पिछले आठ सालों में प्रदेश में एक भी नया बिजली संयंत्र नहीं लगाया पर खट्टर सरकार ने चार चालु बिजली संयंत्र खत्म किये आग लगने पर कुआँ खोदने की घोषणा भर से काम नहीं चलेगा, बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करे सरकार चंडीगढ़, 29 अप्रैल, 2022 – हरियाणा में चल रहे बिजली संकट के लिए भाजपा-जजपा सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने आठ साल में एक भी बिजली संयंत्र नहीं लगाया, उल्टा पानीपत में चार चलते हुए बिजली के कारखानों को बंद कर तोड़ दिया गया। अब जब प्रदेश में बिजली के लिए हाहाकार मची है तो भाजपा “आग लगने पर कुआँ खोदने” की कहावत के अनुसार मुख्यमंत्री यमुनानगर में बिजली का नया कारख़ाना लगाने की बात कर रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार हमारे बार-बार जगाने के बावजूद नहीं जागी और अहंकार में सब ठीक होने के दावा करती रही पर आज मुख्यमंत्री स्वयं यह मानने पर मजबूर हुए हैं की यह बिजली संकट की भयावह स्थिति अगले दो सप्ताह से पहले ठीक नहीं हो पाएगी। कितनी चिंताजनक बात है की मुख्यमंत्री 15 मई से पहले हरियाणा में बिजली की दिक्कत ठीक होने की केवल उम्मीद ही जता रहे हैं और उनके पास कोई ठोस कार्य योजना नहीं है। प्रदेश के बंद पड़े बिजली कारखानों को तुरंत चालू करने की मांग करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खेदड़ में एक 600 मेगावाट की एक यूनिट पिछले 19 महीने से और झज्जर में 660 मेगावाट एक अन्य यूनिट पिछले 7-8 महीने बंद पड़ी रही, लेकिन पूरी सरकार और उसके नुमाइंदे सत्ता के नशे में बेखबर सोए पड़े रहे, जिसकी सज़ा आज प्रदेश की जनता भुगत रही है। मुख्यमंत्री खट्टर से मुखातिब हो सुरजेवाला ने कहा कि आप यमुनानगर में जिस बिजली संयंत्र को लगाने की आज बात कर रहे हैं, 2014 से पहले उसी यमुनानगर और पानीपत में दो नए प्लांट लगाने के लिए कांग्रेस की हमारी सरकार ने सारी प्रक्रियाएँ पूरी करके छोड़ गए थे, जहाँ पांच साल पहले ही बिजली संयंत्र चालू हो जाने चाहिए थे। सुरजेवाला ने कहा की हरियाणा में सरकार की ओर से फिलहाल 1.62 करोड़ यूनिट से ज्यादा बिजली की कमी बताई जा रही है, जो लगता है केवल आधी सच्चाई है। पूरा हरियाणा प्रदेश इस समय अभूतपूर्व बिजली संकट से जूझ रहा है, जिसके लिए केवल और केवल भाजपा सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा की उद्योगों से लेकर सभी शहरों-कस्बों और गावों में लंबे-लंबे कट का रोस्टर जारी कर दिया गया है। आज प्रदेश के थर्मल प्लांटों में कोयला का स्टाक भी काफी कम बचा हुआ है। इससे आने वाले समय में और ज्यादा बड़ा बिजली संकट खड़ा होने का खतरा है। उन्होंने पुछा कि बिजली के मामले में सरकार ने पहले हमारी बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया? वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने पुछा कि प्रदेश सरकार अदाणी ग्रुप पर मेहरबानी दिखाते हुए पिछले एक साल से 2.94 रुपये प्रति यूनिट की दर से 1,421 मेगावाट बिजली क्यों नहीं ले रही, जबकि कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2008 में अदाणी ग्रुप से 25 वर्ष तक सस्ती बिजली खरीदने का अनुबंध किया हुआ था। उन्होंने पूछा की सस्ती बिजली के उस समझौते के बावजूद हरियाणा सरकार अन्य विकल्पों से पांच-छह गुणी महंगी बिजली खरीद कर प्रदेश की जनता पर बोझ क्यों डाल रही है ? Post navigation प्रथम स्वतंत्रता संग्राम शहीदी स्मारक आगामी एक वर्ष की समयावधि में बनकर तैयार हो जाएगा : मनोहर लाल यमुनानगर में 750 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता का संयत्र स्थापित करने में केंद्र द्वारा हरियाणा को पूर्ण सहयोग किया जाएगा।