वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र :- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के व्यवसाय प्रशासन विभाग, और मानविकी और सामाजिक विज्ञान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र द्वारा 9-10 अप्रैल 2022 को संयुक्त रूप से “मूल्य आधारित शिक्षा” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पहले दिन, मुख्य अतिथि केके अग्रवाल, अध्यक्ष एनबीए और इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली के पूर्व कुलपति और प्रो बीवी रमना रेड्डी, माननीय निदेशक, एनआईटी कुरुक्षेत्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का उद्घाटन किया।

कार्यशाला के प्रारंभ में व्यवसाय प्रशासन विभाग के प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार ने स्वागतसम्बोधन किया। इसके बाद, माननीय निदेशक बी.वी. रमण रेड्डी ने मूल्य आधारित शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए प्रतिभागियोंकासम्बोधन किया। बाद में, प्रोफ़ेसर के.के. अग्रवाल ने अपने मुख्य अतिथि संबोधन में, स्थिरता और मूल्यों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता और मूल्यों और प्रौद्योगिकी के बीच आवश्यक संतुलन की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। उन्होंने आने वाले समय में मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने में नई शिक्षा नीति 2022 द्वारा निभाई जाने वालीभूमिका पर भी चर्चा की। इसके बाद उद्घाटन सत्र के लिए डॉ. विकास चौधरी प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा आभार प्रकट कियागया।

प्रथम विशेषज्ञ वार्ता में, डॉ. मंजीत सिंह, प्रोफेसर यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ एप्लाइड मैनेजमेंट, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला ने कहा कि देश का विकास राजनीतिक सदस्यों की एकमात्र जिम्मेदारी नहीं है और इसके अलावा, केवल रचनात्मक कार्यों से ही उचित विकास हो सकता है। दूसरे विशेषज्ञ प्रो. एच.डी. चरण राष्ट्रीय समिति सार्वभौमिक मानव मूल्य, एआईसीटीई, दिल्ली के अध्यक्ष ने समग्र मूल्य आधारित शिक्षा की आकाँक्षाओंऔर मानव की पूर्ण क्षमता को कैसे विकसित किया जा सकता है, इस पर चर्चा की है। दिन की अंतिम वार्तामें डॉ. धनंजय जोशी, कुलपति, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय, दिल्ली, डॉ. एमएन बंदोपाध्याय, पूर्व निदेशक, एनआईटी कुरुक्षेत्र और डॉ. जीएस मूर्ति, पूर्व प्रोफेसर, आंध्र विश्वविद्यालय, हैदराबाद, मूल्य आधारित शिक्षा पर पैनल चर्चा के लिए शामिल हुए।

अंत में, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज कौशिक ने पैनल सत्र का समापन किया। कार्यशाला में एनआईटी कुरुक्षेत्र के विभिन्न विभागों के डीन, प्रोफेसर, फैकल्टी सदस्य, विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि, शोधार्थी और एनआईटी कुरुक्षेत्र के विभिन्न विभागों के छात्र शामिल थे।

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