भाजपा सरकार निजीकरण लाकर आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म करके असमानता को और बढ़ा रही है दलित व पिछड़ा विरोधी मानसिकता वाली व संविधान खत्म करने की साजिश रचने वाली इस बीजेपी को कोई अधिकार नही बाबा साहेब की जयंती मनाने का 16/4/2022 :- ‘सामाजिक समरसता, समानता एवं कर्तव्यनिष्ठा की प्रतिमूर्ति, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत देश के संविधान रचयिता, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जन्म जयंती पुरे देश में बड़े धूमधाम से मनाई गई, सत्ताधारी बीजेपी ने भी अम्बेडकर के प्रति अपनी सच्ची निष्ठा दिखाने में कोई कसर नही छोड़ी। देश के हर राज्य के प्रत्येक जिले में भाजपा द्वारा संविधान निर्माता की जयंती मनाना जहां कई सवाल छोड़ गई वहीं महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने बीजेपी के इन कार्यक्रमों को केवल राजनीतिक स्टंट बताते हुये प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होनें कहा की संविधान को खत्म करने व दलितों-पिछडों के प्रति नफरत रखने वाली इस सरकार में इन वर्गों पर सर्वाधिक अन्याय व अत्याचार हुआ है। उन्होने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा सरकारी आंकड़ों को ही सच मानें तो पिछले चार वर्ष में दलित विरोधी हिंसा के मामलों में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है. साल 2014 में अनुसूचित जाति के साथ अपराधों के 40,401 मामले, 2015 में 38670 मामले व 2016 में 40,801 मामले दर्ज किए गए. आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान हिंदुस्तान में हर 15 मिनट में किसी न किसी दलित के साथ कोई न कोई आपराधिक घटना घटी। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश इस मामले में टॉप प्रदेशों में शामिल रहे। वर्मा ने कहा कि बीजेपी राज में दलित उत्पीड़न की ऐसी घटनाएं घटीं, जिसने मोदी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ वाले दावे की पोल खोल कर रख दी। हाथरस रेप काण्ड ने तो पुलिस सिस्टम में ही जातिवाद को साबित कर दिया, एससी/एसटी एक्ट से छेड़खानी करके इस दलित विरोधी सरकार ने जातिवादी गुण्डो को संरक्षण प्रदान करने का काम किया है। महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि अगर बीजेपी अम्बेडकर के नाम पर वोट की राजनीति नही कर रही तो वो दबे, कुचले, वंचित व पिछड़े वर्ग के इन लोगों को सही अर्थों में संवैधानिक हक़ प्रदान करे। उन्होनें कहा कि एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ में दलितों का उत्पीड़न इसी सरकार में किया जा रहा है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2014 के बाद दलित उत्पीड़न के मामलों में 66 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि बाबा साहेब की मूर्तियां भी सबसे ज्यादा इसी बीजेपी राज में जातिवादी गुन्डो द्वारा तोडी गई, सभी दलित उत्पीड़न के मामलों में प्रशासनिक अमले की संवेदनहीनता रही, जिसके लिए सीधे तौर पर सरकार दोषी है। उन्होनें कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति ( अत्याचार निवारण ) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर किये जाने के खिलाफ दो अप्रैल को किये गये भारत बंद के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 11लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गये थे। किन्तु इस हिंसा के लिए जिम्मेदार किसी भी उच्चवर्गीय अपराधी के खिलाफ कार्यवाही इस सरकार द्वारा नही की गई। उन्होनें कहा कि रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या, तमिलनाडु में 17 साल की दलित लड़की का गैंगरेप और हत्या, तेज़ म्यूज़िक के चलते सहारनपुर हिंसा, भीमा कोरेगांव हिंसा, डॉक्टर पायल तड़वी की सरकारी सिस्टम द्वारा की गई हत्या। घोड़ी पर बैठने पर दलित दूल्हे की हत्या, मूछें रखने पर मार डालना व जेएनयू हिंसा प्रकरण सहित इन सभी मामलों की पूरे देश में चर्चा हुई लेकिन सिलसिला फिर भी रुका नहीं बल्कि इस सरकार में इस तरह के अपराध और ज्यादा पोषित हुए। वर्मा ने कहा कि 1949 में बाबा साहेब का पुतला फुकनें वाली इस आरएसएस और भाजपा को हमेशा से इनकी विचारधारा से चिढ़ रही है। ये लोग हमेशा उनके विचारों को खत्म करने पर लगे रहे हैं। उन्होनें कहा कि भाजपा संविधान का अपमान करती है, ऐसे में इन्हें बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाने का अधिकार नहीं है, ये बीजेपी केवल वोट बैंक की राजनीति करने के लिए अम्बेडकर जी के नाम पर दलितों के सामने नतमस्तक है, इनका आत्मसमर्पण उस वक्त और देखने लायक होता है जब ये लोग चुनावों में वोटों की फसल काटने के लिए दलितों के घर खाना खाने जाते हैं। भाजपा अम्बेडकर जयंती मनाने का ढोंग करने की बजाये इन्हे इनका संवैधानिक हक़ दिलाय, आज देश में व्याप्त भय के माहौल के बीच इस भाजपा सरकार को दलितों को न्याय दिलाने के लिए अपना राजधर्म निभाना चाहिए, क्योंकि दलितों को न्याय दिलाने वाले कानूनों को कमजोर कर दिया गया है। उन्होनें कहा कि न्यायपालिका में दलितों व पिछडों का प्रतिनिधित्व नगण्य होने की वजह से भी इस वंचित तबके को न्याय नही मिल पाता. इसलिए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में आरक्षण दिए जाने की ज़रूरत है। महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि सरकार निजीकरण लाकर आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म करके इस असमानता को और बढ़ा रही है इस बीजेपी राज में छूआछूत और भेदभाव का रुप बदल गया है, स्पृश और अस्पृश जैसी नफरत के स्थान पर अब इस दबे कुचले लोगों को उनके हक़ और अधिकारों से वंचित करके जातिय नफरत कायम रखी जा रही है। नौकरियों में एससी और बीसी वर्ग के बैकलॉग को खाली रखकर व सरकारी संपतियों को बेचकर निजीकरण को बढावा देकर इस वर्ग के हितों से कुठाराघात किया जा रहा है, जबकी तमाम अवसरों और संसाधनों पर पहला हक़ होना चाहिए देश की इस आधी आबादी का। Post navigation डायल 112 बनी वरदान, 10 मिनट में जहर पीडि़त महिला को पहुंचाया अस्पताल “जीतन राम मांझी जैसे लोग धरती पर बोझ है, इन्हें हिंदुस्तान के इतिहास और संस्कृति का नहीं पता”- गृह मंत्री अनिल विज