाया यूनिवर्सिटी में जयहिंद द्वारा बनाया गया मंच आज भी सक्रिय हैं और लोगो की भलाई के लिए कार्य कर रहा हैं

नवीन जयहिंद आम आदमी पार्टी के बतौर प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुके हैं 2019 में आम आदमी पार्टी ने फरीदाबाद से जयहिंद को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया हरियाणा में आम आदमी पार्टी की नींव रखने वाले नवीन जयहिंद ही हैं लेकिन वर्तमान में वो किसी भी बैनर तले कार्य नही कर रहे हैं जयहिंद की शैक्षणिक योग्यता पीएच.डी. एमएमसी (पत्रकारिता), एमपीएड, बीपीएड, योग में पीजी डिप्लोमा हैं

नवीन जयहिन्द का जन्म 1 जून 1981 को रोहतक जिले के भैंसरु कलां में एक बिलकुल सामान्य परिवार में हुआ. वह बचपन से ही शहीदे-आजम भगत सिह असफाखउल्ला खान, चन्द्रशेखर आजाद और नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से अत्यधिक प्रभावित रहे और उनके विचारों से उन्होंने अपने नाम के पीछे जयहिन्द लिख कर सन्देश दिया की जात-पात से पहले मेरा देश है

राजनीतिक में प्रवेश की वजह

शिक्षा ग्रहण करते वक्त उन्होंने महसूस किया कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रकिया में पारदर्शिता की कमी है इसलिए उन्हें छात्र राजनीति छोड़ कर देश की सेवा करनी चाहिए. उधर दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल ने भी भ्रष्टाचार के विरुद युद्ध छेड़ रखा था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी नवीन जयहिन्द के संघर्ष को देखकर काफी प्रभावित हुए, इसके बाद नवीन जयहिन्द ने अरविन्द केजरीवाल के साथ सम्पूर्ण भारत में आरटीआई के क्षेत्र और “स्वराज अभियान” में 2007 से अरविन्द केजरीवाल के साथ काम किया.

5 अप्रैल 2011 को नवीन जयहिन्द ने समाजसेवी अन्ना हजारे के सानिध्य में हुए जनलोकपाल आन्दोलन में पूर्ण रूप से समर्पित हो कर संघर्ष किया और अन्ना आन्दोलन की 20 सदस्यी कमेटी का हिस्सा बने. इसके बाद जयहिन्द अन्ना हजारे और अरविन्द केजरीवाल के साथ तिहाड़ जेल में भी बंद रहे लेकिन जनसत्ता और भ्रष्टाचार के नशे में चूर सरकार ने देश के करोड़ो लोगो की भावनाओ का सम्मान नहीं किया तब अरविन्द केजरीवाल ने सभी क्रांतिकारी लोगो को देश की सक्रीय राजनीति में कदम रखने का विकल्प दिया और फिर अरविन्द केजरीवाल जी के साथ 26 नवम्बर 2012 को आम आदमी पार्टी की स्थापना की और नवीन जयहिन्द जी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.

देश की बेटी निर्भया के साथ बलात्कार जैसे घिनौने जुर्म के खिलाफ सख्त कानून की आवाज उठाने पर पुलिस की लाठियां खाने की बात हो या सड़क पर भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने की बात हो नवीन जयहिन्द हमेशा से ही आगे रहे है. आम आदमी पार्टी द्वारा नवीन जयहिन्द के कामो से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी हरियाणा प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया. नियुक्ति के बाद नवीन जयहिन्द ने समाज में राजनेताओ द्वारा घोले गए जातिवाद के जहर को मिटाने के लिए “मेरी जाति हिन्दुस्तानी मुहीम” को तपती गर्मी में प्रदेश के प्रत्येक जिले में चलाया , इसके बाद प्रदेश में जनता के मुद्दों को प्रशासन,सडको से लेकर हरियाणा विधानसभा चंडीगढ़ में घेराव कर भ्रष्ट नेताओ के कानो गुंज करवाई.

वतर्मान में पुरे प्रदेश में विपक्ष होते हुए भी विपक्ष की चुप्पी के बावजूद बेरोजगारों की आवाज बने हुए हैं जयहिंद का कहना हैं कि समाज मे 36 बिरादरी हैं लेकिन मेरे लिए 37 बिरादरी हैं जयहिंद ने बेरोजगारो को 37वी बिरादरी की संज्ञा दी हैं और अब भी आए दिन जयहिंद का संघर्ष सड़को पर देखने को मिलता

पिछले दिनों नवीन जयहिंद ने गौड़ संस्था की जमीन को सरकार के कब्जे से वापिस लेने की मुहिम चलाई ओर जयहिंद की मुहिम का ही असर हुआ की प्रदेश भर के सभी बिरादरी का जन मानस पहरावर गांव में नवीन जयहिंद के नेतृत्व में एक मंच के बैनर तले हजारो की संख्या में इक्कठे हुआ और मजबूरी वश बीजेपी, जेजेपी और कांग्रेस के सांसदो ओर विधायको को भी पहरावर गांव में गौड़ संस्था की जमीन मामले में नवीन जयहिंद के पक्ष में आना पड़ा और अब बीजेपी के सांसद ही बीजेपी के मुख्यमंत्री को टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं

नवीन जयहिंद के संघर्ष के कारण ही प्रदेश की बीजेपी सरकार ने खिलाड़ियों का रद्द किया हुआ खेल कोटा बहाल किया यह कहना गलत नही होगा कि वर्तमान में नवीन जयहिंद जन जन की आवाज ओर विपक्ष की भूमिका अकेला ही निभा रहा हैं ओर मनोहर लाल की सरकार को नाको तले चने दबाने पर मजबूर कर रहा हैं

error: Content is protected !!