पीपीपी के साथ 43 विभागों की 443 सेवाएं और योजनाएं एकीकृत चंडीगढ़, 14 अप्रैल – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के तहत सत्यापन के क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ डेटा की सुरक्षा बनाए रखना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक प्रत्येक लाभार्थी के घरद्वार तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवाओं और योजनाओं का दायरा बढ़ा रही है। वर्तमान में, परिवार पहचान पत्र के साथ 43 विभागों की 443 सेवाओं और योजनाओं को एकीकृत किया गया है और अब 120 अन्य सेवाओं व योजनाओं को इसके साथ जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (एचपीपीए) की चौथी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान उन्हें बताया गया कि राज्य में अब तक 67 लाख से अधिक परिवार पीपीपी के साथ पंजीकृत हैं और सत्यापन, सुधार मॉड्यूल, शिकायत निवारण आदि की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए विभिन्न विकल्प बनाए गए हैं ताकि आवेदक को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री को बताया गया कि अब नागरिकों को जाति प्रमाण पत्र, पीडीएस सेवाएं, आयुष्मान भारत और वृद्धावस्था सम्मान भत्ता जैसी सेवाओं के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते और ना ही उन्हें कोई दस्तावेज जमा करवाना पड़ता है क्योंकि ये सेवाएं पोर्टल पर उपलब्ध हैं। श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार दिन-रात यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि लोगों का जीवन आरामदायक हो और उन्हें अपनी पारिवारिक आय बढ़ाने और उन्नती करने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि ऐसी कल्याणकारी सेवाओं एवं योजनाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है ताकि निचले स्तर तक आम लोगों में उन बारे जागरूकता उत्पन्न की जा सके। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर इन योजनाओं एवं सेवाओं से संबंधित एक दिवसीय सेमिनार और लोगों की आशंकाओं एवं संदेहों को दूर करने के लिए सत्र आयोजित किये जाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को सरकार की कल्याणकारी नीतियों से जोड़ा जा सके। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण द्वारा डेटा से छेड़छाड़ से बचने के लिए विभिन्न पहल की गई हैं, जिसके लिए पैनल में शामिल एजेंसियों की मदद से समय-समय पर नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट शुरू किया जाएगा। डेटा की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी और पीपीपी के डेटा की सुरक्षा के लिए बैकअप बनाए जाएंगे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पीके दास, एचपीपीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विकास गुप्ता, मानव संसाधन विभाग की सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, मानव संसाधन के विशेष सचिव श्री चंद्रशेखर खरे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation बाबा साहेब अम्बेडकर ने जीवन भर देश के नागरिकों के समान अधिकारों के लिए संघर्ष किया: अभय सिंह चौटाला हाई पॉवर परचेज कमेटी ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद को दी मंजूरी