29 मई को हरियाणा में चार जगह शक्ति प्रदर्शन
रैलियों की भीड तय करेगी लोकप्रियता का पैमाना
कुरूक्षेत्र, फतेहाबाद, ओंढा व गुरुग्राम में जुटेंगी भीड़?
जजपा ने स्थागीत की टोहाना की रैली, ओंढा रैली में करेंगी भी शिरकत
ओपी चौटाला ने जारी किया भावुक संदेश

अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस और सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी नगर निकाय चुनाव के लिए तैयार हैं। इसका स्पष्ट नजारा राज्य में 29 मई को देखने मिलेगा। हरियाणा की जमीन एक बार फिर से राजनीतिक महाभारत भीड का शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है। भीड़ का पैमाना कोई राजनीतिक लोकप्रियता का आकलन नहीं होता, पर यह अवश्य है की जनता का रुझान अवश्य दिखाई देता है। जेठ की तपती दोपहरी में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा बड़ी रैलियों के जरिए सियासी हुंकार भरते नजर आएंगे तो सियासत मिजाज रुझान अवश्य देखने को मिलेगा। तीन बड़ी पार्टी की रैली हरियाणा में हो रही है। इन रैलियों में दिखाई देगा कि कौन कितने पानी में है।

एक ओर जहां केजरीवाल ने 19 जून को होने वाले निकाय चुनाव और 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों के आगाज के लिए कुरुक्षेत्र चुना। वहां क्या ऐलान करते हैं यह देखने वाली बात होगी। पंजाब की बंपर जीत के बाद अरविंद केजरीवाल की यह पहली रैली है। कुरुक्षेत्र जहां महाभारत हुआ और न्याय अन्याय की लड़ाई लड़ी गई अब बदलेगा हरियाणा की भीड़ ही आप पार्टी का हरियाणा में आगामी भविष्य तय करेगी । इसके लिए आप पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली तथा राजस्थान में जनसंपर्क अभियान चला हुआ है। किस क्षेत्र से कितनी भीड़ आ रही है इसकी भी पार्टी स्तर पर जानकारी एकत्रित की जाएगी।

आप के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता कहते हैं कि कुरुक्षेत्र की रैली हरियाणा की राजनीति के लिए गेम चेंजर होगी। उन्होंने कहा, ‘लोग अरविंद केजरीवाल के दिल्ली मॉडल और भ्रष्टाचार से मुक्त प्रशासन के साथ खासतौर से अच्छे स्कूल और अस्पतालों को देखना चाहते हैं। वहीं, दूसरी ओर खट्टर 2014 से लेकर अब तक केंद्र और आम जनता की पहलों पर बात करेंगे। इसके अलावा रैली आगामी चुनाव के लिए पार्टी कैडर तैयार करेगी।

वहीं, खट्टर ओंढा (सिरसा) और गुरुग्राम में रैली को संबोधित करते नजर आएंगे। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व के संकट में बड़ी भूमिका में नजर आए हुड्डा ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम के तहत फतेहाबाद में मौजूदगी दर्ज कराएंगे। 9 पूर्व विधायकों को अपने साथ फिर से जोड़ कर वह फार्म में दिखाई दे रहे हैं। 29 को फतेहाबाद में ‘विपक्ष आपके समक्ष’ के बैनर के नीचे होगी ‘बोनस दो – भर्ती खोलो’ रैली की भीड़ कांग्रेस और भूपेंद्र हुड्डा की ताकत का पैमाना मानी जायेगी। गुटबंदी में बंटी कांग्रेस की यह रैली कितनी सफल होगी यह देखने लायक है।

पूर्व सीएम हुड्डा अपने अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए भाजपा-जेजेपी सरकार की खामियां गिना रहे हैं। हाल ही में हुड्डा के वफादार माने जाने वाले उदय भान को हरियाण प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रमुख बनाया गया है। ऐसे में जब केजरीवाल और खट्टर दोनों ही राज्य में रैलियां कर रहे हैं, तो हुड्डा खेमा भी कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता।

उधर हरियाणा के मुख्यमंत्री की रैली को सफल बनाने के लिए चौधरी रणजीत सिंह ताकत झोंक रहे है । उनको निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा का भी साथ मिल रहा है। अब तो जजपा ने अपनी टोहाना रैली भी स्थगित कर दी वह भी अपने गृह क्षेत्र सरसा की औंढा रैली को सफल बनाने में जुट गई है। इस रैली में जुटी भीड़ इन लोगों की ताकत का एहसास कराएगी।

चोटाला परिवार का यह गृह जिला है और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल होने के बाद यह पहली रैली होने जा रही है। इनेलो की तरफ से कोई प्रत्यक्ष रैली नहीं है पर स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर ओम प्रकाश चौटाला ने एक वीडियो जारी कर भावुक संदेश देकर हरियाणा की जनता की झंझकोरने ओर हमदर्दी लेने का प्रयास भी किया है।

बड़े चौटाला का सन्देश एक कविता के रूप में है…

लो फिर हम बंद चले है फ़र्ज़ की ज़ंजीरों में, एक क़तरा आंसू नहीं गिरेगा चाहे देख लेना तस्वीरों में!!

चौधरी रणजीत सिंह अभय सिंह चोटाला तथा अजय सिंह चौटाला के जनता का नजरिया क्या है कभी देखने को मिलेगा। भाजपा, जजपा, चौधरी रणजीत सिंह के साथ गोपाल कांडा के लिए भी इस रैली में भीड़ एक चुनौती रहेगी वैसे मुख्यमंत्री खुद भी इस रैली को सफल बनाने के लिए सिरसा जा चुके हैं। वे ढेर सारा विकास के लिए पैसे देने की घोषणा कर चुके हैं।

आगामी 29 मई को गुरुग्राम में होने जा रही मुख्यमंत्री की दूसरी विकास रैली होगी जिसमें तावडू, पटौदी और गुरुग्राम क्षेत्र के लोगों की भागीदारी अहम है, जो विकास के नए रास्ते खोलेगी। यह बातें बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री की रैली को लेकर भाजपा विधायक कुंवर सिंह लगे हुए है। गुरुग्राम में मुख्यमंत्री की प्रगति रैली की ही चर्चा रही है, चाहे वे भाजपाई हों या आमजन। विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और इन प्रतिक्रियाओं से लगता ऐसा है कि मुख्यमंत्री की इस रैली से भाजपाईयों और आम जनता में कोई उत्साह नहीं है। पहली बात तो यह है कि मुख्यमंत्री का गुरुग्राम में आना कोई नई बात नहीं है। मुख्यमंत्री अमूमन गुरुग्राम में ही रहते हैं। अत: उनकी प्रगति रैली आम जनता के लिए कोई महत्व नहीं रखती। दूसरी बात यह है कि कोई भाजपाई मुंह से बोले न बोले लेकिन सभी भाजपाइयों के मन में इस बात की शिकायत है कि इस रैली का संयोजक बादशाहपुर के निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद को बनाया गया है। बिना राव इंद्रजीत सिंह के शिरकत के यह रैली कितने कामयाब हो पाएगी यह भी देखने वाली बात होगी।

इन रैलियों के लिए सभी पार्टी के नेताओं ने पूरा जोर लगा रखा है कहीं ढील रह गई तो जोड़ गुणा लगाया जाएगा। जिस का पलड़ा भारी होगा वह इसको आगे भूनाएगा। कहीं की कमी ना हो सभी जोर लगा रहे हैं। निकाय चुनाव में पार्टियों पूरा जोर लगाएगी। यह चुनाव सेमीफाइनल के रूप में होगा यह शहरों की सरकार कहा जाता है। इस पर ही रैलियों पर ज्यादा फोकस रहेगा। नेताओं द्वारा रैलियों में बोले गए हर शब्द पर जनता की नजर रहेगी।

पर यह निश्चित है इन रैलियों के समाप्त होते ही निकाय चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा होनी शुरू हो जाएगी। उधर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा कर दी है कि वह पिछड़ा वर्ग के अधिक उम्मीदवार मैदान में उतारेगी वह यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया और कोर्ट में चुनौती मिलने के कारण उसे लागू नहीं किया जा सका।

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