वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक श्री जयराम शिक्षण संस्थान की छात्राएं सौभाग्यशाली हैं जो संस्कृति एवं संस्कारों के साथ कुरुक्षेत्र की धरती पर शिक्षा ग्रहण कर रही हैं : कंवरपाल।श्री जयराम शिक्षण संस्थान में संस्कृति एवं संस्कारों से युवाओं की मजबूत नींव : डॉ. सोमनाथ सचदेवा।कन्याओं को शिक्षित करना ही समाज के प्रति सबसे बड़ा योगदान : ब्रह्मचारी।श्री जयराम शिक्षण संस्थान के चौथे दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री कंवरपाल एवं कुलपति डॉ. सोमनाथ सचदेवा ने करीब 250 छात्राओं को डिग्रियां वितरित की। कुरुक्षेत्र, 23 अप्रैल : भगवान श्री कृष्ण के श्रीमुख से उत्पन्न हुई पावन गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र के श्री जयराम शिक्षण संस्थान में डिग्रियां हासिल कर रही छात्राएं सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें संत महापुरुषों के आर्शीवाद से संस्कृति एवं संस्कारों के साथ शिक्षा दी गई। यह विचार हरियाणा के शिक्षा मंत्री, संसदीय कार्य मंत्रालय, पर्यटन एवं वन विभाग, कला विभाग, आतिथ्य क्षेत्र विभाग हरियाणा सरकार कंवरपाल ने श्री जयराम शिक्षण संस्थान के चौथे दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्राओं को स्नात्तक एवं स्नातकोत्तर की डिग्रियां वितरित करते हुए व्यक्त की। इस मौके पर दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने की। कार्यक्रम में श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं श्री जयराम शिक्षण संस्थान के चेयरमैन ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, संस्थान के उपाध्यक्ष टी.के. शर्मा, निदेशक एस.एन. गुप्ता, श्री जयराम कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सुदेश रावल, जयराम बी.एड. कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रतिभा श्योकंद, जयराम पॉलिटेक्निक की प्राचार्या मनप्रीत कौर एवं जयराम पब्लिक स्कूल की प्राचार्या अंजू अग्रवाल भी मौजूद रही। शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि समाज में बहुत कम लोग शिक्षित होकर स्नातक तथा स्नातकोत्तर तक पहुंच कर डिग्री हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि डिग्री हासिल करना ही जीवन का मुकाम नहीं है बल्कि डिग्री हासिल करने के बाद समाज में अभी बहुत कुछ सीखना है। हासिल की गई शिक्षा को समाज में उपयोग में लाकर जीवन में अभी बहुत कुछ करना है। शिक्षा मंत्री ने श्री जयराम शिक्षण संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि इसकी स्थापना उन संत महापुरूषों द्वारा की गई है जिन्होंने समाज कल्याण के उद्देश्य से शिक्षण संस्थान स्थापित किए। उन्होंने कहा कि जयराम शिक्षण संस्थान में मिली प्रेरणा ही जीवन की सच्ची प्रेरणा है। जयराम शिक्षण संस्थान कन्याओं को शिक्षित करके देश को उन्नत्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए अग्रसर कर रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कारों की शिक्षा ही सच्ची शिक्षा है जो इस संस्थान में दी जा रही है। संस्कार जीवन में सबसे जरूरी है। शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर जयराम महाराज और देवेन्द्र स्वरूप ब्रह्मचारी द्वारा समाज के लिए किए कार्यों को याद किया। उन्होंने धर्म पर चर्चा करते हुए कहा कि नैतिकता का पालन करना ही सच्चा धर्म है। अपने अध्यक्षीय भाषण में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सोमनाथ सचदेवा ने दीक्षांत समारोह में डिग्रियां हासिल कर रही छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें शिक्षित करने में उनके अभिभावकों के साथ शिक्षकों एवं समाज के अनेकों लोगों का योगदान है। उन्होंने कहा कि केवल डिग्री को हासिल कर लेना ही जीवन का लक्ष्य नहीं है। अभी समाज के लिए बहुत कुछ करना है यही शिक्षा समाज में काम आएंगी। कुलपति ने कहा कि श्री जयराम शिक्षण संस्थान में संस्कृति एवं संस्कारों की मजबूत नींव के साथ जो शिक्षा दी जाती है वह समाज के लिए महत्त्वपूर्ण है। यही मजबूत नींव युवाओं के द्वारा समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान भी है। उन्होंने कहा कि इस दीक्षांत समारोह के बाद ही विद्यार्थियों के जीवन की वास्तविक शुरूआत है। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि समाज में जो कुरीतियां थी और समाज को मजबूत करने के लिए कन्याओं को समानता के स्तर पर लाने के उद्देश्य से गुरुओं की प्रेरणा से श्री जयराम शिक्षण संस्थान की स्थापना की गई थी। बेटियों की रक्षा और सुरक्षा के लिए उनका शिक्षित होना भी बहुत जरूरी है। आज बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ बेटी बसाओ का लक्ष्य भी निर्धारित होना चाहिए। आज जयराम संस्थान की वास्तविक कमाई बेटियों को शिक्षित करना ही है। अगर बेटियां शिक्षित होंगी तो समाज मजबूत होगा। ब्रह्मचारी ने कहा कि श्री जयराम संस्था एक धार्मिक संस्था है जिस प्रकार समाज सेवा और समाज को मजबूत करना है। आज श्री जयराम संस्थाओं के ट्रस्टी गुरुओं की प्रेरणा से कार्य कर रही है। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने छात्राओं को डिग्रियां वितरित करने के उपरांत प्रतिभाशाली तथा मेरिट में आने वाली छात्राओं को मैडल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में बी.एड. कॉलेज प्राचार्या डॉ. प्रतिभा श्योकंद तथा कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सुदेश रावल ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि समाज में जो कुरीतियां थी और समाज को मजबूत करने के लिए कन्याओं को समानता के स्तर पर लाने के उद्देश्य से गुरुओं की प्रेरणा से श्री जयराम शिक्षण संस्थान की स्थापना की गई थी। बेटियों की रक्षा और सुरक्षा के लिए उनका शिक्षित होना भी बहुत जरूरी है। आज बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ बेटी बसाओ का लक्ष्य भी निर्धारित होना चाहिए। आज जयराम संस्थान की वास्तविक कमाई बेटियों को शिक्षित करना ही है। अगर बेटियां शिक्षित होंगी तो समाज मजबूत होगा। ब्रह्मचारी ने कहा कि श्री जयराम संस्था एक धार्मिक संस्था है जिस प्रकार समाज सेवा और समाज को मजबूत करना है। आज श्री जयराम संस्थाओं के ट्रस्टी गुरुओं की प्रेरणा से कार्य कर रही है। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने छात्राओं को डिग्रियां वितरित करने के उपरांत प्रतिभाशाली तथा मेरिट में आने वाली छात्राओं को मैडल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में बी.एड. कॉलेज प्राचार्या डॉ. प्रतिभा श्योकंद तथा कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सुदेश रावल ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। परमाध्यक्ष ब्रह्मचारी द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेट किए गए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कंवरपाल द्वारा श्री जयराम शिक्षण संस्थान को 21 लाख रूपए की धनराशि देने की घोषण की गई। कार्यक्रम में के.के. कौशिक, कुलवंत सैनी, टेक सिंह, लोहार माजरा, सुरेन्द्र गुप्ता, पूर्व एच.सी. अधिकारी प्रेम सिंह, डी.के. गुप्ता, राजेश सिंगला इत्यादि उपस्थित रहे। Post navigation विदेशी नागरिकों की सुविधा के लिए मोबाइल एप्प सु-स्वागतम किया गया लॉन्च : डॉ0 अंशु सिंगला एनआईटी कुरुक्षेत्र में काव्यांजलि बनी कन्फ्लुएंस’ 22 का मुख्य आकर्षण केंद्र