मृतक की पहचान शिवा पुत्र सत्यवीर निवासी डहीना रेवाड़ी के रूप में.
पटौदी नगर पालिका के वार्ड एक में रह रहा था किराए पर मृतक.
मृतक ने सुसाइड नोट में इंदरजीत और हैप्पी को ठहराया जिम्मेदार

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
पटौदी नगर पालिका में कार्यरत एक सफाई कर्मचारी के द्वारा सुसाइड किया जाने का मामला सामने आया है । मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, इस सुसाइड नोट में मृतक के द्वारा दो लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है । सूचना मिलने के बाद पटोदी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच घटनास्थल का मुआयना किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के साथ ही मामले की जांच पड़ताल आरंभ कर दी है ।

पटौदी पुलिस को दी गई शिकायत में मृतक के भाई चंचल पुत्र सत्यवीर निवासी फतेहपुरी टप्पा डहीना जिला रेवाड़ी के द्वारा बताया गया है कि वह दो भाई है तथा तीन बहने शादीशुदा हैं । उसके बड़े भाई का नाम शिवा है , जो कि पटौदी नगर पालिका में बतौर सफाई कर्मचारी कार्य कर रहा था । पुलिस में दी गई शिकायत में चंचल के द्वारा बताया गया है कि उसको सूचना मिली कि उसके भाई शिवा ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है । यह जानकारी मिलने के बाद वह पटौदी भाई के रहने वाले ठिकाने पर पहुंचा। मृतक शिवा की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है । पुलिस को दी गई शिकायत में मृतक शिवा के भाई चंचल के द्वारा बताया गया है कि सुसाइड नोट में शिवा ने अपनी मौत के लिए इंद्रजीत और हैप्पी जोकि भुरथल रेवाड़ी के ही रहने वाले हैं , इन दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस को दी गई शिकायत में मृतक के भाई चंचल के द्वारा कहा गया है कि सुसाइड नोट में शिवा के द्वारा अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराए गए इंद्रजीत और हैप्पी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

जानकारी के मुताबिक इंद्रजीत और हैप्पी दोनो भाई है , जोकि गांव भूरथला कोसली के रहने वाले हैं। पटौदी पालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारी शिवा जिसकी उम्र लगभग 22-23 वर्ष बताई गई है, उसके द्वारा जहां वह रह रहा था वहीं पर ही पंखे से लटककर सुसाइड किया गया घटना की जानकारी मिलने के बाद सीन ऑफ क्राइम टीम तथा डॉक्टर विनोद के द्वारा भी घटनास्थल सहित हालात का बारीकी से जायजा लिया गया । पुलिस के पहुंचने के बाद ही मृतक के शव को पंखे से नीचे उतारा गया । मृतक शिवा के भाई चंचल के द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर पटोदी थाना में सुसाइड नोट में मौत के लिए जिम्मेदार ठहराए गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 34 के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्यवाही सहित जांच पड़ताल आरंभ कर दी गई है।

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