नूँह – नूँह विधायक व कॉंग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफ़ताब अहमद ने नूँह ग्रिवेन्स कमेटी में मंत्री बनवारी लाल व जिला प्रशासन के समक्ष किसानों की जोरदार पैरवी करते हुएअत्याधिक बारिश से ख़राब हुई फसल के मुआवजे की मांग को उठाया।

आफ़ताब अहमद ने कहा इस बार मेवात में अत्याधिक बारिश के कारण हज़ारों एकड़ भूमि पर फसल प्रभावित हुई, अगली फसल पर भी संकट के बादल छा गए।

इस मामले को नूँह विधायक आफ़ताब अहमद ने  विधानसभा में भी उठाया था  28000 एकड फसल के मुआवजे की मांग की थी, प्रदेश सरकार ने नूँह को छोड़ दिया था।

27 जनवरी को नूँह उपायुक्त के माध्यम से विधायक आफ़ताब अहमद ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा और धरना प्रदर्शन किया था 

7 अप्रैल को मुआवजे की मांग के मामले को फिर जिला उपायुक्त नूँह से मिलकर उठाया, फिर 11 अप्रैल को कमिश्नर से मिलकर किसान भाइयों को मुआवजे का मामला उठाया था।

विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा की फिलहाल हालत ये है कि जिला उपायुक्त ने 12 अप्रैल को पूरी रिपोर्ट वित्तीय कमिश्नर रेवेन्यू को भेज दिया है, 26000 एकड़ फसल की रिपोर्ट भेजी है, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।

आफ़ताब अहमद ने मंत्री बनवारी लाल से मांग कि की सरकार किसानों का मुआवजा दे ताकि गरीब किसान अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। उन्होंने कहा कि इस बार किसान की फसल का उत्पादन 35% कम हुआ है जिससे उनको परिवार चलाना मुश्किल हो गया है,किसान चारा खरीदने में भी विवश नज़र आ रहे हैं क्योंकि चारा प्रति एकड 25 हज़ार रूपये तक पहुँच गया है।

आफ़ताब अहमद ने कहा की मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री ने सदन में वायदा किया था कि किसानों को मुआवजा दे दिया जायगा, इसलिए दोनों को अपने वायदे को निभाना चाहिए।

मंत्री बनवारी लाल ने आफ़ताब अहमद की बात से सहमति जताते हुए माना कि इस बार किसानों को नुकसान ज्यादा हुआ है, उन्होंने सकारत्मक आश्वासन देते हुए कहा कि मामले में संज्ञान लिया जायगा।

इस दौरान मेवात के कई गाँवों में असामाजिक तत्वों द्वारा हथियारों से हमले का मामला भी उठा जिसमें नूँह विधायक चौधरी आफ़ताब अहमद, झिरका विधायक चौधरी मामन खान की मंत्री बनवारी लाल व जिला उपायुक्त व पुलिस कप्तान से बंद कमरे में बैठक हुई। बैठक में दोनों विधायकों ने मंत्री से कठोर कानूनी कारवाई की मांग की है।

बता दें कि मेवात में इस मामले को लेकर खासा रोष है, आफ़ताब अहमद मामले को चंडीगढ़ में व स्थानीय विधायक व सामाजिक लोग जिला प्रशासन के समक्ष कानूनी कारवाई को लेकर उठा चुके हैं।

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