-इन्द्रपाल कालू ठाकर ने लगाई हाई कोर्ट में याचिका: बोले 1945 से चली आ रही है कालोकिया खानदान के नाम शामलात भूमि
-हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव, निदेशक, उपायुक्त, डीएमसी, नप ईओ, नप सचिव, तहसीलदार, डॉ अंचल दंपति को किए नोटिस जारी
– नक्शा शोरूम का बनाया बहुमंजिला मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, अधिकारियों की मिलीभगत से दबा दी थी जांच

भिवानी, 28 मई। बिना मलकियत शामलात भूमि पर प्रशासनिक व नगर परिषद अधिकारियों से सांठगांठ कर अंचल दंपति ने अवैध रूप से शोरूम का नक्शा लगाकर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल बनाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इन्द्रपाल कालू ठाकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने जारी किए नोटिस में शहरी निकाय विभाग के मुख्य सचिव, शहरी निकाय विभाग के निदेशक, भिवानी उपायुक्त, नगर परिषद डीएमसी भिवानी, नप ईओ भिवानी, नप सचिव भिवानी, पूर्व सचिव राजेश महता, तहसीलदार भिवानी, डॉ विनोद अंचल, डॉ अनीता अंचल, सरिता अंचल व एडवोकेट पवन अंचल, बिजेंद्र सिंह को नोटिस जारी किया है।

 भिवानी की दिनोद गेट जैन गली निवासी इन्द्रपाल ने 5 मई 2022 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। जिसमें बताया गया था कि 12 जनवरी 2018 को उसने उपायुक्त भिवानी को शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया था कि दिनोद गेट स्थित अंचल अस्पताल ने गलत दस्तावेज लगाकर शोरूम का नक्शा पास कराकर उस पर अवैध रूप से अस्पताल का बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा था। उपायुक्त ने 19 फरवरी 2018 को भिवानी एसडीएम को शिकायत पर जांच के आदेश दिए। लेकिन अधिकारियों से सांठगांठ कर ये जांच रिपोर्ट ही दबा दी गई और बिना मलकियत के ही शामलात भूमि पर अवैध रूप से बहुमंजिला अस्पताल का निर्माण कर डाला। इन्द्रपाल ने याचिका में बताया कि 2 नवंबर 2017 को नगर परिषद भिवानी ने डॉ विनोद अंचल से भूमि की मलकियत के दस्तावेज मांगे थे, लेकिन बिना मलकियत के दस्तावेज दिए ही अधिकारियों से सांठगांठ कर अंचल दंपति ने शामलात भूमि की जगह पर गलत तरीके से शोरूम का नक्शा पास कराकर अवैध रूप से बहुमंजिला अस्पताल भवन का निर्माण कर दिया। इसी मामले को लेकर अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से इन्द्रपाल ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इन्द्रपाल ने बताया कि दिनोद गेट पर जिस जगह अंचल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का बहुमंजिला भवन बना है, इसमें 604 वर्गगज जगह कालोकिया खानदान की है, जो वर्ष 1945 से आज तक कालोकिया खानदान के नाम से ही राजस्व विभाग के रिकार्ड में बदस्तूर चली आ रही है। जिसकी मलकियत भी लगातार 77 सालों से किसी भी व्यक्ति के नाम स्थानांतरित नहीं हुई है। 

भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की उठाई है हाई कोर्ट में मांग

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि 2017 में जिस समय अवैध अस्पताल भवन का निर्माण किया जा रहा था, तब से ही शिकायतें जिला प्रशासन को दी गई थी, मगर भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से न केवल अवैध रूप से अस्पताल भवन का बिना मलकियत शामलात भूमि पर अवैध अस्पताल निर्माण करा दिया, बल्कि गलत तरीके से नक्शा पास कराने में भी अधिकारियों ने अंचल दंपति की पूरी मदद की। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी और विभागीय कार्रवाई के लिए हाई कोर्ट में मांग की गई है। इस मामले में भिवानी नगर परिषद के पूर्व सचिव राजेश महता ने भी फर्जी नक्शा पास कराने में अंचल दंपति की पूरी मदद की थी, जो नगर परिषद के अन्य घोटालों में एफआईआर दर्ज होने पर भी अब नामजद हो चुका है। 

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