चंडीगढ़, 12 अप्रैल  –  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की सोच के अनुरूप साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधियों को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग निरंतर प्रयासरत है । इसी के चलते हर वर्ष इन क्षेत्रों में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है ताकि युवा पीढ़ी इनसे प्रेरणा लेकर समाज निर्माण में अहम भूमिका निभा सके।

हरियाणा साहित्य अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष तथा सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने इस सम्बन्ध में  जानकारी देते हुए बताया कि अकादमी ने वर्ष 2021 के लिए साहित्यकारों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि अकादमी द्वारा पिछले 7 वर्षों में साहित्यकार सम्मान योजना के अंतर्गत हिंदी एवं हरियाणवी के लगभग 100 साहित्यकारों को सम्मानित किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि जिन साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा उनमें कुरुक्षेत्र के पद्मश्री डा. जय भगवान गोयल को आजीवन साहित्य साधना के लिए विशेष साहित्य साधना सम्मान प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार, मंडी अटेली, महेन्द्रगढ़ के  श्री रोहित यादव को समग्र लेखन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किए जाने वाला आजीवन साहित्य साधना सम्मान, फरीदाबाद के हरेराम समीप को महाकवि सूरदास सम्मान, भिवानी के डा. रमाकांत शर्मा को पंडित माधो प्रसाद मिश्र सम्मान, कैथल के प्रद्युम्न भल्ला को बाबू बालमुकुन्द गुप्त सम्मान, नारनौल के श्री रघुविन्द्र यादव को लाला देशबन्धु गुप्त सम्मान, भिवानी के श्री वी.एम. बैचेन को पंडित लखमीचंद सम्मान, करनाल के श्री लहना सिंह अत्री को जनकवि मेहर सिंह सम्मान, दिल्ली के डॉ. राजेन्द्र गौतम को हरियाणा गौरव सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि इसी प्रकार, फरीदाबाद की श्रीमती अंजु दुआ जैमिनी एवं श्रीमती नमिता राकेश को श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान, महेन्द्रगढ़ के श्री शमशेर कौसलिया को कवि दयाचंद मायना सम्मान, सोनीपत की सुश्री श्रुति राविश को स्वामी विवेकानंद युवा लेखक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जिन साहित्यकारों को विशेष हिंदी सेवी सम्मान से पुरस्कृत किया जाएगा, उनमें सोनीपत के डॉ. शिव कुमार खंडेलवाल, रोहतक के श्री रवि शर्मा लंदन, अम्बाला के डॉ. सुरेन्द्र गुप्त, रोहतक की श्रीमती आशा खत्री लता, दिल्ली के श्री राजेश चेतन और हिसार के श्री महेन्द्र जैन शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि साहित्य को समाज का आइना कहा जाता है। लेखक, रचनाकार व कवि अपनी भावनाओं को रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत कर समाज को एक नई दिशा देते हैं। इसे देखते हुए अकादमी द्वारा युवाओं को लेखन के प्रति प्रेरित करने के लिए युवा लेखन सम्मान की राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने तथा पुरस्कारों की संख्या दो से बढ़ाकर चार करने तथा प्रकाशित पुस्तकों की संख्या एक से बढ़ाकर तीन करने का निर्णय लिया है।

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