चण्डीगढ,  9  मई – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने चहंुमुखी विकास के लिए जिला सुशासन सूचकांक तैयार करने का निर्णय लिया है ताकि जिला स्तर पर तुलनात्मक अध्ययन करके राज्य स्तर का विकास सूचकांक तैयार किया जा सके। इससे जिलों के विकास की आपसी सकारात्मक स्पर्धा होने से राज्य का विकास सूचकांक बढेगा और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश अव्वल राज्य बनेगा ।  

मुख्य सचिव आज यहां राज्य विशेषकर जिला सुशासन सूचकांक के विकास को लेकर आयोजित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में वितायुक्त राजस्व एवं आपदा विभाग श्री पी के दास, वित एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी वी एस एन प्रसाद, प्रशासन एवं क्रमिक विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल व निदेशक विकास एवं पंचायत विभाग श्री धीरेन्द्र खड़गटा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा 10 सैक्टरों पर तैयार किए गए 58 विकास सूचकंाक का गहन अध्ययन करें और अपने राज्य की भौगोलिक एवं कलस्टर आधारित स्थिति पर जिला विशिष्ठ सूचकांक बनाएं। इनमें कृषि एवं अलाईड सैक्टर, काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, मानव संसाधन विकास, जनस्वास्थ्य, नागरिक आधारभूत संरचना एवं सुविधाएं, समाज कल्याण एवं विकास, वितीय समावेश, न्याय एवं जन सुरक्षा, पर्यावरण, नागरिक केन्द्रीय शासन शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में सरकार नागरिकों को सुशासन उपलब्ध करवाने के लिए कटिबद्व है। इसीलिए सरकार सुशासन की दिशा में पहले ही अनेक फैसले लेकर कार्य कर रही है। सुशासन के माध्यम से आॅनलाइन सुविधाएं प्रदान कर जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहंुचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने भारत सरकार की तर्ज पर आम जन की सुविधा के लिए सुशासन प्रक्रिया शुरू की है। वर्ष 2014 से प्रदेश में सुशासन दिवस भी मनाया जा रहा है।    

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