यो हरियाणा सै, जित रैलियों का जमाना सै

-कमलेश भारतीय

यो हरियाणा सै, जित रैलियों का जमाना सै । कल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रैलियों से हरियाणा भर में गहमागहमी रही । फतेहाबाद-सिरसा रोड पर भारी ट्रैफिक रहा और ऐसा ही हाल रहा कुरूक्षेत्र को जाने वाली सड़कों का । एक रविवार और फुल्ल राजनीति की मस्ती । बल्ले बल्ले । मौजां ही मौजां। फ्री की सैर और कहीं मुफ्त का खाना और सेवा पानी भी । बताओ और क्या चाहिए ? बस । इसी तरह रैलियां जल्दी जल्दी होती रहें । गरीबों की दाल रोटी चलती रहे । लगता है हरियाणा में सारी राजनीतिक पार्टियां चुनाव मोड में आ चुकी हैं । चुनाव आयोग भी तो रहे हैं नगर निकाय के । भाजपा ने जजपा से इन चुनावों में दोस्ती तोड़कर अलग अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है ।

अब रैलियां हैं तो दावे भी हैं और वादे भी हैं । आरोप भी हैं तो प्रत्यारोप भी हैं । जहां केजरीवाल कह रहे हैं कि भाजपा हरियाणा में खट्टर को बदल रही है और पूछ रहे हैं कि क्या खट्टर भ्रष्ट हैं ? वहीं खट्टर सिरसा के निकट की गयी रेली में कह रहे हैं कि मैं तो हरियाणा में भ्रष्टाचार का काल बन कर आया हूं और आठ सौ लोगों को जेल भेज चुका हूं । वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह रहे हैं कि हर रोज नये घोटाले उजागर हो रहे हैं और छोटी मछलियों को ही पकड़ रहे हैं और बड़ी मछलियों को बचाने में लगे हैं । यानी देखा जाये तो कल भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बन कर रैलियों में सामने आया । दूसरा मुद्दा वृद्धावस्था पेंशन का जिस पर छह हजार रुपये देने की घोषणा की हुड्डा ने । यानी देश में सबसे ज्यादा राशि देने की घोषणा ।

केजरीवाल को अपने स्कूलों पर बड़ा गर्व है और कहते हैं कि हमारे स्कूल देखने मेलानिया आईं , आपके स्कूल देखने कौन आया या आता है ? मोहल्ला क्लिनिक की भी चर्चा किया करते थे , अब नहीं करते । मनोहर लाल खट्टर की रैलियां प्रगति रैलियों के नाम पर तो हुड्डा की रैलियां विपक्ष आपके समक्ष के बैनर पर हो रही हैं । पेपरलीक घोटाले को हुड्डा व केजरीवाल दोनों ने अपनी अपनी रैलियों में प्रमुख तौर पर उठाया । जहां सत्ता पक्ष हमेशा अपनी सरकार की प्रगति की बात करता है , वहीं विपक्ष भ्रष्टाचार , अपराध और बेरोजगारी की बात करता है ।

खैर । कल का रविवार अनेक सवाल छोड़ गया और आने वाले रविवार नये नये नारों और वादों के साथ आते रहेंगे ।
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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