चौ.च.सिं.ह.कृ.वि. में मनाया गया विश्व पृथ्वी दिवस हिसार : 23 अपै्रल – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध हो रहे दोहन पर चिंता व्यक्त करते हुए धरती की सुरक्षा के लिए लोगों से इस पर चिंतन करने का आहवान किया है। उन्होंने कहा मनुष्य को जीने के लिए जिन प्रकृतिक संसाधनों की आवश्यकता है उन्हे पृथ्वी प्रदान करती है। परन्तु समय के साथ प्राकृतिक संसाधनों का दोहन इस प्रकार बढ़ गया है कि सभी संसाधन समय से पहले समाप्त हो सकते हैं। इस स्थिति में मानव जाति का पृथ्वी पर जीवित रह पाना असंभव हो जाएगा। प्रो. काम्बोज ने ये विचार विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय की आवासीय फार्म कालोनी में बनने जा रहे नए पार्क में पौधा रोपण करने के उपरांत व्यक्त किए। इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय की भू-दृश्य इकाई की ओर से किया गया था। उन्होंने कहा लगातार वृक्षों की कटाई, प्राकृतिक संसाधनों के साथ छेड़छाड़, कृषि में विभिन्न प्रकार के रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग, प्लास्टिक आदि के प्रयोग से धरती के स्वरूप के साथ-साथ पर्यावरण खराब होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में समाज को अहम कदम उठाते हुए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। पृथ्वी को स्वस्थ व पहले की भान्ति बनाने के लिए हम सभी को इसे स्वच्छ व हरा भरा बनाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा पृथ्वी दिवस भी पृथ्वी और इसके वातावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा इस वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस की थीम ‘हमारे ग्रह में निवेश करें’ है। यह थीम हमें हमारे स्वास्थ्य, हमारी आजीविका की रक्षा करने के लिए एक जुट होकर इस ग्रह में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे पूर्व भृ-दृश्य इकाई के नियंत्रण अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने कुलपति का स्वागत करते हुए उपरोक्त पार्क की संरचना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा पार्क के शुभारंभ पर किंग पॉम और कलेर डेड्रान के पौधे रोपे जाएंगे जबकि वर्षा के मौसम में इसमें और पेड़ लगाए जाएंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे तथा पौधे रोपित किए। Post navigation गांव बुढा खेड़ा…मृतकों के प्रत्येक परिवार को 50-50 लाख रूपये की सहायता और स्थाई सरकारी नौकरी दी जाए : सैलजा हरियाणवी संस्कृति को अच्छी दिशा में ले जाने का प्रयास : नरेंद्र चहल