वर्चुअली संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री श्री अनिल विज और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति कमलेश ढांडा भी कार्यक्रम से जुड़ेंगे चंडीगढ़, 28 मई – प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, 30 मई को कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत लाभ एवं सेवाएं देंगे। प्रधानमंत्री वर्चुअली इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में अंबाला से हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज और जींद से महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति कमलेश ढांडा वर्चुअली जुड़ेंगी। गौरतलब है कि इस योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री द्वारा 29 मई 2021 को की गई थी। इसका उद्देश्य कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इन बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता के साथ आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के लिए जिला बाल संरक्षण इकाइयों और नागरिक समाज के सदस्यों की सहायता से उपायुक्तों द्वारा बच्चों की पहचान की गई है। इन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु के कारण को उचित सत्यापन के बाद पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर विवरण अपलोड किया गया था। यह योजना वित्तीय सहायता, भोजनालय, आवास, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य बीमा के लिए सहायता प्रदान करती है। महिला एवं बाल विकास विभाग, डाक विभाग, सामाजिक न्याय और आधिकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभागों के सहयोग से योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग है और जिला स्तर पर उपायुक्त नोडल प्राधिकारी हैं । हरियाणा राज्य में पायल और सौरभ नाम के 2 बच्चों के खाते में पहले ही 10 लाख रुपये का लाभ दिया जा चुका है। योजना के तहत राज्य के 93 बच्चों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 7.17 करोड़ की वित्तीय सहायता पहले ही प्रदान की जा चुकी है। बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही योजना इस योजना में चिन्हित बच्चों की आयु 18 वर्ष होने पर 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जबकि डाकघर मासिक आय योजना में 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के नाम 10 लाख रुपये की राशि जमा कराई गई है। इसके अलावा बच्चों को 18 वर्ष के बाद से 23 वर्ष की आयु तक मासिक वजीफा प्राप्त होगा। बच्चों को 23 की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख रुपये की राशि प्राप्त होगी। एसडीआरएफ द्वारा बच्चों को पहले ही प्रति मृतक माता-पिता की दर से 50 हजार रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जा चुका है। योजना में शिक्षा को दिया गया प्रमुख महत्व इस योजना में बच्चों की शिक्षा को प्रमुखता से महत्व दिया गया है। बच्चों को पास के केंद्रीय विद्यालय और निजी व सरकारी विद्यालयों में भर्ती कराया गया है। ऐसे बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय में 6 सीटें आरक्षित की गई हैं। बच्चों को यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तक और कापियां भी मुहैया कराई जाती हैं । सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा योजना के तहत कक्षा 1 से 12 तक विद्यालय में जाने वाले बच्चों को 20 हजार रुपये वर्ष की दर से छात्रवृति प्रदान की जा रही है। इसी तरह तकनीकि शिक्षा के लिए 50 हजार रुपये वर्ष की दर से छात्रवृति प्रदान की जा रही है। पॉलिटेक्निक में 2 अतिरिक्त सीटें आरक्षित की गई हैं । यूजीसी को बच्चों को समायोजित करने के लिए 2 अतिरिक्त सीटें बनाने के लिए कहा गया है। भारत भर में उच्च व व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध की गई है। पीएम केयर्स द्वारा कर्ज पर ब्याज का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान इस योजना के अंतर्गत बच्चों को 5 लाख रुपये प्रति वर्ष बच्चे के स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ आयुष्मान भारत-पीएम जय योजना में नामांकित किया गया है। प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। उपायुक्तों द्वारा स्वास्थ्य कार्ड पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। Post navigation कांग्रेस ही कर सकती है पिछड़े वर्ग के अधिकारों का संरक्षण- हुड्डा उड़ीसा से तस्करी कर लाया जा रहा 759 किलोग्राम से अधिक गांजा हरियाणा में जब्त, कीमत 1.5 करोड़