भूजल संसाधनों का हाइड्रोजियोलॉजिकल डेटा नेटवर्क बनेगा – देवेन्द्र सिंह

विश्व बैंक ने हरियाणा में अटल भूजल योजना की प्रगति की समीक्षा की

चण्डीगढ, 23 अप्रैल – हरियाणा में केंद्र सरकार और विश्व बैंक की भागीदारी से क्रियान्वित अटल भूजल प्रबंधन योजना के तहत भूजल संसाधनों का हाइड्रोजियोलॉजिकल डेटा नेटवर्क बनाया जाएगा। इससे प्रत्येक गांव की जल सुरक्षा योजना तैयार की जाएगी और इसे अगले चार वर्षों में लागू किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में सामुदायिक और जागरूकता गतिविधियों से सामुदायिक संस्थानों का निर्माण, भूजल संसाधनों का प्रबंधन तथा हितधारकों की क्षमता निर्माण करना है।
विश्व बैंक और भारत सरकार की टीम ने हरियाणा का दौरा किया और अटल भूजल योजना की प्रगति की समीक्षा की। दो दिन के दौरे के दौरान टीम ने कुरुक्षेत्र के गांवों का दौरा किया और पंचकूला विश्राम गृह में राज्य स्तरीय कार्यशाला में भाग लिया।  
कार्यशाला में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंदर सिंह, अटल भूजल योजना के विश्व बैंक कंट्री लीड श्री सत्या प्रिया, जल प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, कृषि विभाग के निदेशक श्री हरदीप सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजिनियर इन चीफ डॉ सतबीर सिंह कादियान, अटल भूजल योजना हरियाणा के निदेशक श्री उमेश बाल पाण्डे, राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई के तकनीकी विशेषज्ञ, संबंधित विभागाध्यक्ष,  जिला नोडल अधिकारी और अन्य अधिकरियों ने भाग लिया।

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंदर सिंह ने गिरते भूजल स्तर को सुधारने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने नागरिकों को भूजल स्तर के वास्तविक आंकड़े उपलब्ध करवाते हुए उन्हें अदृश्य-दृश्यमान बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए भूजल प्रबंधन की साझा रणनीति समुदाय-आधारित ंस्थानों को मजबूत करेगी। यह भूजल पुनर्भरण को भी बढ़ाएगी और इससे जल उपयोग दक्षता उपकरणों में सुधार होगा।

उन्होंने राजकोषीय विकेंद्रीकरण पर जोर देते हुए कहा कि अटल जल कार्यक्रम न केवल राज्य संस्थानों पर केंद्रित है बल्कि राजकोषीय विकेंद्रीकरण की दिशा में भारत सरकार के कदम का समर्थन करता है। अटल भूजल प्रबंधन योजना में केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि से इस योजना को राज्य में खण्ड व जिला स्तर तक कार्यान्वयन किया जाना है।

जल प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि जिन विभागों की नीतियों को अटल भूजल योजना में लाया जा सकता है उनके कार्यकर्ताओं को एक साथ लाने के लिए जल प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने इस कार्यक्रम से लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी कम्यूनिटी भागीदारी पर भी जोर दिया।

कृषि विभाग के निदेशक श्री हरदीप सिंह ने ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के बारे में अवगत करवाते हुए कहा कि योजना के तहत किसानों को गैर-धान फसलांे को बढ़ावा देने के लिए 7000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। फसलों के लिए एमएसपी भी सुनिश्चित की जाती है। अटल भूजल योजना के इंजिनियर इन चीफ डॉ सतबीर सिंह कादियान बताया कि हरियाणा ने 1300 ग्राम पंचायतों की जल सुरक्षा योजना तैयार की है। हरियाणा में टिकाऊ भूजल संसाधनों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चार वर्षों में लगभग 45000 प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।

अटल भूजल योजना के विश्व बैंक कंट्री लीड श्री सत्य प्रिया ने अटल जल हरियाणा टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने हरियाणा में भूजल की कमी को नियंत्रित करने के लिए विश्व बैंक से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने फील्ड टीम को बाजरा, तिलहन और दालों जैसी जल-संवेदनशील फसलों के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित करने का भी सुझाव दिया।

कार्यशाला में अटल भूजल योजना के लिए तकनीकी सहायता एजेंसी पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए 8 मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) मैनुअल का अनावरण किया गया। तकनीकी सहायता एजेंसी के टीम लीडर डॉ अनिल गौतम और समन्वयक श्री महेंद्र वाधवानी ने कहा कि यह एसओपी कुशल निगरानी और मूल्यांकन दृष्टिकोण को अपनाकर वांछित लक्ष्य प्राप्त करने में राज्य की मदद करेंगे।

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