“श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ” संगठन की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं 5वां राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न।
श्री गुरु रविदास जी किसी एक जाति या संप्रदाय के गुरु नहीं थे, अपितु पूरी मानव जाति के पथ-प्रदर्शक थे: मनोहर लाल

चंडीगढ़ – श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप मेहरा ने जानकारी दी कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ संगठन की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारणी एवं 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन श्री गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला के प्राँगण में धार्मिक नगरी कुरुक्षेत्र में सम्पन्न हुआ। जिसका शुभारंभ हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रये जी ने 9 अप्रैल को किया था। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास के विचारों, व्यवहार, गुणों व शिक्षाओं से युगों-युगों तक समाज को मार्गदर्शन मिलता रहेगा। इस महान व्यक्तित्व के जीवन दर्शन से सामाजिक समरसता, समानता और बंधुत्व की राह अग्रसर होती है।

वहीँ हिमांचल प्रदेश के राज्यपाल महामहिम श्री राजेंद्र अर्लेकर जी भी बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे। उन्होंने इस अधिवेशन में पहुंचे सभी पदाधिकारियों को श्री गुरु रविदास जी महाराज की शिक्षाओं से अवगत कराया। वहीँ अपने स्वैच्छिक कोष से श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के लिए 5 लाख रुपये राशि देने की घोषणा भी की।

वहीं आज दूसरे दिन हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन में श्री गुरु रविदास मंदिर कुरुक्षेत्र में पूजा अर्चना की और गुरु जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीपशिखा प्रज्जवलित कर समापन सत्र का विधिवत रुप से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज ने सामाजिक परिवर्तन एवं मानवता के विकास के लिए जो अलख जगाई, उसकी रोशनी आज भी समाज का पथ-प्रदर्शन कर रही है। श्री गुरु रविदास जी किसी एक जाति या संप्रदाय के गुरु नहीं थे, अपितु पूरी मानव जाति के पथ-प्रदर्शक थे। उनकी शिक्षाओं, विचारों को आज प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है। आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करना एक सराहनीय कार्य है। इस देश में समय-समय पर संत महात्माओं, ऋषि-मुनियों और पीर-पैगम्बरों और गुरुओं ने भूली-भटकी मानवता को जीवन का सच्चा रास्ता दिखाया है।

आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास किसी एक जाति या संप्रदाय के गुरु नहीं थे, वे पूरी मानव जाति के पथ-प्रदर्शक थे। उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए थी। उनकी वाणी, आदर्श और शिक्षाएं आज भी अजर-अमर है और सदा मानवता के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेंगी। उन्होंने भक्ति आंदोलन से समाज सुधार करने का साहसिक और ऐतिहासिक कदम उठाया, जिससे उस समय जात-पात, अंधविश्वास और ऊँच-नीच में उलझे समाज में एक नई जागृति आई। संत शिरोमणि गुरु रविदास ने समाजवाद की ऐसी परिकल्पना की, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अन्न मिले और समाज में कोई भी छोटा-बड़ा ना हो, सभी एक समान हो।

श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ने अनेकों कीर्तिमान स्थापित किए है। इस पीठ के माध्यम से वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक लगातार अधिवेशनों का आयोजन कर संत गुरु रविदास की वाणी और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया गया।

श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश राठौर ने कहा कि 11 मार्च 2018 को हरिद्वार की पावन धरा से इस महापीठ की स्थापना की गई थी। आज इस महापीठ ने एक भव्य स्वरूप धारण कर लिया है। इस महापीठ का उद्देश्य संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की वाणी, विचारों और उपदेशों को जन-जन तक पहुंचा कर समाज को एकता के सूत्र में बांधने का प्रयास किया जा रहा है।

हरियाणा के सहकारिता मंत्री और इस कार्यक्रम के सयोंजक डा. बनवारी लाल और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन सूरजभान कटारिया ने देश प्रदेश से पहुंचे विश्व महापीठ के सभी पदाधिकारियों का कुरुक्षेत्र हरियाणा में आने पर स्वागत किया, वहीं अपने विचार भी व्यक्त किये।

इस मौके पर हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रये, हिमाचल के महामहिम राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, महापीठ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य दुष्यंत कुमार गौतम, महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रविदासाचार्य सुरेश राठौर, केंद्रीय राज्यमंत्री एवं महापीठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए.नारायण स्वामी, हरियाणा के सहकारिता मंत्री एवं महापीठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. बनवारी लाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय सांपला, अंतरराष्ट्रीय महामंत्री आत्माराम परमार, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन सूरजभान कटारिया, बिहार के कैबिनट मंत्री जनकराज चमार, राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार, महामंत्री सूरज कैरो, कोषाध्यक्ष धर्मवीर, महापीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप मेहरा, प्रदेशाध्यक्ष हितेंद्र चौधरी सहित अधिवेशन में पहुंचे 13 राज्यों के प्रदेशाध्यक्षों सहित विश्व महापीठ के राष्ट्रीय एवं विभिन्न प्रदेशों के पदाधिकारी उपस्थित रहें।

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