अवैध रूप से उप-विभाजित भूखंडों को नियमित करने और भूखंड मालिकों को मूल रूप से आवंटित भूखंडों को तर्कसंगत रूप से उप-विभाजित करने की अनुमति देने के लिए एक पथप्रदर्शक कदम…. चंडीगढ़, 6 मई – अवैध रूप से उप-विभाजित भूखंडों को नियमित करने और भूखंड मालिकों को मूल रूप से आवंटित भूखंडों को तर्कसंगत रूप से उप-विभाजित करने की अनुमति देने के लिए एक पथप्रदर्शक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसे नियमित करने की एक नीति निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की गई। नीति का उद्देश्य, नियोजित योजना में निर्धारित उपयोग को बदले बिना हरियाणा के नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित नगर आयोजना योजनाओं, पुनर्वास योजनाओं, सुधार न्यास योजनाओं में भूखंड के अवैध उप-विभाजन को विनियमित करने एवं आवासीय भूखंडों के उप-विभाजन की अनुमति के लिए दिशानिर्देश और मानदंड जारी करना है। नीति के तहत केवल 1980 से पहले की नियोजित योजना में स्थित भूखंडों के नियमितीकरण और उप-विभाजन पर विचार किया जाएगा। नियमितीकरण एवं नये उप-विभाजन के लिए पात्र न्यूनतम भूखण्ड का आकार 200 वर्ग मीटर होगा। उप-विभाजित भूखंड का आकार 100 वर्ग मीटर से कम नहीं होगा। मूल लेआउट में दर्शाई गई सडक़ से उप-विभाजित प्लॉट तक पहुंच होनी चाहिए। ऐसे सभी उप-विभाजित भूखंडों में हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 के पार्किंग दिशानिर्देशों के अनुसार भूखंड के भीतर पार्किंग प्रावधान होने चाहिएं। नीति के अनुसार, 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से प्रतिभूति शुल्क लिया जाएगा। अवैध रूप से उप-विभाजित प्लाट और उप-विभाजन के नियमितीकरण हेतु नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा समय-समय पर अधिसूचित (आवासीय प्लाट हेतु) लाइसैंस फीस के 1.5 गुणा की दर से लाइसैंस फीस ली जाएगी। नए उप-विभाजन के लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा अधिसूचित लाइसेंस फीस (आवासीय प्लॉट) लागू होगी। नियोजित योजना में भूखंडों को निवासियों द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुसार अवैध रूप से उप-विभाजित किया गया है। आगे पारिवारिक विभाजन के कारण भूखंडों को अवैध रूप से उप-विभाजित किया गया था क्योंकि ऐसी कोई नीति नहीं है जो नियोजित योजना में उप-विभाजन की अनुमति देती हो। ऐसे अवैध रूप से उप-विभाजित भूखंडों के मालिक अपनी भवन योजना को अपनी संबंधित नगर पालिकाओं से अनुमोदित नहीं करवा सकते हैं। वे लागू उपनियमों, संहिताओं का उल्लंघन करके अवैध ढांचों का निर्माण कर रहे हैं। अत: हरियाणा के नगरपालिका क्षेत्र में नगर आयोजना योजना, पुनर्वास योजना, सुधार न्यास योजना में स्थित प्लाटों के अवैध उप-विभाजन के नियमितीकरण और भूखण्डों के नये उप-विभाजन के लिए नीति को स्वीकृति प्रदान की गयी है। Post navigation कैबिनेट ने ठेकेदार पंजीकरण नियम-2022, हरियाणा को दी मंजूरी शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने 6वीं से 10वीं कक्षा की इतिहास के नये पाठ्यक्रम वाली पुस्तकों का किया टैब से लोकार्पण