–नवीन जयहिंद की बदौलत पहरावर जमीन मामले के बाद राजनैतिक दल ब्राह्मणों के बारे में सोचने पर हो गए विवश

बंटी शर्मा

रोहतक–हरियाणा में पिछले काफी समय से ब्राह्मण राजनीति शांत पड़ी हुई थी या ये कहे खत्म होती जा रही थी लेकिन अब लंबे अंतराल से वेंटिलेटर पर दिख रही ब्राह्मण राजनीति में संचार दिख रहा है। इसके पीछे नवीन जयहिंद और अरविंद शर्मा द्वारा दो छोर से किए जा रहे आक्रामक प्रहारों को माना जा सकता हैं।

राजनीतिक में आम धारणा है कि यहां कोई किसी का सगा नहीं और यहां जो वर्ग जगा उसे पीछे करने वाला कोई बना नहीं।

हरियाणा की राजनीति निकाय चुनाव के साथ साथ राज्यसभा की दो सीटों के चुनाव के कारण ज्यादा हरकत में है। नाम सामने आने से पहले यह माना जा रहा था कि दोनों में से एक सीट कांग्रेस और भाजपा के खाते में जाएगी। भाजपा ने दलित चेहरे के रुप में पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा में भेजने के लिए उम्मीदवार बनाया है।

वहीं कांग्रेस ने ब्राह्मण चेहरा हरियाणा से नहीं,बल्कि दिल्ली दरबार से भेजे दिल्ली के कद्दावर नेता अजय माकन को उम्मीदवार बनाया है। पहरावर गांव की जमीन को लेकर शुरु हुए संघर्ष के दौरान जिस तरह की बातें उठी, हो सकता हैं उस माहौल का लाभ उठाने की पटकथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लिखी थी,ताकि अपने करीबी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा को राज्यसभा भेजा जा सके। इसके लिए दिल्ली में मुलाकातों का सिलसिला भी शुरु हुआ।

माना जा रहा था कि यह फिल्डिंग कुमारी शैलजा को रोकने के इरादे से हो रही थी। कयास लगाए जा रहे थे कि हुड्डा खेमे को भी कुमारी शैलजा के राज्यसभा जाने कोई आपत्ति नहीं है। अगर शैलजा को रोक कर हरियाणा से कुलदीप शर्मा या कोई दूसरा चेहरा सामने लाया गया तो हुड्डा विरोधी खेमा कांग्रेस के खाते में जा रही सीट पर गणित बिगाड़ सकता है। वैसे तो कुमारी शैलजा का नाम पक्का माना जा रहा था,लेकिन हरियाणा में पहरावर जमीन मामले के बाद ब्राह्मण राजनीति के उबाल को देखते हुए यह दावें पहले से होने लगे थे कि कांग्रेस किसी ब्राह्मण चेहरे को ही उम्मीदवार बना सकती है। इसमें कई नाम सामने आ रहे थे।

मीडिया में नाम केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा का माना जा रहा था कि आनंद शर्मा के आने से हुड्डा विरोधी खेमा भी नियंत्रण में रहेगा और कांग्रेस आसानी से राज्यसभा की सीट पर काबिज होगी। यह सब नाम एक के बाद एक सामने आते गए और पीछे चले गए। इसी बीच मंगलवार को हरियाणा में कांग्रेस के उम्मीदवार के रुप में अवतरण हुआ पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन का। संभवतः उनका नाम भी इस इरादे से तय हुआ होगा कि हरियाणा में खेमेबाजी पर विराम लगेगा और क्रास वोटिंग की गुंजाइश नहीं रहेगी

लेकिन इसके साथ ही एक नया अध्याय खुल गया। इस अध्याय में जो पटकथा दिखाई दे रही है,उस पर काफी हद तक जी वाले सुभाष चंद्रा के राज्यसभा पहुंचने जैसी प्रतीत हो रही है। संभावनाएं कब साकार हो जाएं,इसका अंदाजा पर्दे के पीछे खेला करने वालों से बेहतर कोई नहीं जानता। फिलहाल निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में जो चेहरा सामने आया है वो है कार्तिकेय वशिष्ठ का। कार्तिकेय मतलब,इंडिया न्यूज के मालिक,कार्तिकेय मतलब पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के सुपुत्र। कर्तिकेय मतलब अंबाला नगर निगम की मेयर शक्ति रानी के लाल,कार्तिकेय मतलब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के दामाद,कार्तिकेय मतलब कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन के रिश्तेदार और कार्तिकेय मतलब पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय शंकर दयाल शर्मा के रिश्तेदार और आम आदमी पार्टी के वर्तमान नेता अशोक तंवर के भी रिश्तेदार।अब कांग्रेस ने ससुर कुलदीप शर्मा को तो राज्यसभा की सीट दी नहीं,मगर दामाद ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ने के लिए रिश्तेदार अजय माकन की लंका लगाने की तैयारी कर ली है।

जाहिर है कि हरियाणा की इस राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय दोनों ब्राह्मण चेहरे है और इन दोनों के चाचा पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के दामाद थे।कार्तिकेय के मैदान में उतरते ही उन्हें संजीवनी के रुप में जेजेपी का साथ मिला है। जेजेपी ने राज्यसभा चुनाव में कार्तिकेय को समर्थन देने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि ब्राह्मण वर्ग को आकर्षित करने के लिए जेजेपी ने यह फैसला लिया है। हरियाणा के मंत्री रणजीत चौटाला भी कार्तिकेय को समर्थन दे रहे हैं। अग्नि परीक्षा का समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के लिए हैं।

अगर अजय माकन हारे तो इसका ठिकरा हुड्डा पर फूट सकता है। वहीं कुलदीप शर्मा के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी यह है कि उन्हें तो टिकट नहीं मिली,मगर उनका दामाद कार्तिकेय खुद की टिकट पर राज्यसभा का निर्दलीय उम्मीदवार बनकर खड़ा हो चुका है। भले कुलदीप शर्मा का इस बार अपना वोट नहीं है,मगर देखना होगा कि वे पार्टी धर्म निभाएंगे या परिवार धर्म निभाते हुए दामाद की जीत को सुनिश्चित बनाने में पर्दे के पीछे से जोर लगाएंगे

वैसे हरियाणा की ब्राह्मण राजनीति में उबाल लाने वाले नवीन जयहिंद मंगलवार को भी नहीं रुके। उन्होंने कहा कि 26 जून को जंतर मंतर पर 37 बिरादरी के लोगों के साथ धरना प्रदर्शन करेंगे,ताकि कश्मीरी पंडितों की रक्षा का मुद्दा उठाया जा सके। नवीन जयहिंद के मुताबिक सरकार कश्मीरी पंडितों की रक्षा करने में नाकाम है। अब सरकार को चाहिए की कश्मीरी पंडितों को एके-47 दे, ताकि सरकार के भरोसे ना बैठकर कश्मीरी पंडित अपनी रक्षा अपने आप कर सकें।

यह कहना गलत नही होगा पहरावर गाँव मे जमीन मामले के बाद नवीन जयहिंद का कद हर पार्टी में बढ़ गया हैं और सोशल मिडीया पर उनके समर्थंक हजारो से लाखों में पहुँच गए हैं धीरे धीरे जयहिंद जनता के बीच अपनी पैठ बनाता जा रहा हैं और वह दिन दूर नही जब मजबूरी वश किसी न किसी दल को नवीन जयहिंद के बारे में सोचने पर विवश होना पड़ेगा क्योकि राजनैतिक दलों के नेताओ ने कहना शुरू कर दिया हैं कि हरियाणा में ब्राह्मण जाति नवीन जयहिंद को अपना नेता स्वीकार कर चुकी हैं

error: Content is protected !!