प्रशासनिक न्यायिक अधिकारी और जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आश्वासन का सम्मान. पटौदी बार, बार काउंसिल मेंबर, गुरुग्राम बार पदाधिकारियों की हुई समन्वय बैठक. न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर और पटौदी बार के बीच सहमति के बाद फैसला फतह सिंह उजाला गुरुग्राम । जिला गुरुग्राम के पटौदी सब डिवीजन के पटौदी ज्यूडिशल कोर्ट कंपलेक्स में न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर की अदालत के बहिष्कार को पटौदी बार काउंसिल के द्वारा स्थगित करने का महत्वपूर्ण फैसला जनहित में किया गया है । सोमवार को पटौदी कोर्ट परिसर में ही पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल के मेंबर एडवोकेट अजय चौधरी, पैरेंटल बार एसोसिएशन गुरुग्राम बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एडवोकेट विनोद कटारिया, झज्जर बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एडवोकेट जितेंद्र खत्री, पूर्व प्रेजिडेंट एडवोकेट देवेंद्र कादयान, पटौदी बार काउंसिल के प्रेसिडेंट एडवोकेट संदीप यादव, सचिव एडवोकेट मनीष यादव, उप प्रधान एडवोकेट अशोक शर्मा, सह सचिव एडवोकेट विष्णु चौहान, कोषा अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता राव के अलावा बार काउंसिल पटौदी के अन्य सदस्य एडवोकेट भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि पटौदी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर के द्वारा पटौदी बार काउंसिल के एक एडवोकेट सदस्य के खिलाफ लिखे गए फैसले में की गई व्यक्तिगत टिप्पणी को पटोली बार काउंसिल के द्वारा पटौदी न्यायिक अधिकारी के अधिकार क्षेत्र से बाहर ठहराते हुए उनकी अदालत का बहिष्कार करने की घोषणा बीते 9 मार्च को कर दी गई थी। अपने इस बहिष्कार के फैसले की जानकारी पटौदी बार काउंसिल के द्वारा 10 मार्च को ही ओपन हाउस एडवोकेट की बैठक के साथ ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायिक अधिकारी अगस्टाइन जॉर्ज मसीह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरुग्राम सूर्य प्रताप सिंह, पटौदी एसडीजेएम सहित अन्य न्यायिक अधिकारियों के पास दस्तावेज एवं साक्ष्य भेज कर न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर की अदालत के अनिश्चितकालीन बहिष्कार के विषय में अवगत करा दिया गया था । इसी बीच में 2 दिन के लिए पटौदी कोर्ट में संपूर्ण सभी अदालत का भी बहिष्कार किया गया। पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों के पास भेजी गई मांग में और व्यक्तिगत रूप से पहुंचे प्रतिनिधिमंडल सदस्यों के द्वारा एक ही मांग रखी गई थी कि न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर का पटौदी कोर्ट से जब तक ट्रांसफर नहीं हो जाता, उनकी अदालत का बहिष्कार जारी ही रहेगा। इसी बीच पटोदी बार एसोसिएशन की मांगों के समर्थन में बीते एक अप्रैल को संपूर्ण हरियाणा में जिला और उपमंडल स्तरीय बार एसोसिएशन के द्वारा भी एक दिन का वर्क सस्पेंड कर पटौदी बार एसोसिएशन की मांग का समर्थन किया गया । कथित रूप से जो आश्वासन वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों के द्वारा बातचीत के दौरान एडवोकेटस प्रतिनिधिमंडल को दिया गया, वह पूरा होता हुआ नहीं देख पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा एक अप्रैल के बाद से पटौदी कोर्ट में सभी तीनों अदालत का सोमवार तक बहिष्कार जारी रहा। इस दौरान सभी अदालतों में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित होते हुए ठप रहने से वादी प्रतिवादीयों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है । इसी बीच में पटोदी बार एसोसिएशन और न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर के बीच उपजे विवाद को सुलझाने अथवा समाधान कराने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूर्य प्रताप सिंह भी पटौदी कोर्ट में पहुंचे थे, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। 9 मार्च से 31 मार्च तक न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर की अदालत का बहिष्कार और इसके बाद एक अप्रैल से पटौदी कोर्ट में सभी अदालत का बहिष्कार किया जाने को देखते हुए, इस पूरे प्रकरण को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूर्य प्रताप सिंह और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायिक अधिकारी अगस्टाइन जॉर्ज मसीह के संज्ञान में लाया जाने के बाद वादी प्रतिवादीयों को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए इस पूरे विवाद का समाधान निकालने के गंभीर प्रयास अंततः सोमवार को सफल होते दिखाई दिए । पटौदी कोर्ट परिसर में ही ओपन हाउस बैठक में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल के मेंबर एडवोकेट अजय चौधरी, गुरुग्राम बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विनोद कटारिय,ा झज्जर बार काउंसिल के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र खत्री, पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट देवेंद्र कादयान के अलावा पटौदी बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी और एडवोकेट्स मेंबर भी मौजूद रहे । यहां पर काफी लंबे समय तक इस बात को लेकर गंभीरता से चर्चा की गई की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायिक प्रशासनिक अधिकारी और जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा इस पूरे विवाद को जनहित में समाप्त करने के लिए फिर से पटौदी बार काउंसिल को अपने बहिष्कार के फैसले पर एक बार फिर विचार करने की सलाह देते हुए बहिष्कार को और अधिक लंबा नहीं खींचने की बात कही गई । पटौदी कोर्ट परिसर में ही मौजूद सभी जिम्मेदार और विवाद के समाधान के लिए पहुंचे एडवोकेट सदस्यों के बीच भी विचार विमर्श के बाद पटोदी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर भी पहुंचे। यहां पर पटौदी बार काउंसिल और न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर के बीच पिछली सभी बातों को भुलाते हुए जनहित में वादी प्रतिवादीयों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए कथित रूप से आश्वासन दिया गया कि भविष्य में एडवोकेट के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करते हुए पूरे आपसी तालमेल और समन्वय के साथ में कार्य किया जाएगा । इस फैसले का मौके पर मौजूद सभी एडवोकेट सदस्यों के द्वारा स्वागत किया गया। इसके साथ ही पटौदी बार काउंसिल के द्वारा न्यायिक अधिकारी मोहम्मद सगीर की अदालत के बहिष्कार के फैसले को स्थगित कर दिया गया । अब इस फैसले के बाद पटौदी कोर्ट में मंगलवार से पहले की तरह से सभी अदालतों में कार्य सामान्य दिनों की तरह से आरंभ हो जाएगा और बीते करीब 40 दिन से वादी प्रतिवादीयों को हो रही परेशानी से भी राहत प्राप्त होगी। Post navigation अनिश्चितकालीन धरना दिन-67…..भारतीय सेना में रेजिमेंट गठन के 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